Story of Destiny: अच्छे ग्रेड में एम बी ए करने के बावजूद भी अभी तक बेरोजगार घूम रहे कैफे में बैठे सम्राट ने जैसे ही अपना लैपटॉप खोला नोटिफिकेशन में मेल खुलते ही उसकी आंखें खुली की खुली रह गई।पिछले 3 वर्षों से नौकरी की तलाश में भटकते सम्राट की आज भगवान ने आखिर सुन ही ली यूएसए बेस्ड एक मल्टी नेशनल कंपनी से सम्राट को आखिरकार जॉब ऑफर आ ही गया।मारे खुशी के सम्राट भागा भागा घर आया। यह खुशखबरी वह सबसे पहले अपनी मां मीना जी को सुनाना चाहता था क्योंकि सम्राट से अधिक उसकी नौकरी की चिंता में मीना जी पिछले 3 सालों से घुली जा रही थी।
परंतु जैसे ही वह घर पहुंचा और मां को अपनी नौकरी की खबर देनी चाही,मीना जी ने उसे चुप करा दिया और उसका हाथ पकड़ कर सीधे ड्राइंग रूम में ले गई ।वहां बैठे व्यक्ति को देखकर सम्राट कुछ समझ नहीं पाया ।उसने इशारों में मां से व्यक्ति के बारे में जानना चाहा। पर मां में अपने मुंह पर उंगली रखते हुए उसे वहीं सोफे पर बैठ जाने के लिए कहा और सम्राट को अपना हाथ उस व्यक्ति की ओर दिखाने के लिए जोर दिया।
मां की बात कभी न टालने वाला सम्राट मां की यह बात भी नहीं टाल पाया और उसने अपने दाएं हाथ को उस व्यक्ति के हाथ में रख दिया । मां ने उस व्यक्ति को पंडित जी संबोधित करते हुए निवेदन किया कि पंडित जी मेरे बेटे के हाथों की लकीरें देखकर कृपया बताइए कि इसके नसीब में नौकरी का सुख कब होगा।
चेहरे पर बड़ी ही संजीदगी लिए हुए पंडित जी ने सम्राट का हाथ अपने हाथ में लिया।हाथ की लकीरों की गणना करते हुए उन्होंने सम्राट से कहा,’ बेटा माफ करना ,लेकिन तुम्हारी किस्मत में नौकरी का सुख अभी नहीं है।ज्यादा नहीं तो आने वाले 5 वर्षों में तुम्हें नौकरी मिलने का कोई संजोग बनता नहीं दिख रहा है।
पंडित जी की बातें सुनकर सम्राट हैरान हो गया और तेजी से खड़ा हो गया।उसने पंडित जी का आभार व्यक्त करते हुए कहा ,’ पंडित जी घर आकर अपना कीमती समय देने एवं मेरा भविष्य बताने के लिए आपका हार्दिक आभार ! उनके हाथों में दक्षिणा थमाते हुए उस ने पंडित जी को वहां से विदा किया।
उसके इस व्यवहार से मां को अच्छा नहीं लगा।वह वहां से उठकर दूसरे कमरे में चली गई ।मां के पीछे पीछे सम्राट भी चल पड़ा। मां उससे बात करने को राजी नहीं थी। नाराजगी जाहिर करते हुए मीना जी ने सम्राट से कहा कि हाथों की लकीरों में ही हमारा भूतकाल, वर्तमान काल और भविष्य काल लिखा होता है और आज तुमने पंडित जी को इस प्रकार यहां से विदा करके बहुत गलत किया है।
मां की ऐसी बातें सुनकर सम्राट पहले थोड़ा मुस्कुराया और मां के गालों को दोनों हाथों से छूते हुए उनके मस्तक पर प्यार किया और कहा , “मेरी भोली मां ,क्यों तुम आज के समय में भी इस प्रकार के अंधविश्वासों और गलत मान्यताओं के चक्कर में पड़ी हो। आपके द्वारा बुलाए गए पंडित जी ने मेरे नसीब में अगले 5 वर्षों तक नौकरी का संजोग नहीं बताया न,किंतु ,आपको यह जानकर अपार खुशी होगी कि आज ही आपके बेटे को एक बहुत ही अच्छी और प्रसिद्ध मल्टीनैशनल कंपनी से बहुत अच्छे पद पर नौकरी का ऑफर आ गया है।
मां की ऐसी बातें सुनकर सम्राट पहले थोड़ा मुस्कुराया और मां के गालों को दोनों हाथों से छूते हुए उनके मस्तक पर प्यार किया और कहा , “मेरी भोली मां, क्यों तुम आज के समय में भी इस प्रकार के अंधविश्वासों और गलत मान्यताओं के चक्कर में पड़ी हो। आपके द्वारा बुलाए गए पंडित जी ने मेरे नसीब में अगले 5 वर्षों तक नौकरी का संजोग नहीं बताया न,किंतु ,आपको यह जानकर अपार खुशी होगी कि आज ही आपके बेटे को एक बहुत ही अच्छी और प्रसिद्ध मल्टीनैशनल कंपनी से बहुत अच्छे पद पर नौकरी का ऑफर आ गया है।
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