लेखक का परिचय: -एस. बलवंत
एस. बलवंत का जन्म जिला लायलपुर के गांव चिट्टी में हुआ और वह देश के बंटवारे के समय जालन्धर जिले के गांव सम्मींपुर में अपने बाकी परिवार के साथ आ बसे। उनका बचपन देहातों में गुजरा। फिर वह जालन्धर, दिल्ली, चण्डीगढ़, मुंबई और अंत में दिल्ली में पक्के तौर पर आकर बस गये, पर उनके पैरों में भ्रमण की रेखाएं उसको दुनिया को नजदीक से ही नहीं, बल्कि अन्दर से देखने के लिये मजबूर करती रहीं। रूस, इंग्लैंड, अमरीका, कैनेडा, जर्मनी, फ्रांस, डैनमार्क, स्वीडन, नार्वे, यूगोस्लाविया, पाकिस्तान, कोरिया आदि देशों में तो बार-बार गये पर साथ ही साथ भारत में भी जगह-जगह भ्रमण करते रहे।
वह शुरू से ही समाचार पत्रों व किताबों के साथ जुड़े रहे। ज्ञानी जैल सिंह के समाचार पत्र रोजाना “खालसा सेवक” से शुरू करके छोटी-बड़ी संस्थाओं के लिये काम करने के उपरान्त 1975 में उन्होंने अंग्रेजी में प्रकाशन-घर आरम्भ किया। दुनियां के महान चिंतकों व राजनीतिज्ञों की बेशुमार किताबें प्रकाशित करने के उपरान्त उन्होंने कहानी लिखने का समय निकाला। वह कई संस्थाओं के कई पदों पर कार्यरत रहे और भारतीय प्रकाशकों की प्रतिनिध संस्था “द फैडरेशन ऑफ इंडियन पबलिशर्ज” में कई पदों पर भी वह पदासीन रहे हैं। कई बार जनरल सैकरेटरी व अन्य पदों के पश्चात् वह आजकल इस संस्था का प्रेजीडेंट हैं। कई वर्ष पंजाबी ट्रिब्यून में “दिल्ली डायरी” नाम का कॉलम लिखते रहे जो काफी चर्चित रहा। दिल्ली की प्रसिद्ध संस्था “दिल्ली रैनेसा क्लब” के वह लगातार जनरल सैकरेटरी भी रहे जिसके द्वारा देश के चिन्तकों द्वारा निरन्तर उभरते विषयों पर संवाद करवाना उनका मुख्य मकसद रहा है। और पदों के बिना वह आज कल प्रेजीडेंट, “सैंटर फार पंजाबी कलचर” तथा “पंजाबी ईन्टीलैक्चुयल फोरम” का जनरल सेकरेटरी हैं। पत्रकारिता की दुनिया में वह फ्री-लांसिंग के अलावा “शेरे-ए-पंजाब” के सहायक सम्पादक का कार्य भी निर्वहन कर रहे हैं।
महानगर
महानगर, एस बलवन्त के द्वारा लिखी गई कहानी है उनका जन्म जिला लायलपुर के गांव चिट्टी में हुआ। लेखक ने आस-पास घट रही घटनाओं के प्रति वेदना व समाज में जी रहे मानव की परंपरागत व बदलती मानसिक अवस्थाओं को शब्दों द्वारा पेश किया है।
कुछ अपनी तरफ से :
मेरे अंदर कहानी गढ़ने की प्रक्रिया तो शायद पहले ही शुरू हो चुकी थी पर शब्दों द्वारा इसको अंकित करने का मौका अब मिला।
इनको शब्दों द्वारा पेश कर सकने के लिए मेरी प्रेरणा के कई स्रोत होंगे जिनमें विषय, आस-पास घट रही घटनाओं के प्रति वेदना व समाज में जी रहे मानव की परंपरागत व बदलती मानसिक अवस्थाओं का शायद ज्यादा हिस्सा हो। कहीं-कहीं मेरा निजी सफ़र भी हो सकता है। पर इनको शब्दों द्वारा अंकित करवाने के लिए मेरी इस यात्रा में दिल्ली, पंजाब व पूरे भारत के अलावा विदेशों से भी कोई दोस्त शामिल होंगे, जिनके नाम लिखाने लगूं तो शायद पन्नों के पन्ने भर जाएं। इसलिए मैं किसी का भी नाम लिए बगैर उन सब दोस्तों व स्नेहियों का धन्यवादी हूं जो इन कहानियों को पूरा करने में वह मेरे मददगार बने।
हो सकता है कुछ कहानियों में मेरे से कुछ सख्त लफ़्ज भी इस्तेमाल हो गए हों जो पाठक को अनुकूल न लगे हों तो क्षमा का याचक हूं।।
हमारे समाज में एक खूबसूरती है पर उसके साथ-साथ जो वीभत्सतता है, उनको देखने का यत्न किया है, मैंने इन कहानियों में।
पाठकों, दोस्तों व स्नेहियों के सुझाव व आलोचना की मुझे हमेशा आशा व इंतजार रहेगा।
प्रकाशित: 11-03-2022
प्रकाशित: 12-03-2022
प्रकाशित: 13-03-2022
प्रकाशित: 14-03-2022
प्रकाशित: 15-03-2022
प्रकाशित: 16-03-2022
प्रकाशित: 17-03-2022
प्रकाशित: 18-03-2022
प्रकाशित: 19-03-2022
प्रकाशित: 20-03-2022
प्रकाशित: 21-03-2022
प्रकाशित: 22-03-2022
प्रकाशित: 23-03-2022
प्रकाशित: 24-03-2022
