Posted inहिंदी कहानियाँ

कर्मों का मायाजाल-गृ​हलक्ष्मी की कहानियां

Hindi Kahani: “मुझे आज भी तांत्रिक बाबा के शब्द याद हैं (तुम्हारी मृत्यु के साथ ही तुम्हारे इस मायाजाल का अंत होगा)” रंजन अपने अंतिम समय में अपने बेटे अंकित से कहता है। “कौन तांत्रिक बाबा पिताजी और कैसा मायाजाल?” रंजन उसे बताता है……यह उन दिनों की बात है जब मैं मुंबई में रहता था। […]

Posted inहिंदी कहानियाँ

सोन चिरैया-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Hindi Kahani: शालिनी, शाम को पार्टी में जाना है। बहुत बड़े लोग हैं, अच्छे से तैयार रहना।” शालिनी के पिता ने कहा और अपने काम पर निकल गए। शाम को अपने पापा के आने से पहले ही शालिनी तैयार थी। वह दोनों सही समय पर पार्टी में पहुंचे। पार्टी शहर के बहुत बड़े रईस गुप्ता […]

Posted inहिंदी कहानियाँ

दामाद जी या बहू-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Hindi Story: ममता को सब बहुत पसंद करते थे। वह जितनी अच्छी गृहणी, पत्नी, मां थी उतनी ही अच्छी दोस्त और पड़ोसी। बहुत ही कायदे और समझदारी से उन्होंने अपने बच्चों को पढ़ाया लिखाया और बड़ा किया था।ममता ने पहले अपनी बेटी प्रिया की शादी मुंबई के अच्छे खाते पीते परिवार के इंजीनियर लड़के अरुण […]

Posted inहिंदी कहानियाँ

एक देशभक्त की खुशी-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Hindi Story: पीछे से गोलियों की बौछार हो रही थी। हिंदुस्तानी फौज ने आतंकवादियों के ठिकाने पर हमला बोल दियाथा। इधर आतंकवादियों का लीडर सेवक के ऊपर बंदूक ताने खड़ा था और उसको धमकी दे रहा था, “ बहुतदेशभक्ति सूझ रही थी ना तुझे, तूने अच्छा नहीं करा। तेरी वजह से हमारा मिशन बर्बाद हो […]

Posted inहिंदी कहानियाँ

इच्छाशक्ति-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Story in Hindi: “यह गलत बात है साहब। मेरा सच आप नहीं मान रहे और छोटे बाबू की बात सुन रहे हैं”, शंकर ने गिड़गिड़ाकर कहा। बड़े साहब कहते हैं, “देखो शंकर तुम्हारे पास छोटे बाबू के खिलाफ़ सबूत नहीं हैं। वैसे तो मैं बहुत कुछ जानता हूं पर बिना सबूत के उनके खिलाफ़ कोई […]

Posted inहिंदी कहानियाँ

पंखों की छांव -गृहलक्ष्मी की कहानियां

Story in Hindi: “तू आज फिर कहीं खेलने नहीं गया। स्कूल भी बहुत बेमन से जाता है। खुश होकर स्कूल और खेलने जाएगा तभी तो दोस्त बनेंगे, तुझे अच्छा लगेगा बेटा। जब घर से निकलना ही नहीं चाहता तो दोस्त कैसे बनेंगे। फिर तू कहता है कि मेरा कोई दोस्त नहीं है। आखिर बात क्या […]

Posted inहिंदी कहानियाँ

तुम्हारे जैसी-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Hindi Kahani: राहुल ने बहुत मुश्किल से अपने पिता अमित को अपनी शादी प्रीति से करने के लिए मनाया था। अमित जात पात को लेकर थोड़ा बहुत दकियानूसी थे। वह अग्रवाल परिवार से है और लड़की पंजाबी परिवार की थी। अमित इसी बात पर अड़े थे कि अग्रवालों में ही शादी करेंगे। राहुल की ज़िद […]

Posted inहिंदी कहानियाँ

झूठ या प्रतिज्ञा-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Hindi Story: “मुझे माफ कर दो मां, आज के बाद मैं कभी भी चोरी नहीं करूंगा।” अमर अपनी मां शकुंतला से कहता है। शकुंतला कहती है, “सिर्फ चोरी नहीं बल्कि प्रतिज्ञा कर के आज के बाद से तू कभी भी मुझसे झूठ नहीं बोलेगा। कोई ऐसी बात नहीं करेगा जिससे मुझे दुख पहुंचे और हमेशा […]

Posted inहिंदी कहानियाँ

माफी का दान-गृहलक्ष्मी की कहानी

Hindi Kahani: हल्के नीले स्लेटी रंग के आसमान में जब सूरज अपनी छटा बिखेरने के लिए उदय हो रहा था तो हरिया और उसकी पत्नी गंगा खेत में बीज बी हो रहे थे।खेत में काम निपटाकर दोनों घर की ओर चले। घर पहुंच कर गंगा चूल्हा तैयार करती है और अपने इकलौते बेटे गोविंद को […]

Posted inहिंदी कहानियाँ

आईने का धोखा-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Hindi Story: सच सामने होते भी कोई समझ नहीं पा रहा था, आईने के धोखे ने सबको माया जाल में उलझा रखा था….राहुल हमेशा की तरह शाम को अपनी बालकनी में बैठा था और साथ में था उसका पसंदीदा टेलीस्कोपिक कैमरा। उसको दूर तक देखने का और उनकी तस्वीरें खींचने का शौक था। उस दिन […]

Gift this article