Jhund Movie नागराज पोपटराव मंजुले की कहानी है जो खेल और सामाजिक संदेश को अच्छी तरह से मिश्रित करती है। वहीं अमिताभ बच्चन ने अपने लंबे करियर में कई शानदार प्रदर्शन किए हैं, फिर भी झुंड में वह अपने बेमिसाल अभिनय से सबको हैरान कर रहे हैं। फिल्म में अमिताभ का नाम विजय बोराडे है। इस फिल्म में मंजुले की पटकथा दमदार है जिसमें मनोरंजन को सर्वोपरि रखा गया है। कुल मिलाकर फिल्म शानदार है।

Jhund Movie में एक असामान्य फुटबॉल टीम की कहानी है। जिसमें विजय बोराडे (अमिताभ बच्चन) मुख्य किरदार में हैं और सेंट जॉन्स नाम के कॉलेज में पढ़ाते हैं । कॉलेज का लोकेशन एक बड़ी झुग्गी बस्ती के बगल में है। झुग्गी बस्ती के युवा पढ़े-लिखे नहीं हैं और जीवन यापन के लिए अलग-अलग काम करते हैं जिसमें चलती ट्रेनों से ज्वेलरी और मोबाइल फोन और कोयला चोरी करने जैसा काम भी शामिल है। कॉलेज के बगल में बस्ती होन के कारण एक दिन, विजय इनमें से कुछ युवाओं को एक बेकार पड़े प्लास्टिक बॉक्स से फुटबॉल खेलते देखते हैं। जिनमें अंकुश उर्फ डॉन (अंकुश गेदम), बाबू (प्रियांशु क्षत्रिय), एंजेल (एंजेल एंथोनी), विशाखा (विशाखा उइके), योगेश (योगेश उइके), रजिया (रजिया काजी) शामिल हैं।

विजय को लगता है इन बच्चों के पास संभावनाएं होने के बावजूद यह अपराध करने और नशीली दवाओं का सेवन करने में अपना समय बर्बाद कर रहे हैं। जिसके बाद विजय अगले दिन झुग्गी में जाकर इन युवाओं से मिलता है और उन्हें 30 मिनट के लिए फुटबॉल खेलने के लिए कहता है। इसके बदले में उन्हें रुपये देने का वादा करता है। वह मान जाते हैं बदले में उन्हें 500 रु मिलते हैं। इसके बाद ऐसे ही कई दिनों तक ये सिलसिला चलता रहता है। लेकिन एक दिन जब विजय खेल मैदान में नहीं आता तो बच्चे उसके घर पहुंचते हैं। विजय उन्हें कहता है कि उसके पास उन्हें देने के लिए और पैसे नहीं हैं। लेकिन बच्चों को अब फ़ुटबॉल खेलना इतना अच्छा लगने लगता है कि वह इसे बिना पैसे के भी खेलने के लिए तैयार हो जाते है। यही से विजय उन्हें कोचिंग देते है और जल्द ही, वह अच्छा खेलने लगते हैं। इसके बाद विजय ने सेंट जॉन के प्रिंसिपल से बात कर इन बच्चों को कॉलेज की फुटबॉल टीम के साथ एक दोस्ताना मैच खेलने की अनुमति मांगी। लेकिन प्रिंसिपल नहीं माने।
एक लाइन में अगर फिल्म को बताया जाए तो पूरे फिल्म में एक जिद्दी कोच, बिगड़ैल बच्चे, कोच को बार बार कोसने वाले कुछ लोग, उसकी सबसे लड़ाई, सिस्टम के खिलाफ और कभी समाज के खिलाफ लड़ाई को दर्शाया गया है।
फिल्म में अजय-अतुल ने संगीत दिया है वहीं सुधाकर यक्कंती रेड्डी की सिनेमेटोग्राफी ने कमाल का काम किया ,जिसमें झुग्गी और फुटबॉल के सीन्स को अच्छी तरह फिल्माया गया है। कुल मिलाकर झुंड एक शानदार सामाजिक मनोरंजन फिल्म है।

हमेशा विजय रहेंगे अमिताभ बच्चन
फिल्म की कहानी के अलावा एक दिलचस्प बात है कि इसमें अमिताभ बच्चन का नाम विजय है। इस नाम से बीग बी का बरसो से नाता रहा है। कुछ नाम से दर्शक अपने पसंदीदा अभिनेता को देखना चाहते हैं जैसे शाहरुख खान राहुल या राज के नाम से फेमस हुए। वहीं मेगास्टार अमिताभ बच्चन हमेशा विजय रहेंगे। बता दें कि अमिताभ बच्चन ने अब तक स्क्रीन पर 20 से अधिक बार विजय का किरदार निभाया है।
