Crime Story: शहर की रातें दो तरह के लोगों के लिए होती हैं—उनके लिए जो प्यार ढूंढते हैं, और उनके लिए जो शिकार करते हैं। सोना उन दोनों में से एक थी।
मुंबई की बारिश में भीगी हुई वो बार में बैठी थी—लाल रंग की सिल्क ड्रेस, खुले बाल, और हाथ में एक वाइन ग्लास। उसकी निगाहें किसी खास को ढूंढ रही थीं। फिर उसकी नज़र अयान पर पड़ी—काले सूट में, आत्मविश्वास से भरा हुआ, और उसकी आँखों में वही भूख थी जो सोना को पसंद थी।
वो मुस्कुराई, उसने इशारा किया, और कुछ ही देर में दोनों होटल की तरफ़ बढ़ रहे थे।कमरा डिम लाइट्स से भरा था। अयान ने उसे दीवार से लगा दिया, उसकी गरदन पर होंठ रखे, और धीरे-धीरे उसकी ड्रेस नीचे सरकाने लगा। सोना ने हल्की कराह के साथ उसकी शर्ट के बटन खोले।
बेड पर गिरते ही अयान ने उसे जकड़ लिया। उसकी साँसें तेज़ हो रही थीं, लेकिन सोना की मुस्कराहट में एक अजीब-सा खेल छिपा था। उसने धीरे से तकिए के नीचे से एक चाकू निकाला और अयान की गर्दन पर रख दिया।
“खेल खत्म,” उसने फुसफुसाया।
अयान की आँखें चौड़ी हो गईं, लेकिन वो घबराया नहीं।

“अगर तुम मुझे मारना चाहती हो, तो पहले मुझे महसूस करो,” अयान ने धीरे से कहा, उसकी कमर पर हाथ रखते हुए।
सोना चौंक गई। उसकी उंगलियाँ कांपीं। लेकिन अयान ने उसे और करीब खींच लिया।
“तुमने पहले भी मर्दों को मारा है, है ना?”
सोना की साँसें भारी हो गईं। “हाँ… और तुम अगले होगे,” उसने जवाब दिया।
अयान मुस्कुराया। “लेकिन मैं वो नहीं हूँ जो तुम सोच रही हो।”
अचानक कमरे का दरवाज़ा टूटा। दो लोग अंदर घुसे—एक पुलिस ऑफिसर और एक महिला इंस्पेक्टर।
“सोना मल्होत्रा, तुम्हें गिरफ्तार किया जाता है,” इंस्पेक्टर निधि ने कहा।
सोना चौंकी। उसने अयान को देखा, जो अब मुस्कुरा रहा था।
“तुम… पुलिस?”
“क्राइम ब्रांच।” अयान ने हथकड़ी निकालते हुए कहा। “तुमने चार अमीर लोगों को अपने जाल में फंसाकर मारा, लेकिन अब खेल खत्म।”
सोना ने एक गहरी साँस ली और होंठ चबाए।
“लेकिन इंस्पेक्टर… तुम भी तो फँस गए थे। अगर मैंने तुम्हें सच में मार दिया होता?”
अयान उसकी आँखों में झाँकते हुए धीरे से फुसफुसाया, “शायद मैं चाहता था कि तुम और करीब आओ।”
