gunahon ka Saudagar by rahul | Hindi Novel | Grehlakshmi
gunahon ka Saudagar by rahul

लेखक का परिचय: – राहुल

राहुल एक ऐसे उपन्यासकार हैं जो धड़कते दिलों की दास्तां इस तरह बयान करते हैं कि पाठक सम्मोहित हो जाता है। प्रेम चिढ़ाना, दर्द का अहसास, नायिका के दिल का दर्द, नायक के दिल की कठोरता उसकी कहानियों में दयालु शब्द हैं। प्रेम सागर में भी राहुल अपने पाठकों से घुल-मिल जाते हैं। उनके उपन्यास की खास बात यह है कि आप इसे पूरा पढ़े बिना नहीं छोड़ना चाहेंगे।

गुनाहों का सौदागर

Hindi Novel Gunahon ka Saudagar : यद्यपि इलाके में लूटपाट और अपराध की कई वारदातें हो चुकी थीं, और लोग अन्धेरा होते ही अपने घरों में घुस जाते थे, फिर भी रात के साढ़े नौ बजने पर भी लाला सुखीराम की दुकान अभी तक खुली थी, जबकि उस रोड पर सामने गर्ल्स कॉलेज की लम्बी चारदीवारी थी।

गर्ल्स कॉलेज के गेट से मौरिस रोड के चौराहे तक कॉलेज की दीवार के सामने बड़े-बड़े लोगों की कोठियां थीं, जिनके फाटक आठ बजे से ही बंद हो जाते और घरों में न्यूज, सीरियल वगैरह के बाद लोग केबल टीवी देखने में लग जाते।

लाला सुखीराम जान-बूझकर इसलिए अपनी दुकान देर तक खोले रहता था कि अड़ौस-पड़ौस की कोठियों के लेक्चरारों, प्रोफेसरों और दूसरे उच्चपदाधिकारियों के यहां के नौकर डिनर के बाद ही निबटकर सुबह के ब्रेकफास्ट के लिए डबलरोटी, मक्खन, दूध की थैलियां, जेली, जेम, बिस्कुटों के पैकेट और अंडे वगैरह लेने निकलते थे।

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