Hindi Short Story: रात के ठीक 2:30 बजे, अयान की नींद खुल गई। कमरे में घुप अंधेरा था, लेकिन खिड़की से आती हल्की चांदनी फर्श पर परछाइयाँ बना रही थी। अचानक, उसने देखा कि उसकी खुद की परछाई दीवार पर हिल रही थी, जबकि वह खुद बिल्कुल स्थिर था।
उसका दिल तेजी से धड़कने लगा। उसने लैंप जलाने के लिए हाथ बढ़ाया, लेकिन बिजली गुल थी। अचानक, ठंडी हवा का झोंका आया और कमरे का दरवाजा अपने आप धीरे-धीरे चरमराने लगा। अयान को लगा कि कोई उसके कमरे में घुस आया है। थोड़ा घबरा तो गया था लेकिन खुद को हिम्मत दिखाई।
डरते हुए उसने मोबाइल की टॉर्च जलाई और बिस्तर से उतरने ही वाला था कि उसे महसूस हुआ, कोई बिस्तर के नीचे सांस ले रहा है। वह कांप उठा। डर के बावजूद, उसने हिम्मत करके नीचे झांका लेकिन कोई नहीं था। लेकिन जैसे ही वह सीधा हुआ, उसकी परछाई दीवार से हटकर उसकी ओर मुड़ चुकी थी।
अब वह दीवार पर नहीं थी-वह सामने खड़ी थी!
अयान की आंखें फटी रह गईं। उस एक पल कुछ समझ नहीं आया। देखते ही रहा। वह परछाई अब इंसानी शक्ल ले रही थी…बिलकुल उसी की तरह, लेकिन आंखें गड्ढों जैसी काली और बिना पुतलियों की थीं। उसके होंठ हिले, लेकिन आवाज अयान के कानों में गूंजने लगी, “तू अब मेरा है…”
अयान चीखना चाहता था, लेकिन आवाज गले में ही घुट गई। परछाई उसकी ओर बढ़ी, उसके कंधे पर ठंडे, नुकीले हाथ रख दिए। ठंड इतनी भयानक थी कि अयान का शरीर सुन्न पड़ने लगा। उसे लगा कि उसकी आत्मा उसके शरीर से खींची जा रही है। दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। गला पूरा सूख गया था।
अचानक, बाहर से अज़ान की आवाज़ गूंजने लगी। परछाई कांपने लगी, जैसे जल रही हो। अयान ने देखा, वह धीरे-धीरे सिकुड़ने लगी, फिर दीवार में समा गई। बिजली वापस आ गई, और लैंप अपने आप जल उठा।
कमरा फिर से वैसा ही था, लेकिन अयान जानता था—वह अकेला नहीं था।
अगली रात…
2:30 बजते ही दीवार पर फिर वही परछाई बनने लगी… लेकिन इस बार, उसकी जगह दो परछाइयाँ थीं। एक अयान की… और दूसरी उससे थोड़ी छोटी।
अचानक, धीमे-धीमे एक लड़की का चेहरा उभरने लगा। वो कोई और नहीं, रिया थी-अयान की प्रेमिका, जिसे उसने धोखा दिया था।
वही रिया, जिसने बेवफाई का दर्द सह न पाने पर छत से कूदकर आत्महत्या कर ली थी।
अयान की सांसें अटक गईं। रिया की परछाई अब उसकी तरफ मुड़ी, उसकी खाली आंखों से उसे घूर रही थी।
“तूने मुझसे कहा था कि तू हमेशा मेरा रहेगा…” उसकी आवाज़ ठंडी, पर गुस्से से भरी थी।
अचानक, अयान के कमरे की खिड़की अपने आप खुल गई। हवा के तेज झोंकों के साथ रिया की परछाई अब उसकी अपनी परछाई के साथ मिल रही थी।
और फिर… अयान की चीखों के साथ कमरा घुप्प अंधेरे में समा गया।
सुबह जब दरवाजा तोड़ा गया, तो कमरे में कोई नहीं था। सिर्फ दीवार पर अयान की परछाई जमी हुई थी… और उसके ठीक बगल में, रिया की मुस्कुराती हुई परछाई।
