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    घर की छत-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Hindi Motivational Story: अपने पिता के कांपते हाथ देखकर ना जाने क्यों आशी का विश्वास भी कांप रहा था. आशी ने अपने पापा दीपक को सदा एक चट्टान की तरह देखा था, अडिग और मजबूत. अपने पापा के सहारे ही तो आशी अपने झूठे और मक्कार पति मनुज को छोड़ कर इस घर  मे  आ  […]

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माँ, मैं अब समझ गई हूँ-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Hindi Motivational Story: मोनिका ने मोबाइल स्क्रीन पर बेटी का मैसेज देखा  मॉम, आज ऑफिस बहुत टफ था, सिर दर्द कर रहा है, आपसे बात करनी थी। वो मुस्कुरा दी। रिया अब दिल्ली में अपनी नई नौकरी में थी, वही रिया जो कुछ साल पहले माँ से हर बात पर बहस कर बैठती थी। उसे […]

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आखिर ये तिरस्कार कब तक—गृहलक्ष्मी की कहानियां

Hindi Motivational Story: पचासों बार उसे श्रृंगार कर लड़के वालों के सामने ले जाया गया, हजारों रुपये स्वागत सत्कार में खर्च किये गए, तमाम आभगत मगर परिणाम एक ही ,लड़की की लंबाई थोड़ी कम है हमारे बेटे के हिसाब से थोड़ी लंबी लड़की चाहिए।   सलौनी थक गई थी यह सब सुन सुन कर, उसका मन […]

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असाधरण शिक्षक का सबक-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Motivational Story in Hindi: शुभम बारहवीं कक्षा का छात्र था। एक आम से परिवार का इकलौता बेटा था और एक आम से स्कूल में पढ़ता था। एक साधारण से परिवार का बेटा होने के बावजूद उसके अंदर पैसों की कोई अहमियत नहीं थी; साथ ही ना वो दूसरों का सम्मान करता था। कर्तव्यप्रायणता उसमें रत्ती […]

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कांजीवरम की लाल साड़ी-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Hindi Motivational Story: राखी का दिन बीतने को था और ललित की  कलाई सूनी ही रह गई थी। उसे बार-बार रुलाई छूट रही थी और अपने घर की और अपने भाई बहनों की बहुत याद आ रही थी।  साल भर हो गया था उसे घर गए हुए सबसे मिले हुए। नौकरी लगने के बाद अपने […]

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मेरे बेटे की दुनिया-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Motivational Story in Hindi: “मम्मा, आप थक गई होंगी, आज मैं खाना बनाऊँ?” 10 साल का आदित्य मुस्कुराते हुए अपनी माँ से बोला। माँ, शालिनी, चौंक गईं। ये वही बच्चा था जो अब से दो साल पहले तक खुद खाना खाने में भी आनाकानी करता था। शालिनी की ज़िंदगी में आदित्य ही सब कुछ था। […]

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अजनबी से हमसफर-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Hindi Motivational Story: ट्रेन अपनी रफ़्तार से चल रही थी. मैं अपने परिवार के साथ अपनी सीट पर और सामने मेरे एक हसीन लड़की शायद अपने परिवार के साथ. हम दोनों के चेहरे उतरे हुए थे. माता पिता दोनों के आपस में बातें कर रहे थे. मेरे माता पिता और मैं उनकी और वे हमारी […]

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खोइछा-गृहलक्ष्मी की लघु कहानी

Hindi Short Story: शादीशुदा बेटी को मायके से ससुराल जाने के समय मां या भाभी द्वारा एक पोटली में धान, चावल, जीरा, सिक्का, फूल, और हल्दी भरकर दी जाती है। इस सामग्री को ही खोइछा कहा जाता है। खोइछा को लेकर यह मान्यता है कि यह बेटी के जीवन में सुख समृद्धि लेकर आता हैजब […]

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मैं बहू हूं मां जी काम वाली नहीं-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Hindi Motivational Story: रागिनी जब भी ससुराल जाती तो उसकी सास का व्यवहार ऐसा होता जैसे वो काम वाली हो, वह सुमित को बोलती ,पर एक बेटे की आंख में मां के प्यार की पट्टी बंधी होती तो वह उसकी  कोई बात नहीं सुनता… लेकिन वह सोचती कि कब तक आत्मसम्मान के साथ समझौता करु… […]

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खुशी का खजाना-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Motivational Story: राजा धुमसेन ओर रानी तारामती के वैभव की चर्चा दूर-दूर के राज्यों तक फैली हुई थी लेकिन राजा धुमसेन बहुत ही क्रोधी ओर लालची स्वभाव का था।उनके दुःख का एक ही कारण था कि उसे कोई संतान नही थी वह संतान की चाह में बहुत ही व्याकुल रहता।ना जाने कहाँ-कहाँ मंदिरों में जा-जा […]

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