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गिद्ध बनकर परीक्षा – पुराणों की कथाएं

Bhagwan Vishnu Katha: प्राचीन समय की बात है, विपुलस्वान नामक मुनि के घर सुकृष और तुम्बरु नामक दो पुत्र हुए, जो अपनी तपस्या के बल से प्रसिद्ध ऋषि हुए । इनमें सुकृष मुनि ने अपनी कठोर तपस्या से ब्रह्माजी को भी प्रसन्न कर लिया था । उनके आशीर्वाद से सुस्म मुनि के घर चार पुत्र […]

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सूर्यदेव का जन्म – पुराणों की कथाएं

Bhagwan Vishnu Katha: सत्ताधिकार के लिए दैत्य और देवताओं में शत्रुता उत्पन्न होने के कारण दैत्य सदा देवताओं पर आक्रमण कर युद्ध करते रहते थे । इसी बात को लेकर एक बार दैत्य और देवताओं के मध्य भयानक युद्ध हुआ । यह युद्ध अनेक वर्षों तक चला । इस युद्ध के कारण देवताओं और सृष्टि […]

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रैवत मनु – पुराणों की कथाएं

Bhagwan Vishnu Katha: प्राचीन समय की बात है-ऋतवाक् नामक एक बड़े धार्मिक मुनि थे । उनके यहाँ एक पुत्र का जन्म हुआ । जब से पुत्र उत्पन्न हुआ, ऋतवाक् तथा उनकी पत्नी की धर्म-कर्म में अरुचि हो गई, वे रोग और शोक से चिंतित रहने लगे । क्रोध और लोभ उन्हें घेरे रहते थे । […]

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सूर्यास्त नहीं हुआ – पुराणों की कथाएं

Bhagwan Vishnu Katha: प्राचीन समय की बात है – प्रतिष्ठानपुर नामक नगर में कौशिक नामक एक ब्राह्मण रहता था । पूर्व जन्म में किए हुए पापों के कारण उसे कोढ़ हो गया । उसके संबंधी उसे छोड़कर चले गए । किंतु भयंकर रोग होने के बाद भी उसकी पत्नी शैव्या उसे देवता के समान पूजती […]

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दैत्य कुजृम्भ – पुराणों की कथाएं

Bhagwan Vishnu Katha: प्राचीन समय में पृथ्वी पर विदूरथ नामक एक प्रसिद्ध राजा हुए । एक दिन विदूरथ शिकार खेलने वन में गए । माग में उन्हें एक विशाल छिद्र दिखाई दिया, जो पृथ्वी के मुख के समान लग रहा था । उसे देखकर वे सोचने लगे – ‘यह विशाल छिद्र कैसा है? यह किसी […]

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तामस मनु – पुराणों की कथाएं

Bhagwan Vishnu Katha: प्राचीन समय की बात है – पृथ्वी पर स्वराष्ट्र नामक एक प्रसिद्ध राजा हुआ । वह अत्यंत पराक्रमी था । भगवान् सूर्य ने प्रसन्न होकर उसे दीर्घायु प्रदान की थी । स्वराष्ट्र की सौ रानियाँ थीं, किंतु समयानुसार सभी मृत्यु को प्राप्त हुईं । इसी प्रकार राजा स्वराष्ट्र के मंत्री और सेवक […]

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वसिष्ठ का पुनर्जन्म – पुराणों की कथाएं

Bhagwan Vishnu Katha: प्राचीन समय की बात है-भगवान् श्रीराम के इक्ष्याकु वंश में निमि नाम के एक प्रतापी राजा हुए । वे इक्ष्याकु के बारहवें पुत्र थे । वे बड़े गुणी, धर्मज्ञ और दानी थे । यज्ञ-हवन आदि में उनकी विशेष रुचि थी । एक बार उनके मन में एक विशाल यज्ञ करने की इच्छा […]

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अप्सराओं को वरदान – पुराणों की कथाएं

Bhagwan Vishnu Katha: धर्म ब्रह्माजी के मानस पुत्र हैं । उनकी उत्पत्ति ब्रह्माजी के हृदय से हुई । धर्म ने दक्ष प्रजापति की दस कन्याओं से विवाह किया । उन कन्याओं से धर्म को हरि, कृष्ण, नर और नारायण नाम के चार पुत्र प्राप्त हुए । बचपन से ही नर और नारायण तपस्वी स्वभाव के […]

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औत्तम मनु – पुराणों की कथाएं

Bhagwan Vishnu Katha: किसी समय पृथ्वी पर उत्तानपांद नामक राजा राज्य करते थे । उनका उत्तम नामक एक सुंदर, वीर और पराक्रमी पुत्र था । वह धर्म का ज्ञाता था । युवा होने पर उत्तानपाद ने उसका विवाह राजकुमारी बहुला के साथ कर दिया । उत्तम सदा बहुला की इच्छानुसार कार्य करता था, किंतु फिर […]

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राजा इन्द्रद्युम्न – पुराणों की कथाएं

Bhagwan Vishnu Katha: सतयुग की बात है, अवंती (उज्जैन) में इन्द्रद्युम्न नामक एक प्रतापी राजा राज्य करते थे । वे बड़े पराक्रमी, सत्यवादी, दानी, धर्मात्मा ब्राह्मण-भक्त और परम विद्वान थे । दान, यज्ञ और तप में उनकी समानता करने वाला दूसरा कोई नहीं था । इस प्रकार समस्त ऐश्वर्य-वैभव से सुशोभित और श्रेष्ठ गुणों से […]

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