Hindi Poem: पल पल ज़िगर में मेरेहसरतें जो बेहिसाब जगाता हैमैं तड़पती हूं जिसके लिएवो मेरा वेलेंटाइन कहलाता है ना छूकर कभी भी मुझेदर्द जो मेरा समझ जाता हैमैं तरसती हूं जिसके लिएवो मेरा वेलेंटाइन कहलाता है मैं जैसी हूं वैसी मुझेजो बेवजह चाहे जाता हैमैं आहें भरती हूं जिसके लिएवो मेरा वेलेंटाइन कहलाता है […]
Author Archives: पिंकी सिंघल
कोई मुझे टैगिंग से बचाओ रे!!!: Vyang
Hindi Vyang: आज के अपने इस आलेख में मैं जिस विषय को केंद्र बिंदु रखकर चल रही हूं, शायद वह किसी प्रकार की समस्या नहीं है और यदि सोच कर देखा जाए तो आज के सोशल मीडिया के युग में इससे बढ़कर शायद कोई दूसरी समस्या नजर भी नहीं आती है। यूं तो सोशल मीडिया […]
संस्कार रिश्तों की नींव को मजबूती देते हैं-गृहलक्ष्मी की लघु कथा
Sanskar Story: सड़क दुर्घटना में माता और पिता दोनों को खोने के बाद साक्षी लगभग अवसाद की स्थिति में पहुंच चुकी थी। एक ही झटके में जब भगवान ने सिर से माता और पिता दोनों का ही साया छीन लिया हो,तो इससे ज्यादा बदकिस्मती बच्चों के लिए क्या हो सकती है। साक्षी बचपन से ही […]
बच्चे और हॉबी क्लासेस: Hobby Classes
Hobby Classes: दुनिया में शायद ही कोई बच्चा ऐसा होगा जिसे खेलना, दौड़ना, भागना और मस्ती करना पसंद न हो। अपने खाली समय में तो उनके ये शौक और भी अधिक बढ़ जाते हैं। पढ़ने के साथ-साथ खेलना भी उतना ही महत्वपूर्ण होता है क्योंकि खेलने से व्यक्ति के मानसिक शारीरिक और संवेगात्मक विकास के […]
नया मुकाम-गृहलक्ष्मी की लघु कहानी
Hindi Short Story: राखी और रोहन दोनों ही कॉलेज के जमाने से एक दूसरे से प्यार करते थे और साथ जीने मरने की कसमें खाते थे। एमबीए पूरी करने के बाद भी उनका रिश्ता बरकरार रहा। दोनों को अलग-अलग कंपनियों में नौकरी मिली परंतु फिर भी कोई शाम ऐसी नहीं होती थी जब वे न […]
दिखावे का नकाब-गृहलक्ष्मी की कहानियां
Very Short Story: पोती का पहला जन्मदिन बहुत बहुत मुबारक सुलभा बहन जी।आज की बर्थडे पार्टी में तो आपने जी भर कर पैसा खर्च किया है।कितना सुंदर आयोजन ,वाह!!सचमुच रौनक लगा दी आज तो आपने।बहुत ही किस्मत वाली है आपकी बहू जिसे रंजीत जैसा सुंदर, समझदार, कामयाब पति और आप जैसे सास ससुर मिले जो […]
हाथ की लकीरें—गृहलक्ष्मी की कहानी
Story of Destiny: अच्छे ग्रेड में एम बी ए करने के बावजूद भी अभी तक बेरोजगार घूम रहे कैफे में बैठे सम्राट ने जैसे ही अपना लैपटॉप खोला नोटिफिकेशन में मेल खुलते ही उसकी आंखें खुली की खुली रह गई।पिछले 3 वर्षों से नौकरी की तलाश में भटकते सम्राट की आज भगवान ने आखिर सुन […]
होली के बहाने- लघु कहानी
Holi Story: “दीदी, रमैया कल से काम पर नहीं आएगी अब वह 15 दिन के बाद ही वापस काम पर आएगी।” मेरे घर में काम करने वाली 18 वर्षीय रमैया की मां सावित्री बाई ने जब मुझे यह बात बोली तो मैं हैरान हो गई । तब मुझे यही लगा कि शायद रमैया की तबीयत […]
कहीं आपके बच्चे को कोई धमकाता तो नहीं!: Threatening a child
Threatening a child: क्या आपका बच्चा स्कूल जाने से डरता है या फिर पार्क में खेलने के लिए नहीं जाना चाहता है! तो इसके पीछे अवश्य कोई खास कारण होगा। कहीं ऐसा तो नहीं कि वह अपने किसी सीनियर से बुली हो रहा हो! कई बार छोटे बच्चे स्कूल जाने से डरते हैं। माता-पिता को […]
यह दर्द कहां मैं छुपाऊं-गृहलक्ष्मी की कविता
गृहलक्ष्मी की कविता-चाहूं जो रोना खुलकर मैं,तो कभी रो न पाऊंतुम ही बताओ, मैं हृदय में उठता दर्द कहां छुपाऊं बेहिसाब दर्द दिया माना तूने,यूं बहुत दूर मुझसे जाकरमैं सोचूं भी जो तुझसे दूर होना,तो कभी हो न पाऊं तुम हो गए हो शामिल,मेरे वजूद में कुछ इस तरह सेकि चाहूं भी तुम्हें गर भुलाना,तो […]
