Peer Pressure in Teenager
Peer Pressure in Teenager Credit: istock

Top Ten Boarding School-  हर पेरेंट्स का सपना होता है कि वह अपने बच्‍चे को एक अच्‍छे स्‍कूल में शिक्षा दिलवाएं। जहां बच्‍चों के मानसिक, शैक्षणिक विकास के साथ-साथ शारीरिक विकास पर भी ध्‍यान दिया जाए। क्‍योंकि एक अच्‍छा और सजग नागरिक बनने के लिए बच्‍चे का केवल एजुकेशनल तौर पर ही नहीं बल्कि ओवरऑल डेवलप्‍ड होना भी जरूरी है। भारत में कई ऐसे स्‍कूल और बोर्डिंग इंस्‍टीट्यूट हैं जो स्‍टूडेंट्स के सर्वांगीण विकास पर ध्‍यान देते हैं और उन्‍हें सर्वश्रेष्‍ठ शिक्षा प्रदान करते हैं। इन स्‍कूलों में पढ़ने वाले नेतृत्‍व करने की क्षमता हासिल कर अपने करियर में बहुत ऊंचाई तक पहुंच जाते हैं। चलिए जानते हैं भारत के टॉप-10 बोर्डिंग स्‍कूलों के बारे में, जो लड़कों की बेहतर शिक्षा के लिए बेस्‍ट माने जाते हैं।

दून स्‍कूल, देहरादून

Boarding School For Boys

भारत के बेस्‍ट बोर्डिंग स्‍कूल में सबसे पहला नाम आता है दून स्‍कूल का, जो सिर्फ लड़कों के लिए है। दून स्‍कूल देहरादून, उत्‍तराखंड में स्थित है। इस स्‍कूल का कैंपस 72 एकड़ में फैला हुआ है। यहां पर ए‍डमिशन के लिए हर साल हजारों की संख्‍या में बच्‍चे आते हैं लेकिन यहां एडमिशन होना काफी मुश्किल होता है। इस स्‍कूल से पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी, राहुल गांधी, प्रणय रॉय, करण थापर, शिवेंद्र मोहन सिंह जैसे लोगों ने शिक्षा हासिल की है। यहां लड़कों की ग्रूमिंग बेहतर ढंग से की जाती है साथ ही कई अकेडमिक कॉम्‍पटीशन आयोजित किए जाते हैं जो बच्‍चे की पर्सनेलिटी डेवलपमेंट में मददगार साबित होते हैं। इस बोर्डिंग स्‍कूल की फीस 10 से 12 लाख रुपए सालाना तक है।

सिंधिया स्‍कूल,ग्‍वालियर

सिंधिया स्‍कूल को ग्‍वालियर के एतिहासिक किले पर बनाया गया है। ग्‍वालियर में लड़कों का एकमात्र बोर्डिंग स्‍कूल है। इसे मुख्‍य रूप से शाही परिवारों के रईसों और राजकुमारों के लिए शुरू किया गया था। सिंधिया स्‍कूल की स्‍थापना स्‍व. महाराजा माधवराव सिंधिया द्वारा वर्ष 1897 में की गई थी। स्‍कूल में एडमिशन लेने के लिए स्‍टूडेंट्स को सिंधिया स्‍कूल एप्‍टीट्यूड एनालिसिस टेस्‍ट पास करना पड़ता है। जिसमें मैथ्‍स, इंग्‍लिश, हिंदी और जीके जैसे विषयों के प्रश्‍न पूछे जाते हैं। यहां रिलायंस इंडस्‍ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी, सलमान खान, अरबाज खान और अनुराग कश्‍यप जैसे दिग्‍गज हस्तियों ने शिक्षा हासिल की है। सिंधिया स्‍कूल की सालाना फीस तकरीबन 12 लाख रुपए है।

मेयो कॉलेज, अजमेर

मेयो कॉलेज भारत के टॉप बोर्डिंग स्‍कूलों में से एक है। इस स्‍कूल की स्‍थापना 1875 में छठे अर्ल रिचर्ड बॉर्के ने की थी। बता दें कि ये भारत के सबसे पुराने बोर्डिंग स्‍कूलों में से एक है। इस स्‍कूल में एडमिशन लेना काफी मुश्किल है। यहां स्‍टूडेंट्स को घुडसवारी, स्‍क्‍वैश और गोल्‍फ जैसे शाही खेलों की ट्रेनिंग भी दी जाती है। इस स्‍कूल से प्रसिद्ध अभिनेता टीनू आनंद, विवेक ओबेरॉय, इंद्र सिन्‍हा और ओमान के सुल्‍तान ने शिक्षा हासिल की है। इसकी गिनती राजस्‍थान के सबसे महंगे स्‍कूलों में होती है। स्‍कूल की सालाना फीस भारतीयों के लिए 6,50,000 रुपए और एनआरआई के लिए 12 लाख रुपए है।

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इकोले मोंडियाल वर्ल्‍ड स्‍कूल, मुंबई

Boarding Institute

इकोले मोंडियाल वर्ल्‍ड स्‍कूल भारत के चुनिंदा बोर्डिंग स्‍कूलों में से एक है। ये स्‍कूल मुंबई में स्थित है, जो इंटरनेशनल बैकलौरीएट बोर्ड द्वारा मान्‍यता प्राप्‍त पहला स्‍कूल है। यहां स्‍टूडेंट्स के लिए पढ़ाई के अलावा, संगीत, कला, गोल्‍फ, क्रिकेट, सिनेमा और शूटिंग की तालीम दी जाती है। यहां स्‍टूडेंट्स के लिए सभी आधुनिक साधन उपलब्‍ध हैं। इस स्‍कूल की फीस 9 से 11 लाख रुपए सालाना है।

वेल्‍हम बॉयज स्‍कूल, देहरादून

वेल्‍हम बॉयज स्‍कूल देहरादून में स्थित है, जो लगभग 30 एकड़ में फैला हुआ है। ये लड़कों के लिए बेस्‍ट बोर्डिंग में से एक है। इस स्‍कूल में ए‍डमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा क्‍लीयर करनी पड़ती है। इस बोर्डिंग की खासियत है कि यहां नए स्‍टूडेंट्स को एक साल के लिए प्रोबेशन पीरियड के लिए रखा जाता है। जो बच्‍चे अच्‍छा परफॉर्म नहीं कर पाते तो उन स्‍टूडेंट्स को स्‍कूल में एडमिशन नहीं दिया जाता। वेल्‍हम स्‍कूल से राजीव गांधी, मणिशंकर अय्यर, नवीन पटनायक, संजय गांधी, विक्रम सेठ, मंसूर अली खान पटौदी और जायद खान ने शिक्षा हासिल की है। इस स्‍कूल की सालाना फीस लगभग 6-8 लाख रुपए है।

वुडस्‍टॉक स्‍कूल, मसूरी

वुडस्‍टॉक स्‍कूल काफी पुराना बोर्डिंग स्‍कूल है। इस स्‍कूल में मुख्‍य रूप से क्रिश्चियन धर्म की पढ़ाई होती है। ये भारत में सबसे महंगे स्‍कूलों में से एक है। स्‍कूल में स्‍टूडेंट्स को किताबी ज्ञान के अलावा विभिन्‍न गेम्‍स, कला, विज्ञान, संगीत और एक्टिंग की जानकारी भी दी जाती है। स्‍कूल में प्रवेश के समय हर स्‍टूडेंट का लगभग 4 लाख रुपए जमा करना होता है। इस स्‍कूल में अभिनेता टॉम ऑल्‍टर और कई नामचीन हस्तियों ने शिक्षा हासिल की है। स्‍कूल की फीस लगभग 16 लाख रुपए वार्षि‍क है।

गुड शेफर्ड इंटरनेशनल स्‍कूल, ऊटी

गुड शेफर्ड इंटरनेशनल स्‍कूल काफी पुराना बोर्डिंग स्‍कूल है, जिसकी स्‍थापना वर्ष 1977 में हुई थी। ये स्‍कूल अपनी एजुकेशन टेक्‍नीक के कारण दुनियाभर में प्रसिद्ध है। एजुकेशन वर्ल्‍ड इंडिया स्‍कूल रैंकिंग में इसे पहला स्‍थान प्राप्‍त हो चुका है। यहां बच्‍चों को बेस्‍ट लैब, थिएटर, इनडोर गेम, राइफल रेंज, टेनिस, गोल्‍फ, वॉलीबॉल, बास्‍केटबॉल, स्‍क्‍वैश, हॉकी और क्रिकेट की सुविधा दी जाती है। इस स्‍कूल की फीस लगभग 6-7 लाख रुपए सालाना है।

स्‍टोन‍हिल इंटरनेशनल स्‍कूल, बेंगलुरु

देश के प्रमुख बोर्डिंग इंस्‍टीट्यूट
Boarding Students

 स्‍टोनहिल इंटरनेशनल स्‍कूल, स्‍कूल काउंसिल ऑफ इंटरनेशनल स्‍कूल्‍स और न्‍यू इंग्‍लैंड एसोसिएशन ऑफ स्‍कूल्‍स एंड कॉलेज द्वारा मान्‍यता प्राप्‍त है। ये स्‍कूल भारत में इंटरनेशनल स्‍कूल्‍स एसोसिएशन, ईस्‍ट एशिया रीजनल काउंसिल ऑफ स्‍कूल्‍स और ऑस्‍ट्रेलियन बोर्डिंग स्‍कूल्‍स एसोसिएशन का सदस्‍य भी है। इस स्‍कूल की सालाना फीस लगभग 9 लाख रुपए है।

बिड़ला पब्लिक स्‍कूल, पिलानी

इसे विद्या निकेतन के नाम से भी जाना जाता है। ये स्‍कूल राजस्‍थान के पिलानी शहर में स्थित है। स्‍कूल की स्‍थापना वर्ष 1944 में हुई थी। स्‍कूल के सही ढंग से संचालित करने के लिए तीन सेक्‍शंस में विभाजित किया गया है। इस स्‍कूल से विनोद राय,विजय कुमार सिंह और मदरसन के संस्‍थापक विवेक चंद सहगल ने शिक्षा प्राप्‍त की है। इस स्‍कूल की फीस क्‍लास के अनुसार अलग-अलग है।

बिशप कॉटन स्‍कूल, शिमला

बिशप कॉटन स्‍कूल शिमला में स्थित है। इस स्‍कूल की स्‍थापना वर्ष 1859 में हुई थी। ये लड़कों का सबसे पुराना बोर्डिंग स्‍कूल है। स्‍कूल स्‍टूडेंट्स को यहां पढ़ाई के साथ-साथ खेल-कूद और कला के क्षेत्र में भी शिक्षित किया जाता है। इस स्‍कूल से प्रसिद्ध लेखक रस्किन बॉन्‍ड, विभुद्र सिंह, अभिनेता कुमार गौरव, गोल्‍फर जीव मिल्‍खा सिंह और उद्योगपति ललित मोदी आदि ने शिक्षा ग्रहण की है।

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