Posted inश्रेष्ठ कहानियां

जरूरत- गृहलक्ष्मी की कहानी

Grehlakshmi Ki Kahani: ‘संजू ओ संजू, देखो तो तुम्हारा लाडला तुम्हारे लिए कितना रो रहा है।’ दिनेश ने ड्राइंग रूम से ही आवाज लगाई। ‘ओफ ओ, बाथरूम में थी। चैन से कुछ भी नहीं कर सकती। अभी जनाब को मेरी जरूरत है इसलिए रो रहे हैं मेरे लिए। जब इन्हें मेरी जरूरत नहीं होगी तो […]

Gift this article