Mother’s Story: रोहित जोर से बोला, “माँ…ओ…माँ ! कब तक मोबाईल पर रील्स देखती रहोगी? मुझे भूख लगी है, खाना दो….न…!
- “हां बस दो मिनीट में देती हूं!”
रोहित की मां सविता फिर रील्स देखने लगी। सात साल का चिंटू भी मां के साथ बिस्तर पर लेटे लेटे रील्स देख रहा था | रोहित ने अपने हांथ से ही खाना निकाल कर खा लिया। रोहित कक्षा नाइन्थ में पढ़ने वाला सबसे होशियार व समझदार छात्र होने के साथ खेल कूद में भी आगे था। सबके साथ हंसी-मजाक मस्ती करता। घर पर भी सबके लाडला बेटा था।
अधिकतर समय सविता मोबाईल पर ही लगी रहती थी। स्कूल से आने के बाद कई बार चिंटू और रोहित स्कूल की बातें मां को बताते, किन्तु सविता उनकी ओर ध्यान नहीं देती, वह मोबाईल ही चलाती रहती। रोहित चिंटू क्या बोलना चाहते हैं ? सविता को इससे कोई मतलब नही रहता । खाना बनाते समय भी उसकी एक ऊँगली मोबाइल पर रील्स ही स्वाइप करती रहती, और आंखे मोबाइल में ही टिकी रहती। रील्स देख देख कर अब सविता ने भी रील्स बनाना शुरू कर दिया| धीरे धीरे वह घर के काम काज छोड़ अब रील्स बनाने में ज्यादा व्यस्त रहने लगी|रोहित सोशल साइट का ज्यादा शौकीन नही था। हां,पर कभी कभी मोबाईल स्वेप कर देख लेता था। थोड़ी देर बाद वापस अपने खेल या पढाई में लग जाता था। एक दिन ऐसे ही मोबाईल स्वेप करते करते उसकी मां का विडियो दिख गया। रोहित हँसते हुए बोला,”मां अब तुम भी वीडियो बनाने लगी हो!” मां मुस्कुराते हुए बोली, “हाँ कैसी लगी?” रोहित बोला, “मां सब समय बर्बाद करने वाली चीज है!” “तुम इतनी अच्छी सिलाई करती हो वह करो, उसमें तुम को पैसा भी अच्छा मिलता है!” मां तुरंत बोली, “हां रोहित, पर पैसे तो इसमें भी मिलते हैं!”
“पर मां आप ऐसे, कुछ भी तरीके से वीडियो बनाने से अच्छा है कि सिलाई सिखाने की रील्स बनाओ, कुछ लोग सीखेगें भी!”
मां बोली, “अरे बेटा! उसमे इतना नाम और पैसा नही है! वह कुछ लोग ही देखते हैं। लेकिन जो मैने रील्स बनाई है उसे अधिकतर लोग देख रहे हैं।” रोहित चुप रह गया। दूसरे कमरे में जाकर पढ़ाई करने बैठ गया।
सविता अधिकतर समय बंद कमरे में रील्स बनाती रहती और चिंटू बाहर कहीं भी खेलता घूमता रहता! रोहित शाम में स्कूल से आ रहा था तभी रास्ते में चिंटू दोस्तों के साथ धूल मिट्टी में खेलता दिख गया,रोहित ने उसे डांटा और हाथ पकड़ कर घर ले आया किन्तु घर का दरवाजा अंदर से बंद था, रोहित ने कई बार आवाज लगाई, “मां..मां.. दरवाजा खोलो…!”
मां दरवाजा खोलते हुए गुस्से में बोली, “क्यों चिल्ला रहा हैं! पता है न, मैं रील्स बना रही हूं!” उसने चिंटू को देखा भी नहीं, रोहित छोटा सा मुंह बनाए अपने कमरे में स्कूल की यूनिफार्म बदलने लगा साथ ही चिंटू के कपड़े भी बदले | चिंटू बोला, “भैया भूख लगी है!”
“हाँ चिंटू मुझे भी!”
“पर मां तो रील बना रही है अभी बोलेंगे तो डांट लगाएगी!” रोहित ने किचन प्लेटफार्म पर रखे डब्बो को खोलकर देखा तो एक डब्बे में मूंगफली के दाने रखे थे, उसने एक मुट्ठी दाने चिंटू को दिये और एक मुठ्ठी दाने खुद ने ले लिए और खाते हुए टीवी देखने बैठ गए।
कुछ दिनों तक ऐसा ही चलता रहा। रोहित भी अपनी पढ़ाई में व्यस्त हो गया । मां भी अपनी सिलाई छोड़ रील्स बनाने में व्यस्त रहने लगी। रोहित के पिता का तो सोशल साइट से दूर-दूर तक कोई नाता नही था । वह तो बस अपनी छोटी सी नौकरी में ही व्यस्त रहता था ।
चिटू मां को लाड़ दिखाते हुए बोला, मां आज संडे है पापा भैया की भी छुट्टी है, इडली सांभर और हलवा बनाओ, सविता बोली, “अरे चिंटू कितना ज्यादा समय लग जाएगा, मुझे रील्स भी बनाना है!”
“प्लीज… प्लीज…मां!”
“ठीक है, आज तुम्हारी पसंद का ही खाना बनाते है!” सविता ने जल्दी जल्दी इडली सांभर और हलवा बना कर किचन प्लेटफार्म पर रख दिया,फिर रील्स बनाने लगी, चिंटू नहा कर तैयार होकर माँ से बोला, “मां मुझे खाना दे दो|” “हाँ अभी परोसती हूँ!”
फिर मोबाइल देखने में लग गई है, थोड़ी देर बाद चिंटू फिर बोला, “मां….!”
“हाँ बेटा अभी देती हूँ…!”
कुछ समय बाद चिंटू खुद ही किचन प्लेटफार्म से थाली में इडली सांभर लेने लगा| तभी गरम गरम दाल की तपेली चिंटू के ऊपर गिर जाती है, चिंटू दर्द से रोते हुए जोर से बोला मां… मां, आवाज सुन सविता किचन में गई, देख घबरा गई, उसे तुरंत अस्पताल ले गए चिंटू के शरीर पर गरम दाल गिरने की वजह से फफोले पड़ गए थे, चिंटू दर्द से रो रहा था, रोहित उसे समझाते हुए बोला, “भाई तू जल्दी ठीक हो जाएगा” घर आकर, चिंटू के पापा ने सविता को डांट लगाई, वह चुप-चाप खड़ी रही, अगले दिन सविता ने चिंटू के साथ भी रील्स बनाई जिससे उसे कई कमेंट्स मिले, उसके लाइक्स और फॉलोवर्स भी बढ़े|
कुछ दिनों में चिंटू भी ठीक हो गया| रोहित के कई दोस्त मोबाईल के शौकीन थे। वह रोहित को भी रील्स देखने के लिए फोर्स करते किंतु रोहित देखने से मना कर देता..। दोस्तों की जिद्द से कभी कभी देख लेता था। रोहित के एग्जाम भी नजदीक आ गए थे। वह अपनी पढ़ाई को लेकर ज्यादा सिरियस रहने लगा। अब वह नियमित स्कूल जाता पढाई करता और चिंटू को भी अपने साथ पढ़ने बिठाता। रोज की तरह
वह स्कूल जा रहा था, तभी रास्ते में कुछ लोग उसे देख हँसते हुए बोले, “देख इसके घर ही सेक्सी बॉम्ब है!” वह कुछ भी न समझा। स्कूल पहुंचा तो उसके दोस्त भी उसको देख हँसने लगे..। रोहित को आज सबका व्यवहार अजीब लग रहा था। लोग उसे देख बातें कर रहे थे,और हॅस रहे थे।
एक बारहवी क्लास के बच्चे ने तो रोहित को बोल भी दिया। “क्या यार तेरे घर पर तो सेक्सी बॉम्ब रखा हुआ है! “वाह! क्या सेक्सी डान्स किया तेरी मां ने! अंग अंग दिखा दिया, बोल कर हंसने लगा!” यह सुन रोहित को बहुत गुस्सा आ गया, वह उस लड़के से लड़ गया! टीचर्स ने दोनों को अलग किया और लड़ाई खत्म कराई | किन्तु रोहित छोटा होने के कारण ज्यादा घायल हो गया । रोहित का दोस्त बोला “देख भाई तेरी मम्मी को ऐसी रील नही बनानी चाहिए थी। सब लोग गंदी-गन्दी बाते कर रहें है।” यह सुन कर भी रोहित कुछ न समझा | जब उसके दोस्त ने रील्स दिखाई, तो उसकी शर्म से नजरे झुक गई| वह जल्दी जल्दी घर गया, दरवाजा ठोकते हुए जोर जोर से आवाज लगाई, “मां…..मां….कहां हो…?, सविता ने दरवाजा खोला और हँसते हुए बोली, “देख कितने लाइकस् फॉलोवर्स हो गए मेरी रील्स पर!”
रोहित गुस्से में बोला, “मां इतनी गंदी रील्स बनाते हुए शर्म नही आई तुम्हैं”!
“क्यों क्या हुआ?”
“ऐसा क्यों बोल रहा हैं?”
“सब लोग कैसी -कैसी गंदी बातें कर रहे हैं!”
“मुझे क्या करना किसी से!”
” मां तुमको कुछ नही करना!”
” पर लडके मुझे भी गंदी-गंदी बाते बोल रहे हैं!” माँ बेटे में बहुत बहस हुई, किन्तु सविता लाइक्स कमैंट्स और फॉलोवर्स में इतनी डूब गई थी कि उसको रोहित की बातें बेफिजूल ही लग रही थी | रोहित रोते रोते बोले जा रहा था, मां तुम कितनी बदल गई हो! पहले कितनी अच्छी थी अब कैसी हो गई हो! रोते-रोते रोहित ने खुद को कमरे में बंद कर लिया। वह कमरे के कोने में बैठे बैठे रोए जा रहा था!
रोहित के दिल दिमाग़ में लोगों के कहे गलत शब्द गूंज रहे थे| कल स्कूल जाऊंगा फिर वही गंदे शब्द लोग बोलेंगे और हँसेगें!
रोते हुए पंखे की ओर देखते हुए बोला, “मैं माँ के लिए गंदे शब्द नहीं सुन सकता!” पंखे के नीचे बिछा पलंग के ऊपर स्टूल रख वह चादर डाल ही रहा था कि खिड़की से उसके पापा ने देख लिया, रोहित के पापा ने कमरे को जोर से धक्का दिया और रोहित को गोद में उठा लिया| आवाज सुन सविता तुरंत बाहर आई| रोहित के पापा गुस्से में चिल्ला कर बोले, “सविता तुम्हारा ध्यान कहाँ रहता है? आज मैं न देखता तो बेटा फांसी लगा लेता!” सविता समझ गई थी कि रोहित ने यह कदम क्यों उठाया, सविता रोहित को गले लगा लेती और रो-रो कर माफ़ी मांगती, “बेटा अब नहीं बनाउंगी! मैं तुझे खोना नहीं चाहती!”
