hathelee par baal kyon nahin story in Hindi
hathelee par baal kyon nahin

hathelee par baal kyon nahin story in Hindi : बादशाह अकबर को ठिठोली सूझी, उन्होंने बीरबल से पूछा, ‘बीरबल, मेरी हथेली पर बाल क्यों नहीं हैं?’

‘हुजूर! आप रोज अपने हाथों से गरीबों और जरूरतमंदों को दान आदि देते हैं, इसी कारण आपकी हथेली पर बाल टिक नहीं पाते।’

‘अच्छा! लेकिन तुम्हारी हथेली पर बाल क्यों नहीं हैं?’

‘हुजूर, मैं इन्हीं हाथों से आपसे दान आदि लेता रहता हूँ, इसलिए मेरी हथेली पर भी बाल नहीं टिकते।’

बीरबल की सूझबूझ से प्रसन्न हुए अकबर, लेकिन उन्होंने फिर पूछा, ‘अच्छा बीरबल, इन दरबारियों के हाथ पर बाल क्यों नहीं हैं?’

‘हुजूर, सीधी-सी बात है। आप दान देते हैं और मैं दान लेता हूँ, ऐसे में ये बेचारे हाथ मलते रहते हैं, इसलिए इनकी हथेली पर भी बाल नहीं टिकते।’

गधे ही आम नहीं खाते

बादशाह अकबर को यह मालूम था कि आम बीरबल का प्रिय फल है। एक दिन जब वह सरोवर में नहा रहे थे तो, उन्होंने बीरबल पर व्यंग्य करते हुए कहा, ‘बीरबल, तुम्हें मालूम है कि गधे आम नहीं खाते और ऐसे फल को तुम पसंद करते हो।’

बीरबल ने नहले पे दहला मारा, ‘जी हाँ, हुजूर, गधे ही आम नहीं खाते।’

उत्तर सुन बादशाह अकबर झेंपकर रह गए।

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