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सुमन की अधूरी गृहस्थी-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Houshold Story: यह कहानी बहुत पुराने समय की नहीं है। यह आज के जमाने की है। एक तरफ जहां देश तरक्की की सीढ़ियां चढ़ रहा था वही दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के बहुत छोटे से गांव में सुमन अपने मां-बाप और सात भाई बहन के साथ रहती थी। गांव ज़्यादा बड़ा तो नहीं था लेकिन […]

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 भाड़ में जाए टमाटर-गृहलक्ष्मी व्यंग्य 

Tomato Story: कभी-कभी आदमी भी पद और प्रतिष्ठा का रोब दिखाकर धाक जमा लेता है। ऐसी खूबियां तकरीबन सभी में पाई जाती है। सब्जियों में भी यही हाल प्याज और टमाटर का है। ससुरा रह- रहकर अपना भाव बढा,देर-सबेर अपना रोब जमा ही देता है।  टमाटर ही एक ऐसा सब्जी है जो रब जी ने […]

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संस्कार रिश्तों की नींव को मजबूती देते हैं-गृहलक्ष्मी की लघु कथा

Sanskar Story: सड़क दुर्घटना में माता और पिता दोनों को खोने के बाद साक्षी लगभग अवसाद की स्थिति में पहुंच चुकी थी। एक ही झटके में जब भगवान ने सिर से माता और पिता दोनों का ही साया छीन लिया हो,तो इससे ज्यादा बदकिस्मती बच्चों के लिए क्या हो सकती है। साक्षी बचपन से ही […]

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चुनौतियां है रास्ता-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Motivational Story in Hindi: लखनऊ के इन्दिरा नगर में अपने मम्मी पापा के साथ  अभ्युदय भी गर्मियों की छुट्टियों में फिरोजाबाद  चौबान मुहल्ला नाना के यहां  घूमने आया| एक दिन की बात है अभ्युदय उछलते कूदते नाना  के पास पहुंचा और बड़े गर्व से बोला नाना जी जब मैं बड़ा हो जाऊंगा तब मैं एक […]

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स्मार्टफोन की स्मार्ट मुसीबत-हास्य व्यंग्य

Funny Story in Hindi: एक थे चंपकलाल पहले वह थे और उनकी खुशहाल जिंदगी थी । एक हंसती मुस्कुराती दुनिया  जिसमें एक आज्ञाकारी पत्नी थी।जो उनके एक आवाज पर दौड़ी चली आती थी जिसकी सुबह और शाम चंपकलाल को ही देखकर हुआ करती थी। फिर उनके जीवन में शनि की महादशा शुरू हुई उनका बुरा […]

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भुल्लकड़!-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Memory Loss Story: अरे अब इधर आ बता मेरा मोज़ा कहा रखा है। धोबी को प्रेस करने  यूनिफॉर्म भेजा था या नहीं। या फ़िर भूल गई। भुल्लकड़ कहीं की। एक भी काम ढंग से नहीं करती। और ऊपर से ये भूलने की आदत। तुझे कुछ भी याद क्यों नहीं रहता है। ऐसा बोल कर दिनेश […]

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कित्ता “लाल” हो गया टमाटर!-गृहलक्ष्मी व्यंग्य

Hindi Vyangya: टमाटर भी क्या चीज है.. यदि किसी महिला को कह दिया जाए कि आपके गाल टमाटर जैसे लाल हैं तो या तो वह शर्म से सुर्ख हो जाएगी या गुस्से के मारे सुर्ख होकर चप्पल निकाल लेगी । दोनों स्थिति में महिला का सुर्ख अर्थात लाल होना तय है। टमाटर यहां पर एक […]

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फैसला नई जिंदगी का-गृहलक्ष्मी की लघु कहानी

Decision Story: अपने कमरे से अचानक सासु मां ने आवाज लगाई, शगुन ओ शगुन जल्दी आना!मैं अचानक तेज आवाज सुनकर मांजी के कमरे में गई!मांजी ने कहा रमा बुआ की लड़की की शादी में जाना है कल सुबह!सामान की पैकिंग कर लेना और सोना को भी लेते चलना! जब से रौनक गुजर गया है तब से […]

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हाथी के दांत खाने के कुछ और दिखाने के कुछ और

Hindi Moral Story: मक्खन चंद जी पूरे मोहल्ले के सबसे सम्मानित और समाजसेवी व्यक्ति हैं । शहर के हर होने वाले फंक्शन सामाजिक भलाई से संबंधित सेमिनार ,  गोष्ठियों में वह पहुंच जाते हैं। जहां तक उनकी पहुंच हो सकती है । वह अतिथि के रूप में पहुंच जाते। मंच और मंच पर माइक हाथ […]

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बड़े भैया-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Bhaiya Story: सुकेश, तूने मेरा इंतजार भी नहीं किया और मां का दाह संस्कार भी कर दिया। ऐसी भी क्या जल्दी थी, दीपेश अपने छोटे भाई से बोला। भैया आपको तो कई दिन पहले ही मां की गंभीर हालत के बारे में बता दिया था। आप फिर भी नहीं आये। मां की आंखें तो आपके […]