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मैं किसके साथ खेलूँ-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Hindi Story: दोपहर का समय था।मिनी अपने घर के आंगन में खड़ी कुछ परेशान सी इधर उधर देख रही थी।उसकी मम्मी श्रेया और पापा दिवाकर तो सुबह नौ बजे के आसपास ऑफिस चले जाते थे। मम्मी -पापा के जाने के बाद मिनी दादी के साथ रहती थी।रविवार को छोड़ कर,यह हर रोज का क्रम था। […]

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खुद पढ़कर ज़माने भर को सिखाती-संवारती है स्त्री

Women Struggle Story: हर साल रिजल्ट आने पर जब हम न्यूज़ में लड़कियों को खुशी से उछलते देखते हैं तो ये बड़ी लुभावनी सी तस्वीर लगती है, लेकिन सच्चाई ये है कि लड़कियों की शिक्षा के सामने चुनौतियां कल भी कम नहीं थीं और आज भी कम नहीं हैं। एक नज़र इसी पर- शायद ही […]

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जुनून का नया नाम, वैशाली सूदन शर्मा: Celebrity Interview

चलिए शुरुआत आपकी शुरुआती जि़ंदगी से ही करते हैं। Celebrity Interview: मैं एक ऐसी स्टूडेंट थी, जो हर बात मानने वाली और पढ़ाई में बेहद अच्छी थी। उसे हमेशा लाइब्रेरी में या किताबों में डूबा हुआ पाया जा सकता था। पढ़ाई के अलावा दूसरी एक्टिविटीज़ में भी मैं बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती थी। दसवीं क्लास में […]

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सुखद भविष्य-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Hindi Kahani: अस्पताल के बिस्तर पर मेरी आँखें बंद थीं, सिर में हल्का सा दर्द महसूस कर रही थी, नथुनो में हॉस्पिटल की गंध घुसी हुई थी, फिर भी मैं नर्सों के आने जाने और सुशांत, कुणाल और अन्य रिश्तेदारों की अस्पष्ट खुसर फुसर स्पष्ट महसूस कर रही थी,मानो मीलों दूर से आवाज़ें आ रही […]

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वो! खुशी के पल-गृहलक्ष्मी की लघु कहानी

Hindi Short Story: ये उस समय की बात है, जब मोहन सातवीं कक्षा में पढ़ता था,उसका मिडिल स्कूल पठन- पाठन,खेलकूद एवं सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र हुआ करता था।विद्यालय के मुख्य आयोजनों में जिलाधिकारी को बुलाने की परम्परा थी।एक आयोजन देश के अन्नदाता”किसान” को धन्यवाद ज्ञापित करने के लिए किया गया।जिसमें एक नृत्य नाटिका द्वारा किसानों […]

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हिरनापुर का शहीद मेला

तीन दिन पहले परमेश्वरी बाबू का पत्र मिला था, “राजेश्वर भाई, आजकल इलाहाबाद में हूँ। कल हिरनापुर जाना है, हिरनापुर यानी शहीद मोहना का गाँव, वहीं तो उसे पेड़ पर लटकाकर फाँसी दी गई थी। गाँव में हर साल वहाँ शहीद मेला लगता है। तुम यहाँ आओ तो साथ-साथ चलेंगे।” परमेश्वरी बाबू मेरे बचपन के […]

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जासूस पार्टी जिंदाबाद

कुणाल परेशान सा अपने घर की छत पर घूम रहा था। वह सोच रहा था, क्या करे, क्या न करे? क्या वह पापा को बता दे उस नीली आँखों वाले लड़के के बारे में, जिसकी कुछ अजीब आदतें उसने नोट की थीं! नीली आँखों वाला वह कुछ अजीब सा लड़का मोहल्ले में पिछले कुछ ही […]

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मन्ना रे, मत तोड़ो फूल

जब से घुमक्कड़राम ने अपने मित्र डॉ. जयंत भास्करन से मन्ना यानी मशहूर वैज्ञानिक मानवेंद्र आनंद का किस्सा सुना है, उन्हें जरा भी चैन नहीं है। वे घुमक्कड़ी करते रोज कहीं से कहीं पहुँच जाते हैं। पर जहाँ भी जाएँ, वहाँ वे किसी न किसी बढ़िया श्रोता को ढूँढ़कर मन्ना उर्फ डॉ. मानवेंद्र आनंद का […]

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और लहरा उठा तिरंगा!

अजीब हैं परमेश्वर बाबू…एकदम अजीब। लगता है, आज की दुनिया के अजीव है परमेश्वरपता नहीं, कहां से आया है यह बंदा और करना क्या चाहता है, जिसके लिए रात-दिन मारा-मारी, रात-दिन भागमभाग…! हमेशा साँस फूली सी रहती है और बिस्तरबंद तैयार। आज यहाँ, कल वहाँ, परसों कहीं और। पूरे देश की हजारों बार परिक्रमा कर […]

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मंगल ग्रह की लाल चिड़िया

सुहासपुर के लोग नीली आँखों वाली उस अजीबोगरीब लाल चिड़िया से सबसे ज्यादा परेशान थे। यह एक छोटी, बहुत छोटी-सी लाल चिड़िया थी, जिसकी गरदन पर सफेद धारियाँ थीं और पंखों पर सफेद चक्र बने थे। चिड़िया के पैर भूरे और चोंच सुनहरी थी। … ऐसी चिड़िया, जो पहले कभी किसी ने देखी न थी। […]