होली के बहाने-गृहलक्ष्मी की लघु कहानी: Holi Story
Holi ke Bahane

Holi Story: “दीदी, रमैया कल से काम पर नहीं आएगी अब वह 15 दिन के बाद ही वापस काम पर आएगी।”

मेरे घर में काम करने वाली 18 वर्षीय रमैया की मां सावित्री बाई ने जब मुझे यह बात बोली तो मैं हैरान हो गई । तब मुझे यही लगा कि शायद रमैया की तबीयत खराब है या उसे कहीं जाना होगा,इसलिए उसने 15 दिन की छुट्टी के लिए कहलवाया है।

परंतु जब मैंने सावित्री बाई के मुंह से रमैया के 15 दिन काम पर ना आने का वास्तविक कारण सुना तो मैं नि:शब्द हो गई!! मुझसे कुछ बोलते नहीं बना। रमैया की मां ने बताया कि होली के दिन उनकी बस्ती में बहुत हुडदंग मचा हुआ था ,सभी बच्चे होली के रंग में सराबोर थे और खूब मौज मस्ती कर रहे थे। उसी दिन रमैया की बड़ी बहन और उसके जीजा जी भी होली खेलने के लिए उनके घर आए थे ।उनके आने से घर में सब बहुत खुश थे।

 होली की मस्ती में मोहल्ले में सब छोटे बड़े मदमस्त होकर नाच गा रहे थे। परंतु,होली खेलते खेलते अचानक रमैया दौड़ी-दौड़ी घर के भीतर आई और अंदर से दरवाजा बंद कर लिया। उसकी यह हरकत देखकर रमैया की मां घबरा गई और उसने तुरंत दरवाजा खटखटाया। परंतु, रमैया ने दरवाजा नहीं खोला। जब सब लोगों ने रमैया को दरवाजा खोलने के लिए कहा तो रमैया ने रोते-रोते दरवाजा खोला। उस वक्त वह बहुत सहमी हुई दिख रही थी और किसी से नजरें भी नहीं मिला पा रही थी ।

रमैया की मां ने उसे अकेले में ले जाकर उसके रोने का कारण जानना चाहा तो पता चला कि उसके जीजा जी ने उसके साथ रंग लगाने के बहाने बदतमीजी की और उसके बहुत मना करने के बाद भी उन्होनें उसे गलत तरीके से छुआ जिसकी वजह से उसके मन में बहुत डर बैठ गया और वह सब कुछ छोड़ कर घर के भीतर आ घुसी।

“रमैया अभी भी बहुत सहमी हुई है दीदी, वह कुछ दिन तक घर से बाहर निकलने के लिए मानसिक रूप से अभी तैयार नहीं है। इसीलिए मैं आपको बताने आई हूं कि वह अभी कुछ दिन काम पर नहीं आएगी।”

 मैंने रमैया की मां को ढांढस बंधाया और समझाया कि चाहे कोई आपका कितना भी करीबी क्यों न हो परंतु अपनी बेटियों की सुरक्षा का पूरा जिम्मा मां-बाप का होता है, इसलिए आइंदा कभी किसी पर भी जरूरत से ज्यादा भरोसा ना करें। मेरी यह बात सुनकर रमैया की मां ने अपने आंसू पोंछे और वहां से चली गई।

समाज के कुछ लोगों की विकृत मानसिकता के चलते हम त्योहारों की पवित्रता को भंग करते हैं जो कि अति शर्मनाक है। ऐसी दुष्ट प्रवृति वाले लोगों का सामाजिक बहिष्कार होना चाहिए।