Hindi Kahani: दिल्ली में प्रसिद्ध टॉक शो पर मेज़बान बोलती हैं “लेडिस एंड जैंटलमैन! हमारे शो पर हमेशा बड़े फिल्म स्टार, क्रिकेटर, नेता और अन्य प्रसिद्ध लोग आए हैं, लेकिन आज मैं उन्हें बुलाना चाहूंगी जिन्होंने अपना पैसा, समय और करीब 10 साल हमारे जीवन में हरियाली लाने पर, हमारा पर्यावरण खूबसूरत बनाने पर लगाए […]
Author Archives: शिप्रा गर्ग
पश्चचताप के आंसू-गृहलक्ष्मी की कहानियां
Story in Hindi: संजना अपने नए सूट और हल्के मेकअप में बहुत सुंदर दिख रही थी। आज उसके पिता के पुराने मित्र अपनी पत्नी और बेटे आर्यन के साथ उनके घर आ रहे थे। वह जानती थी कि वो सिर्फ़ मिलने नहीं बल्कि दोस्ती को रिश्तेदारी में बदलने के इरादे से आ रहे हैं। अंजना […]
दान करा है बेचा नहीं-गृहलक्ष्मी की कहानियां
Story in Hindi: “अब आप अपना हाथ पुत्री के हाथ पर रखें और वर के हाथ में उसका हाथ सौंप दें। एक पिता के लिए अपनी पुत्री का कन्यादान संसार का सबसे बड़ा दान है।” पंडित जी ने सन्तोष से विधि समझाते हुए कहा। विधि सुनते ही संतोष की आंखों से पानी गिरता चला गया। […]
एक अनोखी रात-गृहलक्ष्मी की कहानियां
Hindi Story: विनोद अपनी कार से सर्द रात में शहर से दूर एक सुनसान सड़क पर जा रहा था। रास्ते में एक छोटा सा कस्बा भी पड़ता था। विनोद सड़क पर गहरे कोहरे में भी कार दौड़ा रहा था। तभी ना जाने कैसे उसकी कार काटायर पंचर हो जाता है और संभालते हुए भी कार […]
एक प्रेम पत्र-गृहलक्ष्मी की कहानियां
Hindi Love Story: शिमला के पांच सितारा होटल की एक हाॅल में इंटरनेशनल मीटिंग चल रही थी जहां सब ऊंची पदवी के लोग अपने विचार साझा कर रहे थे। अभिषेक भी उन्हीं लोगों का हिस्सा था। वह ध्यान से सब के विचार सुन रहा था कि तभी स्टेज पर घोषणा होती है, “ अब आपके […]
सुहागन का इन्तज़ार-गृहलक्ष्मी की कहानियां
Hindi Kahani: सूरज और उगती सुबह के साथ बेला भी उठ जाती थी। चादर तह कर के चारपाई पर एक तरफ़ रख देती थी। स्नान करके ठाकुर जी के आगे दिया जलाकर अपनी और बेटा-बहू के लिए चाय बनाती। तीनों मिलकर अपने छोटे से घर के सीमेंट वाली फर्श पर बैठकर चाय पीते और दिन […]
उसका अंतिम संस्कार-गृहलक्ष्मी की कहानियां
Hindi Kahani: गंगा घाट पर उगती सुबह की धूप में अनीता गोदी में एक बच्चे को लिए खड़ी है। साथ में उसके पति विनोद हैं जिनके हाथ में अस्थियां और राख का एक लोटा है। विनोद घाट के नीचे की सीढ़ी पर गंगा जी के पानी में पैर रखते हैं और लोटे से कपड़ा हटाते […]
हर कोई यही नहीं चाहता -गृहलक्ष्मी की कहानियां
Hindi Kahani: कांता 15 साल की बहुत प्यारी सी बच्ची थी। उसके मां-बाप बहुत गरीब थे और किसी तरह छोटे-मोटे काम करके अपनी गुज़र-बसर कर रहे थे। एक दिन कांता के पिता के दूर के रिश्तेदार उनसे मिलने आते हैं और कहते हैं, “तुम्हारी बेटी पढ़ाई तो कर चुकी। दसवीं पास कर ली है और […]
सच्चा सुकून—गृहलक्ष्मी की कहानियां
Hindi Kahani: ढलते सूरज की सिंदूरी चमक में अपनी पसंदीदा कुर्सी पर बैठे किशोरी लाल आसमान के बदलते रंगों को देख रहे थे कि तभी किसी ने उनके पैरों को छुआ। “अरे अमन तुम! वाह बेटा कितना गर्व हो रहा है आज तुम्हें फौजी यूनिफॉर्म में देखकर” कहते-कहते किशोरी लाल जी की आंखों से पहली […]
उम्र के आखिरी पड़ाव में-गृहलक्ष्मी की कहानी
Hindi Kahani: कविता की मां की तबीयत खराब थी। उनको सांस की तकलीफ़ कुछ ज़्यादा थी। कईं बार डॉक्टर को दिखाया पर असर ना के बराबर था। एक दिन उनके पारिवारिक मित्र ने एक योग आश्रम के बारे में बताया जो पहाड़ी स्थल पर बना था। कविता के पापा ने वहां का अपॉइंटमेंट बुक कराया […]
