broken Slipper
Sitapur Slipper Showroom Manager case

Summary: एक जोड़ी चप्पल और कानून की सख्ती, उपभोक्ता फोरम ने दिया बड़ा संदेश

मामूली शिकायत को हल्के में लेना शोरूम मैनेजर को महंगा पड़ गया। फोरम के आदेश न मानने पर गैर-जमानती वारंट जारी हुआ।

Sitapur Slipper Showroom Manager Case: सरकार की तरफ से हमेशा ही उपभोक्ताओं को जागरूक करने का प्रयास किया जाता रहा है। इसी की वजह से उपभोक्ता जागरूक हो रहे हैं और अपने अधिकारों का सही तरीके से इस्तेमाल भी कर रहे हैं। इसी का नतीजा है कि उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में उपभोक्ता अधिकारों को लेकर एक बेहद ही गंभीर और चौंकाने वाला मामला सबके सामने आया है। यहाँ के एक शोरूम के द्वारा बेची गई सिर्फ एक जोड़ी चप्पल की शिकायत अब शोरूम मैनेजर के लिए एक कानूनी मुसीबत बन गई है।

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने शोरूम के मैनेजर मोहम्मद उस्मान के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है। दरअसल यह कार्रवाई उपभोक्ता फोरम के आदेशों की बार-बार अवहेलना के कारण हुई है। आइए इस मामले के बारे में विस्तार से जानते हैं।

broken Footwear
Slippers Purchased for Rs 1700

यह मामला साल 2022 का है, जिसमें सीतापुर के बट्सगंज निवासी आरिफ ने 17 मई 2022 को ट्रांसपोर्ट चौराहे के पास स्थित एक शोरूम से 1700 रुपए की एक जोड़ी चप्पल खरीदी थी। चप्पल खरीदते समय शोरूम के मैनेजर ने चप्पल पर 6 महीने की वारंटी होने का दावा किया गया था, लेकिन यह आरोप है कि चप्पल खरीदने के मात्र 1 महीने के अंदर ही चप्पल खराब होकर टूटने लगी।

Court
Allegations of Evasion and Delay

इस मामले में पीड़ित आरिफ का कहना है कि जब वह इसकी शिकायत लेकर शोरूम में पहुंचा तो पहले उसकी बात को सुनने से इंकार कर दिया गया और उसे टालमटोल का सामना करना पड़ा। बहुत बार चक्कर लगाने के बाद शोरूम मैनेजर ने चप्पल को अपने पास रख ली, लेकिन इसके बाद ना तो नई चप्पल दी गई और ना ही इसके पैसे वापस किए गए। कई बार कोशिश करने के बाद परेशान होकर आरिफ ने 17 अक्टूबर 2022 को जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में शिकायत दायर की।

Money
Forum Directed Payment

उपभोक्ता फोरम द्वारा भी शोरूम मैनेजर को कई बार नोटिस जारी किया गया, लेकिन आरोप यह है कि मैनेजर ना तो फोरम में पेश हुआ और ना ही सामने आकर अपना कोई पक्ष रखा। इसके बाद 8 जनवरी 2024 को फोरम ने आदेश पारित करते हुए शोरूम मैनेजर को चप्पल की कीमत लौटाने के साथ ही मानसिक उत्पीड़न के लिए कुल 2500 रुपए और वाद व्यय के लिए 5 हजार रुपए यानी कुल 9200 रुपए का भुगतान करने का निर्देश जारी किया गया है।

ऐसा बताया जा रहा है कि फोरम के द्वारा भुगतान के इस आदेश का भी पालन नहीं किया गया है। फोरम के आदेश की अवहेलना पर प्रकीर्ण वाद संख्या 12/2024 में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 की धारा 72 के तहत कार्रवाई भी शुरू की गई। इसके लिए जिला उपभोक्ता फोरम ने पुलिस अधीक्षक सीतापुर को पत्र भेजते हुए निर्देश दिया है कि 2 जनवरी 2026 तक हर हाल में गैर-जमानती वारंट की तामील कराते हुए शोरूम मैनेजर मोहम्मद उस्मान को गिरफ्तार किया जाए और उसे फोरम के सामने पेश किया जाए।

ए अंकिता को मीडिया इंडस्ट्री में 9 वर्षों का अनुभव है। इन्होंने अपने करियर की शुरुआत प्रिंट मीडिया से की और खास तौर पर लाइफस्टाइल और एंटरटेनमेंट बीट में रुचि रखती हैं। लेखन के अलावा वेब सीरीज़ देखना, घूमना, संगीत सुनना और फोटोग्राफी...