Modern Education for Kids
Modern Education for Kids

Overview:

अक्सर पेरेंट्स एडमिशन के समय स्कूल का बड़ा नाम और कुछ पेरेंट्स का फीडबैक लेते हैं। लेकिन अगर आप भी अपने बच्चे के लिए नए स्कूल की तलाश में हैं तो वहां के एजुकेशन सिस्टम पर भी जरा गौर करें।

Modern Education for Kids: लाखों पेरेंट्स के लिए साल का वो सबसे मुश्किल समय आ गया है, जब उन्हें अपने बच्चे के एडमिशन के लिए मशक्कत में जुट जाना है। हर माता-पिता चाहता है कि उसके बच्चे को बेस्ट एजुकेशन मिले, जिससे उसका भविष्य संवर सके। लेकिन बच्चों का अपनी पसंद के स्कूल में एडमिशन करना अब किसी जंग जीतने से कम नहीं है। ​हर एक सीट के लिए दर्जनों बच्चों की एप्लीकेशन पेरेंट्स की टेंशन बढ़ा देती है। अक्सर पेरेंट्स एडमिशन के समय स्कूल का बड़ा नाम और कुछ पेरेंट्स का फीडबैक लेते हैं। लेकिन अगर आप भी अपने बच्चे के लिए नए स्कूल की तलाश में हैं तो वहां के एजुकेशन सिस्टम पर भी जरा गौर करें। यह स्कूल के नाम और बिल्डिंग से कहीं ज्यादा जरूरी है।

जिंदगी संवारने के लिए शिक्षा यानी एजुकेशन जरूरी है।
Education is necessary to improve life.

जिंदगी संवारने के लिए शिक्षा यानी एजुकेशन जरूरी है। यह बात हम सभी बचपन से सुनते आ रहे हैं। लेकिन जीवन में आगे बढ़ने के लिए अब सिर्फ एजुकेशन ही नहीं मॉर्डन और स्किन एजुकेशन भी बहुत जरूरी है। जी हां, स्किन के धनी इंसान के पास न ही नौकरियों की कमी होती है और न ही अवसरों की। इससे बच्चों का बेहतर डवलपमेंट हो पाता है। अपने और अपने बच्चों के सपनों को पूरा करने के लिए शिक्षा और स्किल्स का मेल बेमिसाल साबित हो सकता है।

शिक्षा हमें समाज को देखने और समझने का सही नजरिया देती है। और मॉर्डन और स्किल एजुकेशन उस नजरिए को अपनाकर जीवन में नई ऊंचाइयां पाने की राह दिखाते हैं। मॉडर्न एजुकेशन आपके बच्चे के सोचने और समझने के तरीके को बदल सकती है। इसकी मदद से बच्चे अपने स्किल पहचान पाते हैं। बड़े होने पर बच्चे स्किल के कारण अपनी राह खुद चुन सकते हैं। भारत में आज भी ऐसे लाखों बच्चे हैं जो शिक्षा से दूर हैं। उनमें प्रतिभा है, लेकिन शिक्षा के अभाव में वे प्रतिभावान होते हुए भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में आज भी शिक्षा और स्किल डवलपमेंट की ताकत सभी को जानने की जरूरत है।

मॉडर्न एजुकेशन केवल किताबी ज्ञान प्रदान करने से कहीं आगे है। इसका उद्देश्य स्टूडेंट्स का सर्वांगीण विकास करना है, जिसमें ज्ञान, कौशल, मूल्य और सामाजिक-सांस्कृतिक समझ का समावेश होता है। यह एजुकेशन स्टूडेंट्स को केंद्र में रखती है, उनकी रुचि, योग्यता और सीखने की स्पीड  के अनुसार शिक्षा प्रदान करती है। इसमें रटने और परीक्षाओं पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय बच्चों की रुचि पर फोकस किया जाता है। इसमें कंप्यूटर, इंटरनेट और अन्य तकनीकों के उपयोग से पढ़ाई को मजेदार बनाया जाता है। इससे बच्चों की सोच, रचनात्मकता और सामाजिक कौशल बढ़ता है।  

जरूरी नहीं है कि हर बच्चा 90 से 100 प्रतिशत नंबर ही लाए। हो सकता है कि उसे किताबी ज्ञान में रुचि न हो, लेकिन उसके हाथ में हुनर हो। ऐसे में आप स्कूल की पढ़ाई के साथ-साथ वहां की एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज भी ध्यान दें। खेल, एथलेटिक्स, फोटोग्राफी, एनसीसी, थिएटर, आट्र्स, डांस, म्यूजिक आदि एक्टिविटीज के बारे में पता करें। साथ ही ये भी देखें कि एक क्लास में कितने बच्चे हैं। कई बार बहुत ज्यादा बच्चों के कारण भी समस्याएं हो सकती हैं। इसी के साथ स्कूल में खेल का मैदान होना भी जरूरी है।