Hindi Vyangya: टमाटर भी क्या चीज है.. यदि किसी महिला को कह दिया जाए कि आपके गाल टमाटर जैसे लाल हैं तो या तो वह शर्म से सुर्ख हो जाएगी या गुस्से के मारे सुर्ख होकर चप्पल निकाल लेगी । दोनों स्थिति में महिला का सुर्ख अर्थात लाल होना तय है। टमाटर यहां पर एक मजबूत पक्ष है जो एक तरफ आपके मन की अभिव्यक्ति का साधन बन कर भी तठस्य रूप में आपके काम को बना भी रहा है बिगाड़ भी रहा है।
उसे तठस्य रूप में देखकर कुछ भ्रम मत पालिए की टमाटर कुछ करता-धरता नहीं है और ना ही टमाटर को अपने बारे में कोई गफलत है। वह तो बस सही समय का आने का इंतजार करता है । और आजकल टमाटर का ही समय आया हुआ है इसीलिए वह खूब गुस्से से लाल पीला है और सब पर रोब और रूआब झाड़ रहा है। जिसके कारण पहले किलो के हिसाब खाने वाले लोग अब पीस के हिसाब से खा रहे हैं । टमाटर को ही यह सौभाग्य प्राप्त है कि वह शिखर को भी छूता है और धरातल पर धराशाई होने का भी सुख लेता है। ऐसे तो आलू गोभी प्याज सब ऊपर नीचे होते रहते हैं लेकिन टमाटर का ऊपर नीचे होना कुछ ज्यादा ही महत्व रखता है। क्योंकि इस की पैढ हर दर पर रहती है।
टमाटर का भाव बढा होना कवियों में हर्ष की लहर दौड़ा गया है । क्योंकि कवि सम्मेलनों में उबाऊ कविता से पकी हुई जनता अब उन पर टमाटर फेंकने की जुर्रत नहीं करेगी । और अब कविगण अपनी उबाऊ और पकाऊ कविता जनता को सुना-सुना कर उनके ऊपर जी भर अत्याचार करने के लिए स्वतंत्र है और जनता सुबकने के सिवा कुछ नहीं कर सकती है ।
और आजकल आप जब भी बाजार में टमाटर की खरीदारी करने के लिए जाएं तो दाएं बाएं आगे पीछे हर तरफ ध्यान देकर ही टमाटर की खरीदारी करना समझदारी की बात है । जहां तक हो सके चेहरे पर मास्क लगाकर या अंधेरे में ही टमाटर की खरीदारी करने जाएं। क्योंकि इनकम टैक्स वाले अब कुछ दिन टमाटर मंडी में ही डेरा डाले रहेगे और जिसको भी एक या दो किलो टमाटर खरीदारी करते हुए देख लेगे।
उनके घर और संस्थान पर इनकम टैक्स की रेड पड़नी तय मानी जा रही है ।तो टमाटर इस समय बचकर खरीदने और खाने में ही भलाई है क्योंकि इनकम टैक्स वालों की नजर में इस समय टमाटर खाना आम आदमी के बस का नहीं उसके लिए कुछ खास लोग ही खरीदारी कर सकते हैं। तो आपकी नजर टमाटर पर उनकी नजर टमाटर खरीदने वाले पर बराबर बनी हुई है।
और लगे हाथ टमाटर उन लोगों को भी बहुत राहत दे दी है जो पथरी के शिकार रहते हैं हमेशा अन्य लोगों को टमाटर वाली सब्जी टमाटर सूप खाते पीते देखकर उनके अंदर जलन कुढन मची हुई रहती थी। अब उन्हें अपार संतोष मिल रहा है जिस तरह वह टमाटर नहीं खा सकते हम लोग भी अब टमाटर नहीं खा सकते। तो टमाटर एक और उपयोग अनेक इसी को कहते हैं हर कोई अपने अनुसार इसका उपयोग अपने मनोनुकूल कर रहा है।
यह भी देखे-फैसला नई जिंदगी का-गृहलक्ष्मी की लघु कहानी