समुद्र के किनारे जामुन का एक खूब बड़ा सा पेड़ था । उस पर एक बंदर रहता था । जिसका मुँह कुछ ललछीहाँ था । इसीलिए उसका नाम पड़ गया रक्तमुख । जिस जामुन के पेड़ पर वह रहता था, उसके फल बहुत मीठे थे । बंदर उन्हें मजे से खाता और वहीं उसने डेरा […]
Category: पंचतंत्र की कहानियां (Panchtantra ki Kahaniyan)
बच्चों से लेकर बड़े तक सभी को पंचतंत्र की कहानियां पढ़ने में बेहद दिलचस्पी होती है। विष्णु शर्मा द्वारा लिखित पंत्रतंत्र की कहानियां बेहद जीवंत है, ये लोगों को जीवन जीने का ढंग सिखाने के साथ ही नेतृत्व क्षमता विकसित करने में भी मदद करते हैं। बच्चों का मन बेहद कोमल होता है, इस उम्र में अगर उन्हें अच्छी किताबें पढ़ने को दी जाएं तो वह जीवनभर इससे मिलने वाली शिक्षाप्रद कहानियों को याद रखते हैं। सोने के पंख वाला हंसों का किस्सा, जब उल्लू का राजतिलक हुआ, एक अनमोल श्लोक ने बदल दिया जीवन, नकलची ने किया जो गड़बड़झाला जैसी कई ऐसे रोचक और शिक्षाप्रद कहानियां है, जिसे पढ़कर बच्चों को मजा आएगा और वह इन कहानियों से मिलने वाली शिक्षा को अपने जीवन में भी अवश्य उतारेंगे। हम आपके लिए और आपके बच्चों के लिए बेहद मनोरंजक पंचतंत्र की कहानियां यहां पेश कर रहे हैंं। इन्हें पढ़ने के लिए बच्चों को प्रेरित करें।
फिर से मूर्ख बना लंबकर्ण -पंचतंत्र की कहानी
किसी वन में एक सिंह रहता था । उसका नाम था करालकेसर । किसी समय वह बड़ा बलशाली था । उसकी दहाड़ से पूरा जंगल थर्रा उठता था । पर फिर एक बार हाथी से उसका भीषण युद्ध हुआ । इस युद्ध में शेर करालकेसर बुरी तरह घायल हो गया । अब तो वह इतना […]
नीतिवान बंदर की कथा -पंचतंत्र की कहानी
एक राजा था जिसका नाम था चंद्र । उसके बेटों को बंदरों से खेलना बड़ा अच्छा लगता था । लिहाजा राजा चंद्र ने वन से बंदरों की टोली को महल में आमंत्रित किया उन्हें अच्छा खाने-पीने को दिया गया । खूब सत्कार हुआ । फिर तो बंदर खुशी-खुशी महल में रहने लग गए । उन […]
पंचतंत्र की कहानियां (Panchtantra ki Kahaniyan)
बच्चों से लेकर बड़े तक सभी को पंचतंत्र की कहानियां पढ़ने में बेहद दिलचस्पी होती है। विष्णु शर्मा द्वारा लिखित पंत्रतंत्र की कहानियां बेहद जीवंत है, ये लोगों को जीवन जीने का ढंग सिखाने के साथ ही नेतृत्व क्षमता विकसित करने में भी मदद करते हैं। बच्चों का मन बेहद कोमल होता है, इस उम्र […]
जब माँगा वरदान मंथरक जुलाहे ने! -पंचतंत्र की कहानी
एक था जुलाहा । उसका नाम था मंथरक । वह कपड़े बुनकर गुजारा करता था । एक बार उसके लकड़ी के औजारों में से एक औजार टूट गया । तब लकड़ी लेने के लिए वह जंगल में गया । वहाँ एक बड़ा विशाल वृक्ष था । मंथरक को लगा, ‘औजार बनाने के लिए इस पेड़ […]
बड़े गवैया गर्दभलाल! -पंचतंत्र की कहानी
एक था गधा । दिन भर धोबी उससे खूब मेहनत का काम लेता और रात को चरने के लिए खुला छोड़ देता था । लिहाजा रात को वह निरुद्देश्य इधर से उधर घूमता रहता था । अचानक एक दिन इसी तरह घूमते-घूमते उसे एक सियार मिला और दोनों में खूब अच्छी दोस्ती हो गई । […]
और जब शेर हुआ जिंदा! -पंचतंत्र की कहानी
किसी स्थान पर चार ब्राह्मण युवक रहते थे । वे आपस में मित्र थे और एक-दूसरे से बहुत स्नेह करते थे । उन चार मित्रों में से तीन ने तो गुरुओं के आश्रम में जाकर विद्या ग्रहण की थी और शास्त्रों का अध्ययन किया था, जबकि चौथा अनपढ़ था । उसने कभी किसी विद्यालय का […]
एक नेवले की करुण कहानी -पंचतंत्र की कहानी
किसी नगर में एक ब्राह्मणी रहती थी । उसका पति था देवशर्मा । वह भीख माँगकर गुजारा करता था । कुछ समय ब्राह्मणी ने एक शिशु को जन्म दिया । संयोग से उसी समय उस घर में एक नेवली ने भी संतान को जन्म दिया । नेवले को जन्म देकर वह नेवली गुजर गई । […]
नकलची ने किया जो गड़बड़झाला -पंचतंत्र की कहानी
किसी नगर में एक बड़ा ही धनवान सेठ रहता था, मणिभद्र । नगर में उसकी बड़ी इज्जत थी । सेठ बड़ा धार्मिक स्वभाव का और दयालु था । वह खूब दान-पुण्य और परोपकार भी करता था । इसलिए सभी उसकी इज्जत करते थे । पर फिर किसी कारण उस सेठ का सारा धन नष्ट हो […]
घोड़े की तरह हिनहिनाओ -पंचतंत्र की कहानी
किसी राज्य में नंद नाम का एक राजा था । वह बड़ा वीर और पराक्रमी था । दूर-दूर तक उसका नाम और प्रसिद्धि थी । उसकी वीरता के कारण शत्रु बेहद आतंकित रहते थे । अपने इन्हीं गुणों के कारण उसने दूर-दूर तक अपने साम्राज्य का विस्तार कर लिया था । नंद का मंत्री था […]