Consumer Rights Day: हर महिला को शॉपिंग का शौक होता है। घर गृहस्थी से लेकर परिवार के हर मेंबर के लिए महिलाएं शॉपिंग करती हैं। घर के मंथली बजट को बनाने से लेकर बाकी सभी की जरूरतों की चीजों का ध्यान रखने वाली महिलाएं वैसे तो हमेशा ही समझदारी से खरीदारी करती हैं। लेकिन स्मार्ट बायर वही है जिसे अपने सभी अधिकारों के विषय में पता हो। ग्राहकों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल 15 मार्च को वर्ल्ड कंज्यूमर राइट डे मनाया जाता है। चलिए हम आपको बताते हैं वो बातें जो जानना हर महिला के लिए जरूरी है-
Consumer Rights Day: हर ग्राहक को मिले हैं ये छह अधिकार

कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट देश के प्रत्येक ग्राहक को 6 अधिकार देता है। सबसे पहले जानते हैं वो क्या है-
राइट टू सेफ्टी- इसके तहत ग्राहक को सेफ्टी का अधिकार मिलता है। कोई भी दुकानदार या स्टोर संचालक खराब क्वालिटी वाली वस्तु उपभोक्ता को नहीं बेच सकता है।
राइट टू इन्फॉर्म- किसी भी प्रोडक्ट की क्वालिटी और क्वांटिटी जानना हर ग्राहक का अधिकार है। इसी के साथ उसे प्रोडक्ट की शुद्धता और कीमत जानने का पूरा हक है।
राइट टू सेलेक्ट – हर ग्राहक को अपनी पसंद का सामान खरीदने का पूरा हक है। वह इसकी सर्विस भी अपने अनुसार चुन सकता है।
राइट टू बी हेयर्ड- ग्राहक की बात सुनना शॉपकीपर या स्टोर की जिम्मेदारी है। ग्राहक के साथ गलत व्यवहार नहीं किया जा सकता। अगर ऐसा होता है तो ग्राहक एक्शन ले सकता है।
राइट टू रिड्रेसल –अगर ग्राहक को कोई गलत या खराब सामान दिया गया है तो उसे रिप्लेस करना या रिफंड करना होगा। अगर दुकानदार ऐसा नहीं करता है तो ग्राहक इसकी शिकायत कर सकता है।
राइट टू कंज्यूमर एजुकेशन – हर ग्राहक को अधिकार है कि वह अपने लिए बनाए गए हकों को जाने और उनका सही उपयोग करे। इसलिए अकसर आपने टीवी, रेडियो या इंटरनेट पर ‘जागो ग्राहक जागो’ जैसे विज्ञापन देखे होंगे।
जा रही हैं खरीदारी के लिए तो इन बातों का रखें ध्यान

– सामान चाहे पैक हो या फिर खुला, उसका सही वजन जांचना आपका हक है। दुकानदार उसे तोलने से मना नहीं कर सकता।
-कभी भी सामान की एमआरपी से ज्यादा कीमत का भुगतान न करें, यह उपभोक्ता के अधिकारों के खिलाफ है। अगर कोई दुकानदार ऐसा करता है तो तुरंत इसकी शिकायत करें।
– उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम 1982 के अनुसार कोई भी दुकानदार मिठाई के साथ डिब्बा नहीं तौल सकता। ऐसा करने पर ग्राहक सीधे उपभोक्ता फोरम में शिकायत कर सकता है।
– ग्राहक हर प्रोडक्ट की जांच कर सकता है, यह उसका अधिकार है, जो सामान उसकी सुरक्षा और सेहत से जुड़ा है, उसपर आईएसआई (ISI) मार्क जरूर देंखे। जैसे- गीजर, हेलमेट, बच्चे की दूध की बोलत से लेकर गैस सिलेंडर तक।
– पेट्रोल पंप पर फ्यूल डलवाने से पहले रीडिंग जीरो करने के बाद ही पेट्रोल-डीजल गाड़ी में भरवाएं। ये आपका अधिकार है। अगर पंप संचालक ऐसा नहीं करता है तो आप शिकायत कर सकती हैं।
-बिल के बिना कोई सामान नहीं लें। शॉपिंग के बाद बिल लें और उसे ध्यान से पढ़ें। गलती होने पर आप सवाल कर सकती हैं।
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ऑनलाइन शॉपिंग की हैं शौकीन तो यह जानना आपके लिए जरूरी
आजकल लगभग हर महिला ऑनलाइन शॉपिंग को प्राथमिकता देती है। कारण है ई-कॉमर्स साइट्स पर मिलने वाले शानदार डिस्काउंट और आॅफर। हालांकि ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान ज्यादा सावधान रखने की जरूरत है, क्योंकि इन दिनों फ्रॉड के मामले बढ़ रहे हैं। इसी को देखते हुए केंद्र सरकार ने ई-कॉमर्स कंपनियों को लेकर नए नियम जारी किए। केंद्र सरकार ने कंज्यूमर प्रोटेक्शन (E-Commerce) रूल्स 2020 जारी किए। इसके अनुसार नियमों का उल्लंघन करने पर कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट, 2019 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। जानिए क्या है नियम-
– कोई भी सामान खरीदने से पहले ग्राहक यह पता कर सकेंगे कि उसका निर्माण कहां हुआ है। जिससे ग्राहक यह तय कर सकें कि उसे सामान लेना है या नहीं।
– हर प्रोडक्ट पर उसकी एक्सपायरी डेट, रिटर्न, रिफंड, एक्सचेंज, गारंटी-वारंटी, डिलीवरी और शिपमेंट की जानकारी देना आवश्यक है।
– सबसे जरूरी बात ई-कॉमर्स वेबसाइट ग्राहकों पर ऑर्डर कैंसिल करने के लिए कैंसिलेशन चार्ज नहीं लगा सकती।
– कोई भी ई-कॉमर्स वेबसाइट कीमत को लेकर ग्राहकों को धोखा नहीं दे सकती। यानी ज्यादा फायदा कमाने के लिए गलत कीमत नहीं दिखाई जा सकती है।
– हर ई-कॉमर्स वेबसाइट को यह स्पष्ट बताना होगा कि उनके पास पेमेंट के कौन-कौन से मोड हैं। साथ ही इनपर सिक्योरिटी की क्या व्यवस्था है।
– ई-कॉमर्स वेबसाइट को सेलर की पूरी जानकारी भी ग्राहक के साथ शेयर करनी होगी। जिसमें सेलर का पता, कस्टमर केयर नंबर और रेटिंग शामिल है।
ऐसे कर सकती हैं आप शिकायत

ग्राहक की सुविधा के लिए सरकार ने कई नियमों में बदलाव कर उन्हें आसान बनाया है। जिससे हर ग्राहक को उसका हक मिले। अब देश में हर ग्राहक को कहीं से भी शिकायत दर्ज करने का विकल्प दिया गया है। आप किसी भी कंज्यूमर कमीशन में शिकायत दर्ज कर सकती हैं। इससे पहले ग्राहक को शिकायत करने वहां जाना पड़ता था, जहां से उसने सामान खरीदा था या फिर विक्रेता के रजिस्टर्ड ऑफिस में जाना पड़ता था। लेकिन अब ग्राहक नजदीकी कंज्यूमर कमीशन में शिकायत कर सकता है। इतना ही नहीं पांच लाख रुपए तक के केस फाइल करने पर कोई फीस नहीं लगती है। सुनवाई के लिए शिकायतकर्ता को फोरम में उपस्थित होने की जरूरत नहीं है, वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भी पेश हो सकता है।
विक्रेता को हो सकती है जेल
सरकार ने ग्राहकों की सुरक्षा को सबसे ऊपर रखा है। अगर किसी डिफेक्टिव प्रोडक्ट के कारण उपभोक्ता को कोई चोट नहीं लगी तो विक्रेता को 6 माह तक की सजा और एक लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। अगर उपभोक्ता को चोट लगती है या फिर नुकसान होता है तो प्रोडक्ट बेचने वाले को अधिकतम सात साल की जेल की सजा देने का प्रावधान है। इसी के साथ पांच लाख रुपए तक जुर्माना लग सकता है। यदि डिफेक्टिव प्रोडक्ट या सेवा की वजह से कंज्यूमर की मौत हो जाती है तो विक्रेता को उम्रकैद तक की सजा हो सकती है। साथ ही 10 लाख रुपए तक का जुर्माना लग सकता है।
