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गुनाहों का सौदागर -राहुल भाग-15

शरदपुर के थाने के कम्पाउंड में सड़क पर हजारों आदमियों की भीड़ थी। वे लोग जोर-जोर से नारे लगा रहे थे। “अपराधियों को दंड दो !” “हमारी बेटियों की लाज से खेलने वालों को दंड दो।” गुनाहों का सौदागर नॉवेल भाग एक से बढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें- भाग-1 एक नेता टाइप का […]

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गुनाहों का सौदागर -राहुल भाग-14

“अरे ! मुझे अन्दर जाने दो।” “काहे के लिए ?” “मैंने मनौती मानी थी कि जब मैं ग्रेजुएट हो जाऊंगी तो भगवान के चरणों में दीपक जलाऊंगी।” “मगर तुम इस मन्दिर में नहीं जा सकतीं।” गुनाहों का सौदागर नॉवेल भाग एक से बढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें- भाग-1 “क्यों ? इस मन्दिर से […]

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गुनाहों का सौदागर -राहुल भाग-13

दूसरी सुबह अमर घर से निकला तो उसे देखकर पड़ोसी के लड़के ने कहा‒“आदाब अर्ज, अमर भाई।” “आदाब अर्ज, करीम मियां। आज तुम स्कूल नहीं गए ?” “अरे, आपको नहीं मालूम ?” “क्या हुआ ?” “वह अपने शरीफ चाचा हैं न टेलर मास्टर !” गुनाहों का सौदागर नॉवेल भाग एक से बढ़ने के लिए इस […]

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गुनाहों का सौदागर -राहुल भाग-12

लक्ष्मी और रेवती बुर्के ओढ़कर एक संदूक और एक बैग लेकर खरीफ चाचा के साथ चली गईं। जाते-जाते रेवती बुरी तरह रो रही थी और लक्ष्मी बार-बार बेचैन हो रही थी और बार-बार अमर को आशीर्वाद के साथ संभलकर रहने की भी सीख देती रही। गुनाहों का सौदागर नॉवेल भाग एक से बढ़ने के लिए […]

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गुनाहों का सौदागर – राहुल भाग-11

अमरसिंह धनीराम की चिता जलाकर श्मशान से लौटा तो कमरे में उसकी बन रेवती सिसकियां भर-भरकर रो रही थी और लक्ष्मी मुर्दों सरीखा पीला चेहरा लिए हुए बैठी थी। हाथ-मुंह धोकर अमरसिंह चुपचाप चारपाई के पायंती आकर बैठ गया तो लक्ष्मी ने कुछ देर चुप रहकर धीरे से पूछा‒“सुदर्शन को खबर कर दी थी ?” […]

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गुनाहों का सौदागर – राहुल भाग-10

थाने पहुंचकर अमरसिंह का बेल्ट और बिल्ला उतार लिए गए। अमरसिंह कुछ न बोला। वह बाहर निकलने लगा तो इंस्पेक्टर ने कठोर स्वर में कहा‒“ठहरो !” अमरसिंह रुका तो इंस्पेक्टर ने कहा‒“जब तक इन्क्वायरी फाइनल न हो जाए तुम शहर छोड़कर भी नहीं जा सकते।” गुनाहों का सौदागर नॉवेल भाग एक से बढ़ने के लिए […]

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गुनाहों का सौदागर – राहुल भाग-9

कुछ देर बाद जीप में अगली सीट पर खुद इंस्पेक्टर दीक्षित ड्राइव कर रहा था और पिछली सीट पर अमरसिंह चुपचाप बैठा था। उसका अवचेतन उसे किसी खतरे का संकेत कर रहा था। जीप लगभग पांच मिनट के सफर के बाद जब डी॰ एम॰ के बंगले के फाटक में घुसी तो अमरसिंह के कान खड़े […]

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गुनाहों का सौदागर – राहुल भाग-8

अन्दर कमरे में से रेवती की सिसकियां सुनाई दे रही थीं। दालान में अमरसिंह और सुदर्शन बैठे थे। एक चारपाई पर चिंतित लक्ष्मी बैठी थी। सुदर्शन कह रहा था‒“मुझे तो थोड़ी देर पहले पता चला था कि रात को यहां आकर गुंडों ने बदतमीजी की थी। मैं पहले थाने गया। पंडित नामक सिपाही ने बताया […]

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गुनाहों का सौदागर – राहुल भाग-7

मौरिस रोड के चौराहे पर ही उसे अमृत नजर आ गया, जो एक पनवाड़ी से बातें कर रहा था। अमरसिंह ने जल्दी से रिक्शेवाले से कहा‒“रोक…रोक…इधर ही रोक दे।” रिक्शेवाले ने रिक्शा रोक दिया। अमरसिंह न जेब से दो रुपए निकालकर रिक्शाचालक को दिए तो उसने हैरत से कहा‒“दो रुपए…काहे के साहब ?” गुनाहों का […]

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गुनाहों का सौदागर – राहुल भाग-6

लाला सुखीराम ने जैसे ही दुकान खोली, अचानक एक मोटरसाइकिल दनदनाती हुई तेजी से दुकान के सामने से गुजरी जिस पर तीन लड़के सवार थे। सबसे पीछे वाले लड़के के हाथ में एक पत्थर था, जो उसने खींचकर जो सिर शो केस पर मारा था। शो-केस का शीशा खनखनाकर टूट गया। गुनाहों का सौदागर नॉवेल […]

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