Child’s Homeword Tips: स्कूल से होमवर्क मिलने का मकसद बच्चे के ज्ञान और प्रतिभा को निखारना होता है, उसे डराना नहीं। आपके द्वारा बच्चे का होमवर्क करना कितना गलत है, जानिए इस बारे में-
होमवर्क का नाम आते ही अमूमन पेरेंट्स के माथे पर शिकन आ जाती है। ऐसे में वॄकग पेरेंट्स के लिए यह काम और भी मुश्किल हो जाता है। शायद इसी का नतीजा है कि पेरेंट्स अपने बच्चों के होमवर्क को पूरा कराने के चक्कर में बाजार से रेडीमेड प्रोजेक्ट लेने को प्राथमिकता देते हैं। कुछ पेरेंट्स तो सिर्फ होमवर्क के लिए ट्यूटर तक रखते हैं या फिर वे खुद ही बच्चों का होमवर्क कर देते हैं, ताकि उनका बोझ जल्द से जल्द खत्म हो, जो सरासर गलत है।
मनोचिकित्सक कहते हैं कि होमवर्क अगर बच्चे ने खुद नहीं किया होगा तो स्कूल में वह बेहतर प्रदर्शन नहीं कर सकता। देखने में यह भी आता है कि कई बार टीचर खुद इस तरह के प्रोजेक्ट, मॉडल या फिर चार्ट वगैरह बनाने के लिए दे देते हैं, जो खुद बच्चों के हिसाब से कठिन होते हैं या फिर जिनके बारे में उन्हें किसी तरह की कोई जानकारी नहीं होती। कई बार इतना ज्यादा होमवर्क दे दिया जाता है कि बच्चों को खेलने का समय भी नहीं मिलता। ऐसे में बच्चे तनाव का शिकार हो जाते हैं। कुछ बच्चे तो जि़द्दी या चिड़चिड़े तक हो जाते हैं। व होमवर्क करने में आनाकानी करने लगते हैं। ऐसे में टीचर को भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जो विषय बच्चे को दिया जा रहा है, वह बच्चों के मनोविज्ञान के हिसाब से ठीक है भी या नहीं। टीचर को बच्चों से प्रोजेक्ट वर्क स्कूल में ही करवाना चाहिए। इससे वे खुद काम करते हुए अच्छे ढंग से सीखेंगे। यहां पर हम पेरेंट्स के लिए होमवर्क को आसानी से कराने के लिए कुछ टिप्स दे रहे हैं।
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टाइम टेबल बनाएं
सबसे पहले बच्चे का टाइम टेबल बनाएं, ताकि बच्चा उसी नियम के हिसाब से काम करे, जिससे उसे खेलने और पढ़ने दोनों का वक्त मिले। बच्चे से क्षमता से ज्यादा अपेक्षाएं न रखें। जरूरत से ज्यादा अपेक्षाएं बच्चे पर अतिरिक्त मानसिक बोझ डाल सकती हैं।
पढ़ाई को रुचिकर बनाएं
कुछ ऐसे विषय होते हैं, जिससे बच्चे बोर हो जाते हैं। ऐसे विषयों को खेल-खेल में पढ़ाया जा सकता है। आप बच्चे को यू-ट्यूब के ज़रिये भी विषय से सम्बंधित रोचक जानकारियां दे सकते हैं। इससे बच्चे को जल्दी समझ में आता है। पढ़ाई को और ज्यादा रोचक बनाने के लिए रंग-बिरंगे वर्क शीट्स बनाकर, उसी पर छोटे बच्चों का टेस्ट लिया जा सकता है।
उचित वातावरण होना
होमवर्क करते समय उचित वातावरण होना भी जरूरी है। बच्चा ऐसी जगह काम करे, जहां टीवी वगैरह का शोर न आ रहा हो या फिर उस दौरान टीवी या आपसी गपशप बंद कर दें।
पर्याप्त साधन हो
पढ़ाई के दौरान बच्चे के पास पर्याप्त साधन होने चाहिए, ताकि बच्चा अपना समय गंवाए बिना काम कर सके। कुछ बच्चे अपनी पेन-पेन्सिल, या बुक ढूंढ़ने में ही बहुत सा समय गंवा देते हैं।
प्रोजेक्ट तैयार करवाएं
किसी भी प्रोजेक्ट को बनाने के लिए उससे जुड़ी सभी सामग्री को इक_ा कर लें और बच्चे के साथ बैठ कर उसका प्रोजेक्ट तैयार करवाएं। इससे बच्चे में आत्मविश्वास पैदा होगा और विषय की जानकारी भी होगी।
छुट्टी को एन्जॉय करें
एक ब्रेक की जरूरत सभी को होती है। बच्चे भी छुट्टी के दिन फ्री रहना चाहते हैं। वे भी अपनी छुट्टी को एन्जॉय करना चाहते हैं। ऐसे में टाइमटेबल के हिसाब से चलना मुश्किल है। छुट्टी के दिन के लिए अलग से टाइमटेबल बनाएं, जिससे होमवर्क न रह जाएं और बच्चे को छुट्टी का मज़ा भी मिले।
प्लान बनाएं
हॉलीडे होमवर्क को पूरा कराने के लिए ऐसी जगहों जाने का प्लान बनाएं, जिससे आपका मनोरंजन और बच्चे का प्रोजेक्ट दोनों पूरे हो, यानी एक पंथ दो काज इसे ही कहते हैं। इससे बच्चे की समझ का विकास होगा और उसकी मैमोरी भी तेज होगी।
दबाव न डालें

बच्चे पर किसी भी तरह का दबाव न डालें। कुछ पेरेंट्स ऐसा सोचते हैं कि अगर जबरदस्ती नहीं करेंगे तो बच्चा होमवर्क नहीं करेगा। बच्चों पर दबाव डालने से उसके मन में आपके लिए डर पैदा हो सकता है, जिससे रिश्तों में भी खटास हो सकती है।
दोस्ताना व्यवहार रखें
बच्चों से दोस्ताना व्यवहार रखें। अक्सर बच्चे अपनी होमवर्क के प्रति उठने वाली शंकाओं और परेशानियों को पेरेंट्स के सामने नहीं रख पाते। इसके लिए जरूरी है कि बच्चे के साथ दोस्ताना व्यवहार हो, ताकि बच्चा अपनी उलझन को आपके सामने रख सके।
तारीफ जरूर करें
बच्चे के बेहतर प्रदर्शन पर उसकी तारीफ जरूर करें। अगर बच्चा कुछ अच्छा कर रहा है और कुछ नया भी सीख रहा है तो उसे स्वीकार करें और उसकी तारीफ जरूर करें। इससे बच्चे का हौंसला बढ़ेगा। वह आगे भी बेहतर करने की कोशिश करेगा।
रिव्यू करते रहें
समय-समय पर टाइम टेबल का रिव्यू करते रहना चाहिए और पिछली बार आई कमियों को चिन्हित करके उन्हें दूर करने की कोशिश करनी चाहिए। इस काम में बच्चे को शामिल करेंगे तो उसे भी टाइम मेनेजमेंट के महत्व का पता चलेगा, जो उसके भविष्य के लिए बेहतर होगा। रिव्यू वीकली या मंथली दोनों तरह से किया जा सकता है।
रिवीजन करवाएं
कभी-कभी बच्चे को होमवर्क नहीं दिया जाता है। ऐसे मौकों पर बच्चे को कविता या कुछ और याद करने के लिए दिया जा सकता है। मैथ्स के कुछ सवाल रिवीजन करने के लिए दिए जा सकते हैं। बच्चे के कमजोर विषय को पढ़ने के लिए भी दिया जा सकता है। इससे बच्चे दिमाग में यह बात अच्छी तरह से बैठ जाएगी कि पढ़ाई के समय सिर्फ पढ़ाई ही करनी है।
बच्चा खुद होमवर्क करे

होमवर्क करने के दौरान पेरेंट्स बच्चे के साथ बेशक रहें, कोशिश करें कि बच्चा खुद ही अपना होमवर्क करे। साथ होने पर बच्चा केन्द्रित होकर काम भी करेगा और किसी तरह की समस्या होने पर वह आप से पूछ भी सकेगा। इससे बच्चे में आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता दोनों बढ़ती है।

