Laughter creates antibodies
Laughter creates antibodies in the body

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आमतौर पर वर्किंग मदर को एक अपराध बोध होने लगता है कि वह सब कामों के बीच अपने बच्चे को पूरा समय नहीं दे पाती हैं। यह अपराधबोध 'मदर गिल्ट' कहलाता है, जो हर मां को अंदर ही अंदर तोड़ देता था।

वर्किंग मदर होना कोई आसान बात नहीं है। एक ओर बच्चा संभालने की जिम्मेदारी तो दूसरी ओर ऑफिस में खुद को साबित करने का प्रेशर। साथ ही घर के काम। इन सभी के बीच एक मां कहीं न कहीं खुद को उलझा हुआ सा महसूस करती है। आमतौर पर वर्किंग मदर को एक अपराध बोध होने लगता है कि वह सब कामों के बीच अपने बच्चे को पूरा समय नहीं दे पाती हैं। यह अपराधबोध ‘मदर गिल्ट’ कहलाता है, जो हर मां को अंदर ही अंदर तोड़ देता था।  

एक मां के दिल में हमेशा अपने बच्चे के लिए ढेर सारा प्यार, अपनापन और स्नेह होता है।
A mother always has a lot of love, affection and fondness for her child in her heart.

एक मां के दिल में हमेशा अपने बच्चे के लिए ढेर सारा प्यार, अपनापन और स्नेह होता है। वो अपने बच्चे साथ समय बिताना चाहती है। लेकिन जब वो ऐसा नहीं कर पाती तो उसे अपराध बोध होने लगता है। वर्किंग मदर के साथ यह समस्या और भी ज्यादा होती है। क्योंकि काम के कारण उन्हें दिन में काफी घंटे अपने बच्चे से दूर रहना पड़ता है। इस दौरान वह अपने परिजनों के पास या फिर क्रेच आदि में बच्चे को छोड़ती हैं, लेकिन उन्हें लगता है कि उनके बच्चे की पूरी केयर नहीं हो पा रही है। उन्हें लगता है कि पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में बैलेंस करने की वजह वे बच्चे पर पूरा फोकस नहीं कर पाती हैं। ये सभी बातें बन जाती है मदर गिल्ट का कारण। कई बार इसके कारण डिप्रेशन भी हो सकता है।

अक्सर लोग वर्किंग मदर को लेकर कई बातें करते हैं।
People often talk a lot about working mothers.

अगर आप भी एक वर्किंग मदर हैं और ऐसा ही गिल्ट महसूस करती हैं तो कुछ बातों को जिंदगी में समझना और अपनाना जरूरी है।

हर सिक्के के दो पहलू होते हैं। ठीक वैसे ही ​वर्किंग मदर होने के भी दो पहलू हैं। ये बात सही है कि आप बच्चे को भरपूर समय नहीं दे पा रही हैं, लेकिन ये भी सोचिए कि आपके वर्किंग होने से बच्चे का भविष्य संवरेगा। उसके भविष्य के लिए आपके पास काफी सोर्स एकत्रित होंगे। इतना ही नहीं कई स्टडी बताती है कि वर्किंग मदर के बच्चे अन्य बच्चों से ज्यादा आत्मनिर्भर और कॉन्फिडेंट होते हैं। क्योंकि उन्हें परिस्थितियों के अनुसार ढलना आता है।

अक्सर लोग वर्किंग मदर को लेकर कई बातें करते हैं। जैसे आप बच्चे को पूरा समय नहीं देती, मां के लिए बच्चा ही प्राथमिकता होनी चाहिए, मां को पहले अपने बच्चे के बारे में सोचना चाहिए आदि। लेकिन ध्यान रखें जितना मुंह, उतनी बातें होती हैं। परफेक्ट मां जैसा कोई टैग नहीं होता। क्योंकि कोई भी हमेशा परफेक्ट नहीं होता। इसलिए इस टैग की अंधी दौड़ में शामिल न हों। नकारात्मक लोगों और बातों दोनों से दूर रहें।

सबसे जरूरी बात खुद से प्यार करना न भूलें। याद रखें मां बनना ​करियर का अंत नहीं है। बल्कि यह आपके लिए नई शुरुआत जैसा है। इसलिए अपने करियर पर भी पूरा ध्यान दें। हां, कुछ काम आप जरूर कर सकती हैं, जैसे कभी-कभी वर्क फ्रॉम होम ले सकती हैं या फिर अपने ऑफिस के पास ही कोई क्रेच देखें, जिससे आप बच्चे को देखने जा सकें। इसी के साथ ऑफिस में भी उन टास्क के लिए मना करें, जिन्हें करने से आपकी पर्सनल लाइफ इफेक्ट होती है। 

मान लिया कि आप सप्ताह के 5 से 6 दिन बच्चे को भरपूर समय नहीं दे पातीं। लेकिन वीकएंड पर उसे अपना पूरा समय दें। उसके साथ घूमने जाएं, जी भर कर खेलें, जो मन करे वैसे उसके साथ समय बिताएं। वीके डेज में कोशिश करें कि आप काम के लौटने के बाद बच्चे को ज्यादा समय दें। इसके लिए आप परिवार से मदद मांगें, सभी मिलकर काम करेंगे तो आप बच्चे को समय ज्यादा दे पाएंगी। अगर ऐसा संभव नहीं है तो हाउस हेल्प की मदद लें।

मैं अंकिता शर्मा। मुझे मीडिया के तीनों माध्यम प्रिंट, डिजिटल और टीवी का करीब 18 साल का लंबा अनुभव है। मैंने राजस्थान के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थानों के साथ काम किया है। इसी के साथ मैं कई प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों की एडिटर भी...