Hindi Kahani: अरे कोसी! आज तो बहुत जल्दी आ गई”? “बस दीदी घर में कुछ मन नहीं लग रहा था तो सोचा जल्दी चली जाऊं काम भी हो जाएगा आपका और बस ऐसे ही…” कोसी ने धीरे से जवाब दिया। “अच्छा चल तू आ गई है तो कर ले फटाफट।” कोसी बहुत अच्छे से घर की […]
Author Archives: शिप्रा गर्ग
असाधरण शिक्षक का सबक-गृहलक्ष्मी की कहानियां
Motivational Story in Hindi: शुभम बारहवीं कक्षा का छात्र था। एक आम से परिवार का इकलौता बेटा था और एक आम से स्कूल में पढ़ता था। एक साधारण से परिवार का बेटा होने के बावजूद उसके अंदर पैसों की कोई अहमियत नहीं थी; साथ ही ना वो दूसरों का सम्मान करता था। कर्तव्यप्रायणता उसमें रत्ती […]
यूनिवर्सिटी में रैगिंग-गृहलक्ष्मी की कहानियां
Social Story in Hindi: शाम के साढ़े सात बजे थे और घर की घंटी बजी। मम्मी ने दरवाज़ा खोला तो पापा ऑफिस से आए थे। “ये लो गरमा गरम समोसे लाया हूं” पापा ने मम्मी को पैकेट देते हुए कहा। “शाश्वत कहां है?” मम्मी ने बताया, “ जब से काॅलेज से आया है तब से […]
बड़ी दीदी सीमा-गृहलक्ष्मी की कहानियां
Hindi Motivational Story: “आकाश! जल्दी करो बेटा, स्कूल बस आने वाली है।” आकाश की मां उसे आवाज़ लगाती है। मां-बाप और उनका इकलौता बेटा आकाश किसी भी एक आम घर की तरह सुबह की भागम भाग में लगे थे। आकाश के पिता का तबादला हुआ था और इसलिए कलकत्ता शहर के बड़े अच्छे स्कूल में उसका आज पहला दिन था। आकाश जब कक्षा में पहुंचता है तो उसके साथ जो […]
हत्यारा बाप—गृहलक्ष्मी की कहानियां
Social Story in Hindi: सुंदर नाम के एक लड़के का गांव में तबादला हुआ था। उसे वहां सड़क बनाने का काम मिला था। सड़क किनारे एक घर था। गांव वालों ने बताया कि घर के अंदर से रोने की आवाज़ें आती हैं इसलिए वहां से बहुत कम लोग निकलते हैं। सुंदर को वहां से थोड़ी […]
अनदेखे तारों का बंधन-गृहलक्ष्मी की लघु कहानी
Short Story in Hindi: दिल्ली के बड़े पांच सितारा होटल के बड़े हॉल में पुस्तक विमोचन का कार्यक्रम चल रहा था। कईं पत्रकारों को अपनी किताब ‘अनदेखे तारों का बंधन’ के बारे में लेखिका गीतांजलि बता रही थीं। पत्रकारों के सवाल जवाब के बीच में एक पत्रकार ने गीतांजलि से पूछा, “आपने किताब के लिए […]
एक चुटकी सिंदूर की कीमत -गृहलक्ष्मी की कहानियां
Hindi Kahani: आंखों में बसे आंसू टीवी पर चलती खबर को धुंधला रहे थे। टी वी देखने से लगता था मानो कोई बहुत बड़ा समारोह चल रहा है… आलीशान एकदम राजसी। उसकी आंखों में धीमे से छलकते आंसू थे, बदन पर बहुत ही ज़्यादा महंगी साड़ी, ज़ेवर और हाथों में हीरे मोती के कंगन पहने हुए […]
असीम विरह -गृहलक्ष्मी की कहानियां
Motivational Story Hindi: पंजाब के गांव में मनजीत अपने मां बाप के साथ रहता था। कुछ ही दूरी पर सिमरन का घर था जो अपने दादा-दादी के साथ रहती थी। दोनों जब कभी सड़क पर एक-दूसरे के पास से निकलते तो अंजान होते हुए भी एक अपनेपन का एहसास होता था। दोनों के कॉलेज भी […]
सब्र रखो गैर महत्वकांक्षा नहीं—गृहलक्ष्मी की कहानियां
Hindi Kahani: सुबह-सुबह मुंह अंधेरे ठीक सूरज उगने से पहले गुप्ता जी अपने पलंग से उठकर बालकनी में आते हैं और ताज़ी हवा से अपने तन और मन को ताज़ा करते हैं। उसी वक्त बड़ी झाड़ू और ठेला लेकर शंकर सड़क साफ़ करता हुआ आता है। “राम राम बाऊजी” शंकर हाथ जोड़ता हुआ कहता है। […]
पश्चताप के आंसू—गृहलक्ष्मी की कहानियां
Hindi Story: संजना अपने नए सूट और हल्के मेकअप में बहुत सुंदर दिख रही थी। आज उसके पिता के पुराने मित्र अपनी पत्नी और बेटे आर्यन के साथ उनके घर आ रहे थे। वह जानती थी कि वो सिर्फ़ मिलने नहीं बल्कि दोस्ती को रिश्तेदारी में बदलने के इरादे से आ रहे हैं। अंजना पूरे […]
