Summary: इंतज़ार – अधूरी मोहब्बत से पूरी कहानी तक का सफ़र
अयान और निहारिका की कहानी खामोशी से शुरू होकर बारिश में मोहब्बत तक पहुँचती है। इंतज़ार, जुदाई और लौटने की इस कहानी में सच्चे प्यार की ताकत और धैर्य का भाव खूबसूरती से झलकता है।
Short Story in Hindi: बड़े शहरों के दिन और रात दोनों ही हमेशा शोर से भरे रहते हैं , पर अयान की दुनिया में एक अजीब-सी खामोशी थी। वो अपनी बालकनी में बैठा कॉफ़ी के कप को थामे, सामने वाले फ्लैट की खिड़की को देख रहा था। हल्की नीले रंग की रोशनी के बीच निहारिका पौधों को पानी दे रही थी। हवा में उड़ते उसके बाल, चेहरे पर हल्की थकान और आँखों में पसरा गहरा सन्नाटा… अयान हर रात यही देखता और हर रात उसे लगता कि इस लड़की की कहानी भी शायद उसकी तरह अधूरी है। कई हफ्तों तक ये सिलसिला चलता रहा। फिर एक शाम अयान ने हिम्मत जुटाई। हाय , उसकी आवाज़ में घबराहट थी। निहारिका ने मुड़कर देखा और मुस्कुराईं , हाय आप पहली बार बोले हैं अच्छा लगा।
उस छोटी-सी मुस्कान ने अयान की रातों की खामोशी को जैसे रंगों से भर दिया। धीरे-धीरे उनकी बातें बढ़ीं। अब हर शाम बालकनी से गुज़रे बिना उसे दिन अधूरा लगता। एक शाम पूछा निहारिका ने पूछा आप हमेशा किताबें पढ़ते रहते हैं। कभी बाहर घूमने का मन नहीं करता।
मन करता है, लेकिन अकेले घूमने का मज़ा नहीं आता,अयान ने धीमे से कहा। निहारिका ने कुछ सोचा और फिर बोली तो चलिए, कल शाम मेरे साथ। पास में नया आर्ट एग्ज़िबिशन लगा है। अगले दिन दोनों कैफ़े के बाहर मिले। हल्की सर्दी थी, हवा में कॉफ़ी और बारिश की खुशबू घुली हुई थी।
एग्ज़िबिशन में घूमते हुए निहारिका हर पेंटिंग के सामने रुकती, उसका मतलब समझने की कोशिश करती। अयान उसे देखता रहा। उसे लगा जैसे ये लड़की पेंटिंग नहीं, उसकी खुद की ज़िंदगी पढ़ रही हो।
दिन गुज़रते गए और उनकी मुलाकातें बढ़ती गईं। अयान को महसूस होने लगा कि यह सिर्फ दोस्ती नहीं रही। एक दिन मौसम अचानक बदल गया। तेज़ बारिश हो रही थी। निहारिका छत पर खड़ी थी और हाथ फैलाकर बूंदों को पकड़ रही थी। अयान भी वहाँ आ गया ,भीग जाओगे, निहारिका ने कहा।
भीगना चाहता हूँ, अयान ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया। कुछ देर दोनों चुप रहे। फिर अयान ने हिम्मत करके कहा निहारिका, मुझे लगता है मैं तुमसे प्यार करने लगा हूँ। बारिश रुक गई थी , पर हवा में एक अजीब-सी बेचैनी थी। निहारिका ने गहरी सांस ली और कहा अयान, मैं तुमसे झूठ नहीं बोलूँगी। तुम बहुत अच्छे हो, लेकिन मैं अभी किसी रिश्ते के लिए तैयार नहीं हूँ। कुछ पुराने घाव हैं जो अभी भी दर्द देते हैं।

अयान का दिल टूट गया, उसने कहा ठीक है मैं इंतज़ार करूँगा। पर अगले ही हफ़्ते निहारिका का घर खाली मिला। वह बिना बताए शहर छोड़ गई थी। अयान हर शाम उसी बालकनी में खड़ा उसकी खिड़की को निहारता रहता था। लेकिन अब वहाँ सिर्फ अंधेरा था। देखते-देखते महीनों बीत गए। अयान अपनी लाइफ़ में आगे बढ़ने की कोशिश करता, लेकिन उसके अंदर कहीं न कहीं निहारिका की यादें ज़िंदा थीं। फिर एक शाम, दरवाज़े पर दस्तक हुई।
दरवाज़ा खोला तो सामने निहारिका खड़ी थी। आँखों में वही गहराई, लेकिन चेहरे पर अब एक सुकून था। मुझे समय चाहिए था, अयान। लेकिन हर जगह जाकर मैंने सिर्फ तुम्हें याद किया। अगर तुम चाहो तो, निहारिका के इतना कहते ही अयान की आँखें भर आईं। उसने निहारिका का हाथ थामा और बिना कुछ कहे उसे गले लगा लिया।
कुछ हफ़्तों बाद निहारिका ने एक पेंटिंग बनाई , बारिश में खड़े दो लोग, जिनमें से एक के चेहरे पर वही मुस्कान थी जो आज अयान के चेहरे पर थी। यह हमारी कहानी है,निहारिका ने कहा। तुम्हारे इंतज़ार ने इस अधूरी कहानी को पूरा कर दिया। बारिश की उस रात उनकी खामोश मोहब्बत आखिरकार अपनी मंज़िल तक पहुँच गई।
