Mother’s Poem in Hindi: मॉ कहती थी सारा शरीर गवा कर बेटे को जन्म दिया हैवो मेरे शरीर का हिस्सा है मॉ कहती थीपिता ने घूप मे पासीना बहा कर हर इच्छा को पूरा किया है ,पर कहते नही थेपढ़ने में था होनहार, दूध का क़र्ज़ भी अदा करा , पिता का भी अरमान पूरा कियाचबूतरे में बैठी औरतें बात […]
Author Archives: रमा सेठी
Posted inलघु कहानी - Short Stories in Hindi, हिंदी कहानियाँ
बाबू जी की विदाई-गृहलक्ष्मी की कहानियां
Hindi Kahani: घर के आगंन मे चिड़िया सुबह—सुबह शोर कर रही थी। आवाज बड़ी प्यारी लग रही थी बाहर आ कर देखा ठंडी हवा चल रही थी गरमी के बाद शरद आने वाला होता हे तो कुछ दिन हवा ठंडी भी अच्छी लगती हे ।बाबू जी बाहर आंगन मे अपनी कुरसी पर बैठे महाराज से […]
Posted inकविता-शायरी
दूल्हन-गृहलक्ष्मी की कविता
दूल्हन बैठी थी , घर के आँगन मेंमेहंदी आलता और हाथी दांत का चूड़ा पहन केबारात आयी थी दरवाजे पर, दो सो बारातियों को ले करदूल्हे राजा सज रहे थे, शेरवानी पहन कर के, गले मे गानी डाले हुएघोड़ी पर बैठे थे, द्वार पर हुआ था, पिता का पिता से मिलन ,भाई का भाई से […]
