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डेस्टिनी : एस. बलवंत

उस दिन हसीना जब वापिस घर पहुंची तो सलमा को देख दंग रह गई। सलमा का कुंआरापन लुट चुका था। उसकी कोमल सी काया रौंदी हुई थी। सलमा स्वयं भी हसीना की ओर देखती रही जैसे बहुत कुछ कहना चाहती हो। पर कहा केवल आंखों और दिल के द्वारा ही। जैसे कोई भी भाषा उसकी […]