Summary:टूटे वाद्ययंत्रों से पक्षियों के घोंसले: चेकिया की अनोखी कला पहल
चेकिया में एक कलाकार ने बेकार हो चुके संगीत वाद्ययंत्रों से पक्षियों के लिए खूबसूरत घोंसले बनाए हैं। यह पहल प्रकृति, संगीत और रचनात्मकता का अनोखा संगम पेश करती है।
Broken Musical Instruments Bird Nests: आज की व्यस्त जीवनशैली में लोग अपने काम में इतने ज्यादा खो जाते हैं कि उन्हें किसी और चीज के लिए समय ही नहीं मिलता है। अगर कभी समय मिलता भी है तो वे अपने फोन में ही व्यस्त रहते हैं। इसी वजह से धीरे-धीरे वे प्रकृति से दूर होते जा रहे हैं और उन्हें उनकी अहमियत भी समझ में नहीं आती है। ऐसे में चेकिया में एक कलाकार ने प्रकृति और संगीत के बीच सामंजस्य जोड़ने का एक अद्भुत तरीका खोजा है। इस कलाकार ने टूटे-फूटे और बेकार हो चुके संगीत वाद्ययंत्रों से पक्षियों के लिए घोंसला तैयार किया है।
वैसे तो यह काम एक साधारण कला परियोजना के रूप में शुरू हुआ था, लेकिन अब यह एक काव्यात्मक आंदोलन बन चुका है। इसमें वायलिन, ट्रंपेट, सेलो और यहाँ तक कि ट्यूबा, जो खराब होने के कारण बजते नहीं हैं, वे अब शहर के पार्कों और चौकों में पेड़ों पर लटके हुए दिखाई देते हैं। भलें ही इनमें से अब संगीत की मधुर ध्वनि सुनाई नहीं देती है, लेकिन इसमें पक्षियों की चहचहाहट की आवाज गूंजती रहती है। पेड़ों पर हर वाद्ययंत्र को बेहद ही सावधानी से इस तरह लगाया जाता है कि वह एक उपयोगी घोंसला बन सके और इसमें पक्षियों को किसी तरह की कोई परेशानी ना हो और वे इसके अंदर आराम से रह सकें।
वाद्ययंत्रों को इस तरह बदला जाता है घोंसले में

पक्षियों के लिए घोंसला बनाने के लिए अलग-अलग वाद्ययंत्रों का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें जैसे ट्रंपेट की घंटी प्रवेश द्वार बन जाती है, वायलिन के खोखले शरीर में भूसा बिछाया जाता है, और गिटार के साउंड होल आरामदेह झरोखे का काम करते हैं। ये संगीतमय बर्डहाउस देखने में तो खूबसूरत लगते ही हैं, साथ ही ये वाद्ययंत्र की आत्मा को बनाए रखते हुए पक्षियों को एक गर्म और सुरक्षित आश्रय भी देने का काम करते हैं।
वाद्ययंत्रों से बनें बर्डहाउस देखने में लगते हैं बेहद खूबसूरत
वाद्ययंत्रों से बनें बर्डहाउस देखने में बेहद खूबसूरत लगते हैं। कुछ बर्डहाउस चमकीले रंगों में रंगे होते हैं, तो कुछ अपने असली लकड़ी के रंग और पुरानी चमक को संभाले रहते हैं, जो उन्हें एक सजीव और आकर्षक बनाता है। हर एक बर्डहाउस अपनी एक अनोखी कहानी बयां करता है।
यह खूबसूरत प्रयास है काफी सराहनीय

पहले जहां बेकार पड़े वाद्ययंत्रों को फेंक दिया जाता था, आज इन्हीं वाद्ययंत्रों के इस्तेमाल से पेड़ों की डालियों पर पक्षियों को फिर से जीवन मिल रहा है। साथ ही राह चलते लोगों के लिए भी यह एक आकर्षण का केंद्र होता है, जिसे देखकर लोग अक्सर चौंक जाते हैं।
