मेरे पति का नाम चांद कुमार है और उनके सिर पर बाल नहीं हैं। एक बार हम किसी की सगाई में गए। वहां पर गाना चल रहा था। इक बाग में दो-दो चांद खिले, इक घूघंट में, इक बदली में। इतने में पास बैठे मेरे जीजा जी बोल पड़े, हमारी रजनी के  पास तो रात में दो चांद हमेशा ही रहते हैं। मगर न तो घूघंट में और नही बदली में। इसकी तो हर रात चांदनी रात है। जीजा जी की बात सुनते ही सब रिश्तेदार हंसने लगे और मैं शर्म से लाल हो गई।

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