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रौच्य मनु – पुराणों की कथाएं

Bhagwan Vishnu Katha: प्राचीन समय की बात है, प्रजापति बनने से पूर्व रुचि नामक युवक ने अपने लिए न तो किसी घर या महल की स्थापना की और न ही कभी किसी आश्रम की । वह मोह और अहंकार का त्याग कर सदा एक स्थान से दूसरे स्थान पर विचरता रहता था । वह दिन […]

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कपिल अवतार – पुराणों की कथाएं

Bhagwan Vishnu Katha: प्रजापति कर्दम ब्रह्माजी के मानस पुत्र थे । ब्रह्माजी ने जब उन्हें प्रजा की उत्पत्ति करने का परामर्श दिया, तब भगवान् विष्णु को प्रसन्न करने के लिए वे सरस्वती नदी के तट पर कठोर तपस्या करने लगे । उनकी तपस्या दस हजार वर्षों तक चली । उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान् […]

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ग्राह और गजेन्द्र का उद्धार – पुराणों की कथाएं

Bhagwan Vishnu Katha: प्राचीन समय की बात है क्षीरसागर में त्रिकूट नामक एक श्रेष्ठ पर्वत स्थित था । स्वर्ण, रजत और लौह से निर्मित उसके तीन शिखर थे । उसकी वैभवता और ऐश्वर्य को देखकर अनेक देवगण वहाँ निवास करते थे । त्रिकूट पर्वत की तलहटी में वरुण देव का ऋतुमान नामक एक सुंदर उद्यान […]

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नारायण नाम की महिमा – पुराणों की कथाएं

Bhagwan Vishnu Katha: प्राचीन समय की बात है, कान्यकुब्ज नामक नगर (वर्तमान कन्नौज) में एक ब्राह्मण रहता था । उसका नाम अजामिल था । वह बाल ब्रह्मचारी विनयी जितेन्द्रिय सत्यनिष्ठ मंत्रवेत्ता और शुद्ध हृदय का स्वामी था । वह सदा पिता गुरुजन और वृद्धों की सेवा में तत्पर रहता था । एक बार पिता की […]

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नारद का मोह भंग – पुराणों की कथाएं

Bhagwan Vishnu Katha:एक बार की बात है, नारद मुनि ने हिमालय पर्वत की एक सुंदर गुफा में लम्बे समय तक तपस्या की । नारदजी के घोर तप से इन्द्र विचलित हो उठे । देवराज इन्द्र को यह भय सताने लगा कि तप सफल हो जाने पर नारद कहीं उनके सिंहासन की माँग न करने लगें […]

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राजा सुरथ – पुराणों की कथाएं

Bhagwan Vishnu Katha: प्राचीन समय की बात है-जगदलपुर में सुरथ नाम के एक चन्द्रवंशी राजा राज्य करते थे । राजा सुरथ सत्यवादी, कर्मनिष्ठ, गुरु में श्रद्धा रखने वाले तथा सदाचारी व्यक्ति थे । एक बार पड़ोसी देश के राजा ने सुरथ के राज्य पर आक्रमण कर दिया । दोनों राज्यों की सेनाओं में अनेक दिनों […]

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वैवस्वत मनु – पुराणों की कथाएं

Bhagwan Vishnu Katha: भगवान् सूर्य का विवाह विश्वकर्मा की पुत्री संज्ञा से हुआ । विवाह के उपरांत संज्ञा ने रेवस्वत और यम (यमराज) नामक दो पुत्रों और यमुना (नदी) नामक एक पुत्री को जन्म दिया । संज्ञा बड़े कोमल स्वभाव की थी, जबकि सूर्यदेव प्रचंड तेजवान थे । संज्ञा सूर्यदेव के तेज को बड़े कष्ट […]

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भक्तराज ध्रुव – पुराणों की कथाएं

Bhagwan Vishnu Katha: ब्रह्माजी के मानस पुत्र स्वयंभू मनु की पत्नी शतरूपा ने प्रियव्रत और उत्तानपाद नामक दो पुत्रों को जन्म दिया । वे दोनों ही पृथ्वी का पालन करने लगे । उनकी सुनीति और सुरुचि नामक दो पत्नियों थीं । उन्हें सुनीति से ध्रुव और सुरुचि से उत्तम नामक पुत्र प्राप्त हुए । उत्तानपाद […]

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चाक्षुष मनु – पुराणों की कथाएं

Bhagwan Vishnu Katha: प्राचीन समय की बात है, पृथ्वी पर एक सदाचारी राजा अनमित्र का शासन था । उनकी पत्नी भद्रा ने एक दिन बालक को जन्म दिया । उस बालक को पूर्वजन्म की बातों का स्मरण था । एक बार पुत्र की किसी बात से क्रोधित होकर भद्रा ने उसे त्याग कर वन में […]

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अदिति को शाप – पुराणों की कथाएं

Bhagwan Vishnu Katha:दक्ष प्रजापति की दो सुंदर कथाएं थीं – दिति और अदिति । उन्होंने उनका विवाह कश्यप ऋषि के साथ कर दिया । विवाह के उपरांत अदिति ने इन्द्र को जन्म दिया । इन्द्र को देखकर दिति के हृदय में भी उसी के समान पुत्र प्राप्त करने की इच्छा उत्पन्न हो गई । वह […]

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