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गुनहगार बहू!!-गृहलक्ष्मी की कविता

Gunhgar Bahu: बहू हर बात की गुनहगार होती है।चाहे गुनाह किसी ने भी किया हो।गलती सिर्फ बहू की होती है। बेटा धन बर्बाद करें तो बहू गुनहगारबचत करना ही नहीं जानती है।बेटा शराब पिए तो बहू गुनहगारपति को टेंशन देती है।बेटा नाजायज रिश्ते रखे तो बहू गुनहगारउसकी जरूरत को पूरा नहीं करती है। सास ससुर […]

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रेस्ट इन पीस-गृहलक्ष्मी की कहानी

Rest in Peace Story: रोशनी की बेरुखी के बाद भी निशांत का प्यार मरा नहीं। वह पिछले हफ्ते मिलने आया मगर वह अपने पुराने आशिक के पास लौट चुकी थी यह जानकर वह टूट गया। भरोसा टूटता है तो इंसान कहां आपे में रह जाता है। काश! उस जमाने में भी ऐसा कोई ऐप होता […]

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धोखा देना तो एक आर्ट है जी! – हास्य व्यंग

Funny Story in Hindi: धरती पर कुछ लोग बेहद अजीब होते हैं अपनी हर नाकामी का ठीकरा दूसरों के सर पर फोड़ना चाहते हैं । खुद की कमी बेवकूफी तो उन्हें कभी दिखाई नहीं देती। हां लेकिन दूसरों की काबिलियत पर उंगली उठाते रहते हैं । अपनी चालाकी तो विकास और दूसरों की चालाकी धोखा […]

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जड़-लघु कहानी

Moral Kahani: सौंदर्य की प्रतिमूर्ति स्वंय को सर्वगुण सम्पन्न समझने वाली लेखा जी का मानना था कि दुनिया की किसी भी उपलब्धि और सफलता पर सिर्फ उनका ही अधिकार हो सकता है। स्वयं को स्थापित करने की होड़ में वे किसी भी हद को पार कर लेती थी साम दाम दंड भेद की इस कला […]

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ये पानी-गृहलक्ष्मी की कविता

Hindi Poem: सब एक सी जिन्दगी जीते हैं, कुछ छुपते हैं, कुछ छुपाते हैं, कुछ हँसते हैं, कुछ हँसाते हैं , सलीका अगर रोने में भी शामिल हो तो, मुस्कुराने की वजह पूछते हैं सब……………….. तो क्या कहें?कि हम ऐसे ही हैं, जो आदतन हर कसक पर मुस्कुराते हैं, हर उस पल को जीते हैं, […]

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मैं बहुत फोटो खिंचवाती हूं-गृहलक्ष्मी की कविता

Hindi Kavita: हां मैं बहुत फोटो खिंचवाती हूंक्योंकि बीता वक्त लौटकर नहीं आता! तुम्हें क्या पता वह केवल तस्वीर नहीं होती उस तस्वीर में होती हैतुम्हारी, मेरी, बच्चों की प्यारी-प्यारी मुस्कुराहट उस तस्वीर में होती है मेरे बच्चों का बचपन, उनका नटखटपन, उनकी शरारते मैं सब कुछ इन कैमरों में कैद कर लेना चाहती हूं!मैं […]

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मायका-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Family House Story: सुहानी अपने माता पिता की एकलौती बेटी थी घर में बहुत लाड प्यार से उसको पाला जा रहा था,, उसको मायके की इतनी परवाह बोझ लगने लगी थी अब घर में जब उसकी शादी की बात चली तो उसको लगा कि किसी के साथ भी उसको बांध दिया जायेगा…  अपने ही पापा […]

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एक नया सूर्योदय-गृहलक्ष्मी की कहानियां

New Beginning Story: बाहर सड़क में सन्नाटा पसरा हुआ था इक्का-दुक्का जाते हुए वाहनों के शोर सुशील जी के कानों में शोर मचाते हुए पार हो जाते थे। कई बार वह सोचते काश कोई उनके दरवाजे आकर रुके और उनसे उतर कर उनके तीनों बच्चों में से कोई उन्हें सरप्राइस कर जाए।“… पापा हम आ […]

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ज़िंदगी ना मिलेगी दोबारा -गृहलक्ष्मी की कहानी

Life Story in Hindi: “ माँ ये रही रामेश्वरम की दो टिकट्स ।आप दोनों को हम सभी की तरफ़ से विवाह की पचासवीं सालगिरह पर छोटा सा गिफ़्ट “ “ रामेश्वरम …..” अचानक मिले गिफ़्ट से मैंने हैरानी से अपने बेटे वरुण को देखा “ हाँ माँ रामेश्वरम …मैं जानता हूँ वहाँ जाना आपकी सिर्फ़ […]