कार के शीशे चढ़े हुए थे। अमर जान-बूझकर पिछली सीट पर बैठा था। उसके पास प्रेमप्रताप का ही दिया हुआ रिवाल्वर भी था, जो अंग्रेजी था और जिसमें छह राउंड मौजूद थे। प्रेमप्रताप खुद कार ड्राइव कर रहा था। एक बाजार से गुजरते हुए कुछ ऐसे हंगामे की आवाज आई, जैसे आपस में कुछ लोग […]
Author Archives: राहुल
गुनाहों का सौदागर -राहुल भाग-20
दूसरे दिन शाम को एक छोटे से पार्क में अमर, दीपा और प्रेमप्रताप तथा अमृत इकट्ठे हुए। सबसे पहले दीपा ने अमर और अमृत से पूछा‒“तुम लोग सगाई में क्यों नहीं आए ?” अमर ने जवाब दिया‒“हम नहीं चाहते थे कि मुझे और अमृत को साथ देखा जाए और हमारा तुमसे किसी प्रकार का सम्बन्ध […]
गुनाहों का सौदागर -राहुल भाग-19
शेरवानी कार से उतरकर तेज-तेज चलता हुआ भीतर पहुंचा। चौहान को देखकर वह ठिठककर रह गया। फिर आगे बढ़कर बोला‒“नेताजी, क्या यह खबर सच्ची है ?” चौहान ने गम्भीरता से जवाब दिया‒“सच्ची है।” शेरवानी इस प्रकार कुर्सी पर बैठ गया, मानो टांगों की जान निकल गई हो। गुनाहों का सौदागर नॉवेल भाग एक से बढ़ने […]
गुनाहों का सौदागर -राहुल भाग-18
प्रेमप्रताप जब थ्री-व्हीलर से उतर कर अपने बंगले में पहुंचा तो जगताप उसे देखकर इस प्रकार उछल पड़ा, जैसे कोई अजूबा देख लिया हो‒“अरे, तुम यहां कैसे ?” प्रेमप्रताप ने विस्मय प्रकट करते हुए कहा‒“मैं समझा नहीं, डैडी।” “मेरा मतलब है, तुम कहां से आ रहे हो ?” गुनाहों का सौदागर नॉवेल भाग एक से […]
गुनाहों का सौदागर -राहुल भाग-17
एक पब्लिक कॉल बूथ के पास रुककर अमर ने प्रेमप्रताप से कहा‒ “तुम यहां इसके पीछे छुप जाओ।” पप्पी बूथ के पीछे छुप गया। भय के मारे उसका चेहरा पीला पड़ गया था। अमर ने बूथ में घुसकर डायल घुमाया। आवाज आने पर सिक्का डाला और माउथपीस मुंह के करीब लाने के बाद आवाज बदलकर […]
गुनाहों का सौदागर -राहुल भाग-16
“अरे, सुना तुमने ?” “क्या हुआ भई ?” “कल रात सेठ जगताप और चौहानजी के लड़कों ने एक हरिजन लड़की का अपहरण कर लिया और उसकी लाज लूटने वाले थे।” गुनाहों का सौदागर नॉवेल भाग एक से बढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें- भाग-1 “हां सुना तो था किसी से। मगर विवरण नहीं मालूम […]
गुनाहों का सौदागर – राहुल भाग-2
दूसरी तरफ जब मैदान साफ हो चुका था, तब लाला सुखीराम की दुकान के बिल्कुल सामने गर्ल्स कॉलेज के एक क्वार्टर में से एक अधेड़-उम्र नौकर ने झांककर पूछा‒“क्या हुआ, लाला ?” ऊपर से औरतें भी चिल्लाने, रोने लगीं‒“कोई किसी के बुरे समय का साथी नहीं है।” गुनाहों का सौदागर नॉवेल भाग एक से बढ़ने […]
गुनाहों का सौदागर-राहुल
लेखक का परिचय: – राहुल राहुल एक ऐसे उपन्यासकार हैं जो धड़कते दिलों की दास्तां इस तरह बयान करते हैं कि पाठक सम्मोहित हो जाता है। प्रेम चिढ़ाना, दर्द का अहसास, नायिका के दिल का दर्द, नायक के दिल की कठोरता उसकी कहानियों में दयालु शब्द हैं। प्रेम सागर में भी राहुल अपने पाठकों से […]
