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स्त्री जीवन हमेशा-गृहलक्ष्मी की ​कविता

Hindi Poem: स्त्री जीवन  हमेशा किताब सा रहाज़िल्द पर शीर्षक था त्याग और समर्पण कापहले पन्ने पर कर्तव्यों की सूची आईप्रस्तावना प्राचीन थीकर्तव्य और  बीमारियों पर प्रश्नचिन्ह रहेरेखांकित किये गये सदा अवगुणचरित्र महत्वपूर्ण पन्ना थामाफ़ करते जाना अहम विषयप्रेम देना अनिवार्य थाऔर  मिलना परीक्षक की मर्जी, भावनाओं को कभीपढ़ा ही नहीं गयाप्रश्न पूछने की अनुमति उन्हें […]

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माँ तुम कितनी बदल गई हो -गृहलक्ष्मी की कहानियां

Mother’s Story: रोहित जोर से बोला, “माँ…ओ…माँ ! कब तक मोबाईल पर रील्स देखती रहोगी? मुझे भूख लगी है, खाना दो….न…! Also read: अपनी माँ जैसी ही बन गई-गृहलक्ष्मी की कहानियां

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माँ के बुलंद हौसले-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Story of Mother: कोविड की महामारी ने लोगों से ना केवल उनके अपनों को सदा के लिए उनसे छीन लिया, बल्कि लाखों लोगों को बेरोज़गारी के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया। आलम ये हो गया था कि लोगों के पास जीवन निर्वाह करने के भी पैसे नहीं बचे थे। ऐसी ही एक संघर्ष भरी […]

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” समाज की जननी “-गृहलक्ष्मी की कहानियां”

Story of Women: ” नीलिमा बेटा ज़रा जल्दी करना तुम्हें मालूम है ना आज तुम्हारी नौकरी का पहला दिन है , पहले ही दिन तुम देरी से नहीं जाना , और हां प्रेरणा को भी बोलना ज़रा जल्दी तैयार हो जाए आज उसका भी नौकरी के लिए साक्षात्कार है , मेरी तुलसी माता मेरी बेटियों […]

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बेटी की मां रानी-गृहलक्ष्मी की कहानी

Story for Mother: “मां! नित्या को अभी- अभी एयरपोर्ट पर छोड़ कर लौटी हूं..सुबह दस बजे पहुंच जाएगी और पूरे एक महीने तुम्हारे साथ रहेगी..तुमलोग खूब मज़े करना…और सुनो..तुम्हारे लिए एंटी रिंकल क्रीम भेजा है..उसे रोज रात में लगाना …देखना पहले जैसी लगने लगोगी.. ““मुझे बूढ़ा नहीं होने दोगे तुमलोग …” कहकर वह हँसने लगीं […]

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स्त्रियों को शाप – महाभारत

अश्वत्थामा के जाने के बाद पांडवों ने अपने मृत बंधु-बांधवों का अंतिम संस्कार किया। इसके बाद युद्ध में मारे गए स्वजन का तर्पण करने के लिए कुंती, पांडव, धृतराष्ट्र, गांधारी, सुभद्रा, द्रौपदी, उत्तरा और भगवान श्रीकृष्ण गंगा नदी के तट पर आए और उन्हें जलांजलि देने लगेे। जब कुंती ने कर्ण के नाम की जलांजलि […]

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कुछ कहो ना मां- गृहलक्ष्मी की कहानियां

Grehlakshmi Ki Kahani: चीनू घर आई तो अलका ने राहत की सांस ली। वह किचन से बाहर लॉबी में आकर खड़ी हो गई। चीनू उसकी ओर देखे बिना अपने कमरे में चली गई। सुरेंद्र भी अब अंदर आ गए थे। अलका चुपचाप दूसरी कुर्सी पर बैठ गई। ‘तुम्हारी चीनू से बात हुई?अलका ने गर्दन हिलाकर […]

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कानूनी कुमार – मुंशी प्रेमचंद

मि. कानूनी कुमार, एम.एल.ए. अपने ऑफिस में समाचार पत्रों, पत्रिकाओं और रिपोर्टों का एक ढेर लिये बैठे हैं। देश की चिंताओं से उनकी देह स्थूल हो गई है, सदैव देशोद्धार की फिक्र में पड़े रहते हैं। सामने पार्क है। उसमें कई लड़के खेल रहे हैं। कुछ परदेवाली स्त्रियाँ भी हैं। फेसिंग के सामने बहुत से […]

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खोटे सिक्के: मन्नू भंडारी की कहानी

Hindi Story: ‘जी, इन्हें कहाँ रक्खूँ?’एक सहमी-सी आवाज़ पर सब घूम पड़े। देखा, एक छोटा लड़का थैली हाथ में लिए भयभीत-सा खड़ा है।‘क्या है इसमें?’ कड़ककर मि. खन्ना ने पूछा। आवाज़ में ऊँचे पद का गर्व बोल रहा था।‘जी, खोटे सिक्के हैं। वहाँ मेरा बाबा खोटे सिक्के चुन रहा है, उसी ने भेजे हैं।’ डर […]

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हम सिर्फ तेरे- गृहलक्ष्मी की कहानियां

Stories in Hindi: नंदिनी बहुत लापरवाह हो तुम। क्यों ऐसा करती हो? तुम लापरवाह हो या तुम्हारे घर वाले, मुझे कुछ समझ नहीं आता। देखो निखिल तुम मेरे घर वालों को तो कुछ बोलो ही मत, और तुम्हें जब इतनी चिंता थी तो, मैं तो डॉक्टर की पर्ची तुमको व्हाट्सएप्प की थी ना, और तुमको […]