Overview: मॉम गिल्ट से बाहर कैसे आएं
अगर आप भी अक्सर मॉम गिल्ट में रहती हैं तो ये टिप्स आपके बेहद काम आ सकते हैं।
Overcome Mom Guilt: मां बनना एक बेहद ही खूबसूरत अहसास होता है। लेकिन मां बनने के बाद जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं। ऐसे में खुद के लिए टाइम निकालना काफी मुश्किल हो जाता है। लेकिन जब भी वह खुद के लिए समय निकालती है तो कहीं ना कहीं उसके अंदर मॉम गिल्ट पनपने लगता है। उसे लगता है कि इस समय में वह अपने बच्चे के अधूरे कामों या फिर अन्य जिम्मेदारियों को पूरा कर सकती थी, लेकिन वह खुद को समय दे रही है।
यह मॉम गिल्ट हर मां को किसी न किसी समय जरूर महसूस होता है, यहां तक कि वह बाहर से बहुत कॉन्फिडेंट दिखती है। यह मॉम गिल्ट इमोशनली परेशान काफी करने वाला होता है और एक मां शायद ही कभी इसके बारे में खुलकर बात करती हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम बात करते हैं कि मॉम गिल्ट से बाहर निकलने के लिए क्या किया जाए-
परफेक्ट मां जैसी नहीं होती कोई चीज

एक मां बनते ही सभी लोग स्त्री से परफेक्शन की चाहत रखने लगते हैं। जिसकी वजह से मां हमेशा ही गिल्ट में जीने लगती है। उसे यह लगता है कि वह अच्छी मां नहीं है या समाज के अच्छी मां के मापदंडों पर खरा नहीं उतरती। इसलिए, इस गिल्ट से बाहर निकलने के लिए आप परफेक्शन के पीछे भागना बंद कर दें। इससे आपका दिमाग रिलैक्स हो जाता है। याद रखें कि गिल्ट ज्यादातर अवास्तविक उम्मीदों से आता है। बच्चों को कभी भी परफेक्शन की जरूरत नहीं होती, उन्हें आपकी मौजूदगी, प्यार और सुरक्षा की जरूरत होती है।
खुद की ना करें तुलना
मॉम गिल्ट की सबसे बड़ी वजह होती है तुलना। सोशल मीडिया पर जो हाइलाइट रील्स दिखती हैं, वो असली ज़िंदगी से काफी अलग होती हैं। लेकिन जब हम अपनी तुलना करने लग जाते हैं तो हमें खुद में सिर्फ कमियां ही नजर आती हैं और कॉन्फिडेंस कम होता है। आपको एक बेहतर मां बनने के लिए दूसरी मां के रूटीन, खाने या पेरेंटिंग स्टाइल को कॉपी करने की जरूरत नहीं है, बल्कि सिर्फ अपने बच्चे को प्यार व सपोर्ट देने की जरूरत है।
गिल्ट को फैक्ट से बदलें

अक्सर गिल्ट में हम खुद से नेगेटिव बात करने लगते हैं और इसलिए परेशान होते चले जाते हैं। लेकिन आपको गिल्ट को फैक्ट में बदलने की जरूरत है। क्या मैं फेल हो रही हूं, कहने की बजाय पूछें कि क्या मेरा बच्चा सुरक्षित है, क्या मेरे बच्चे को प्यार मिलता है या क्या मैं आज अपना बेस्ट कर रही हूं। इस तरह के सेल्फ टॉक आपको शांति महसूस करवाता है। याद रखें कि आपका मन वही मानता है जो आप उसे बार-बार बताते हैं। इसलिए फैक्ट्स से इमोशनली ओवरथिंकिंग कम होती है और गिल्ट कम होता है।
