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मां का प्यार( कभी नहीं बदलता)-गृहलक्ष्मी की लघु कहानी

बात उन दिनों की है ,जब मेरी शादी हो गई और मैं ससुराल गई ससुराल में करीब तीन महीने रही । क्योंकि मायके आने का शादी के बाद मुहूर्त बन नही रहा था ,जिसके कारण मैं अपनी मां से पहली बार तीन महीने दूर रही । मुझे रह—रह कर अपनी मां की बहुत याद आ […]

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ख़तरनाक नहीं होती, सासु मां-गृहलक्ष्मी की लघु कहानी

Short Story: सुरीली के पास बैठी दूर के रिश्ते की ननद बोली, “तुम्हारी सास के तेजपन के चर्चे दूर-दूर तक है, थोड़ा सम्भल कर ही रहना!” सुरीली ने जब यह सुना तो सोचने लगी सास तो होती ही है थोड़ी तेज, कोई बात नहीं, मेरी माँ भी तो मुझे डांटती थी, वह सुन चुप-चाप बैठी […]

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खरा सोना-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Hindi Story: संध्या की सास को अचानक से ब्रेन हेमरेज हो गया। 70 साल से अधिक उम्र है। बुढ़ापा है, पता नहीं कर्म की कौन सी गति में फंसना पड़ जाए जो सांस अटकी रह जाती है। संध्या के पति हेमंत दिन रात अपनी माता की सेवा में लगे हुए हैं। पैसा भी अंधाधुंध उठ […]

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रिटायरमेंट-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Hindi Short Story: पूरे ऑफिस में आज जश्न का महौल था। आज राम प्रसाद वर्मा जी के ऑफिस से रिटायर होने के उपलक्ष में एक पार्टी रखी गई थी।  वर्मा जी को ईस ऑफिस में काम करते ३२ साल होगेए थे। वह एक मामूली हेल्पर से पदोन्नति पाते हुए डिस्पैच में क्लर्क बन गए थे। […]

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एक मुलाकात-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Short Story in Hindi: विश्वास को नई-नई सरकारी स्कूल में नौकरी मिली थी।सुबह – सुबह ठीक 8 बजे उसे अपने नए स्कूल में सहायक अध्यापक के रूप में कार्यभार संभालना था, रात में उत्सुकता, जोश एवं रोमांच के कारण सो नहीं पाया।उसे बस से लगभग 10 किमी जाना था,वो बस स्टॉप पर समय से पहले […]

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“टियर ग्लैंड”-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Hindi Short Story: जब किसी को कोई गंभीर बीमारी हो जाती है तो बंदा उसके बारे में किसी से ज़िक्र नहीं करता लेकिन मैं ऐसी नहीं हूं। आज आप सभी को मैं उस राज के बारे में बता रही हूं जिसको जानने के बाद आप ईश्वर से मेरे लिए प्रार्थना अवश्य करेंगे। दरअसल मुझे रोने […]

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हंसना-मुस्कुराना दोनों है साथ-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Hindi Short Story: हंसना मुस्कुराना दोनों हैं अपने हाथअच्छे का इंतजार करते करतेजो मिला था वह भी गंवा दियातृष्णा रही बहुत कुछ पाने कीजिसने दिया उसी को भुला दियाजीवन निकल गया मिला कुछ नहींजो चल रहा है उसी में मज़ा लीजिएहर वक्त क्यों रहते हो तनाव मेंअपने आप को मत यूं सजा दीजिए हंसना मुस्कुराना […]

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ऑक्सीजन: गृहलक्ष्मी की कहानियां

Grehlakshmi Story: गणेश विहार कॉलोनी में आज का दिन भी रोजाना की तरह था। कुछ लोग ऑफिस के लिए निकल रहे थे तो कुछ लोग अपने कार्यों को निपटाने में लगे थे। सहसा आरा मशीन के चलने की आवाज लोगों के कानों के पर्दे चीरने लगी जो कॉलोनी की मुख्य सड़क पर बने पार्क से […]

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मैंने बचपन को जिया है इस शहर में-गृहलक्ष्मी की लघु कहानी

Hindi Kahani: उत्तराखंड का एक प्रमुख हिल स्टेशन रानीखेत जिसकी प्राकृतिक सुंदरता देखते ही बनती है, यही मेरी जन्मस्थली है ,जहां मेरा बचपन गुजरा, दसवीं तक मैंने रानीखेत में ही रहकर पढ़ाई की, फिर उसके बाद पापा का रिटायरमेंट हो गया और हम लोग दूसरे शहर हल्द्वानी आकर बस गए ,आज शादी के बाद में […]

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“मायका और भाई”-गृहलक्ष्मी की लघु कहानी

Hindi Kahani: उसके घर बीसों साल बाद गया था। देखते ही वह मुझे पहचान गई; मैं भी बिना किसी से पूछे बेहिचक उसके पैर छुए। मैं भी पहचान गया था, क्यों न पहचानता उसे वह मुझे अपने गोद में लेकर घुमाने ले जाती और खेल खिलाया करती थी।आज उसका गोरा चिट्टा चेहरा झुर्रियों से परिपूर्ण […]