Story in Hindi: कहा जाता है इंसान को उसका कर्ज़ा इस जन्म में नहीं तो अगले जन्म में ज़रूर उतारना पड़ता है। ऐसे ही हुआ उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में रहने वाले रघुनाथ और बृजभूषण के साथ। वह दोनों मेरठ के एक आम से मोहल्ले में रहते थे। उन दोनों की दुकान सदर बाज़ार […]
Author Archives: शिप्रा गर्ग
कलयुग का कर्ण-गृहलक्ष्मी की कहानियां
Hindi Story: राकेश अपने ऑफिस से घर के लिए जा रहा था। उसके घर के रास्ते में एक पुल पड़ता था जिसके नीचे से गहरी नदी बहती थी। जब राकेश वह पुल पार कर रहा था तो देखता है कि एक आदमी पुल से नीचे कूदने वाला था। राकेश उसे जाकर रोकता है,” यह क्या […]
वन्दना—गृहलक्ष्मी की कहानियां
Vandana Grehlakshmi Story: स्वाति का विवाह समारोह चल रहा था। अग्नि को साक्षी मानकर उसके भाई अमित और भाभी वन्दना ने उसका कन्यादान करा। आंखों में वन्दना के लिए आदर सम्मान के आंसू लिए अमित का छोटा भाई अंकुर सोचने लगा, “कहने को तो भाभी घर की बड़ी बहू है लेकिन हमारे लिए मां बनने […]
सिंदूर का कर्ज़-गृहलक्ष्मी की कहानियां
Hindi Kahaniya: दिल्ली के रईसी इलाके में एक बड़ी आलीशान कोठी के बाहर एक महंगी गाड़ी खड़ी थी। कोठी से दिनेश बाहर निकलता है और गाड़ी में बैठकर ड्राइवर से कहता है,” फैक्ट्री चलो।” दिनेश की कपड़ों की फैक्ट्री है। वह अलग-अलग डिज़ाइनर से कपड़ा डिज़ाइन कराता है और उन डिजाइंस के थान बनवाकर मार्केट […]
विश्वास से भरा करवाचौथ-गृहलक्ष्मी की कहानी
Grehlakshmi Ki Kahani: मीनाक्षी की शादी के बाद आज उसका पहला करवा चौथ है। यूं तो हर सुहागन की तरह पूरे साज श्रृंगार और मेहंदी रंगे हाथों से वो उस पर्व की तैयारी कर रही थी पर उसकी आंखों में अपने पति दीपक के लिए करवाचौथ को लेकर एक अटूट ही विश्वास दिख रहा था। […]
जीवन की परछाइयां-गृहलक्ष्मी की कहानियां
Kahaniya: दिल्ली के रिहायशी इलाके में अपनी बड़ी कोठी के बगीचे में रघुदयाल बैठे थे। अपना मन लगाने के लिए उनको वह सबसे अच्छी जगह लगती थी। फूल, पेड़, तितलियां और एक तालाब जिसमें कुछ कमल खिले थे। उनकी पत्नी रमा कुछ साल से “महिला कल्याण संस्थान” और कृष्णा जी के काम में व्यस्त रहने […]
सत्यप्रकाश का भ्रम-गृहलक्ष्मी की कहानियां
Bhram Story: 50 वर्षीय सत्यप्रकाश जिनको लोग सत्तू जी कहकर बुलाते थे अपने परिवार, पड़ोसी, और दोस्तों में चहेते थे। सत्तू जी पत्नी, पुत्र, बहू और पोते के साथ सरल और शांत जीवन जीते थे। उन्होंने रिटायरमेंट के बाद अपने जीवन को बोरिंग और थका हुआ नहीं रखा बल्कि वह तब भी सुबह जल्दी उठकर […]
सुमन की अधूरी गृहस्थी-गृहलक्ष्मी की कहानियां
Houshold Story: यह कहानी बहुत पुराने समय की नहीं है। यह आज के जमाने की है। एक तरफ जहां देश तरक्की की सीढ़ियां चढ़ रहा था वही दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के बहुत छोटे से गांव में सुमन अपने मां-बाप और सात भाई बहन के साथ रहती थी। गांव ज़्यादा बड़ा तो नहीं था लेकिन […]
अपमान का बदला-गृहलक्ष्मी की कहानियां
Badla Story: “पता नहीं क्यों उठा लाई है इस नासपीटे को? अब तो हमारी सुबह इसकी मनहूस सूरत देखकर ही होती है।” ममता की सुबह अपनी सास के इन्हीं शब्दों से होती थी। जिस दिन से ममता रघु को अपने घर लेकर आई थी उसी दिन से उसकी सास की आंखों में वो लड़का खटकता […]
आखिरी पत्र-गृहलक्ष्मी की कहानियां
Last Letter Story: सुबह करीब 11:30 बजे दरवाजे की घंटी बजती है। घंटी सुनकर आदित्य अपनी पत्नी रमा से कहता है,”अरे रमा! जरा देखो तो कौन है। मैं ऑफिस का जरूरी काम कर रहा हूं।” रमा दरवाजा खोलती है तो एक कोरियर आया था। उस पर लिखा था- ‘ आदित्य अग्रवाल, सन ऑफ नीलिमा अग्रवाल’।रमा […]
