मोहिता मेडिटेशन के फायदे समझती हैं। रोज मेडिटेशन करना उनकी दिनचर्या में शामिल भी हो चुका है। लेकिन अब पिछले कुछ दिनों से वो मेडिटेशन को लेकर परेशान हैं। कहती हैं कि उन्हें अक्सर नींद आ जाती है। जिसकी वजह से भले ही शरीर को आराम मिल जाता हो लेकिन मेडिटेशन वाला फायदा मिल ही नहीं पा रहा है। मेडिटेशन के समय सो जाने वाली दिक्कत अकेले मोहिता की नहीं है। कई लोग मेडिटेशन के साथ नींद के आगोश में खो जाने वाली दिक्कत का सामना करते हैं। मगर इसका हल है। कुछ छोटी बातों का ध्यान करके मेडिटेशन का पूरा फायदा उठाया जा सकता है। 
क्यों आ जाती है नींद-
मेडिटेशन करने की प्रक्रिया है ही कुछ ऐसी कि इसकी वजह से अक्सर नींद आ जाती है। वैसे ऐसा नया-नया मेडिटेशन करने वालों के साथ ज्यादा होता है। दरअसल मेडिटेशन में रिलेक्सेशन और फोकस के बीच बैलेन्स करना होता है। ऐसा करते हुए ही कई बार मन कोई दूसरी राह भी पकड़ लेता है। कोशिश कितनी और किस दिशा में करनी चाहिए, ये जान और समझ लेने के बाद दिक्कत नहीं आती है। ये सबकुछ धीरे-धीरे होता है। कुछ समय के बाद प्रैक्टिस करते-करते मेडिटेशन अच्छे से किया जा सकता है। 
मेडिटेशन लेटकर?-
क्या आप भी उन लोगों में हैं, जो मेडिटेशन लेटकर करते हैं? तो आप गलत करते हैं। आपको ध्यान देना होगा कि हमेशा बैठ कर ही मेडिटेशन को आजमाएं। लेटकर ध्यान लगाएंगी तो नींद आने की दिक्कत वैसे भी बढ़ेगी ही। 
बिस्तर से बाहर आइए-
कई लोग ऐसे भी होते हैं, जो बिस्तर पर बैठकर ही मेडिटेशन करते हैं। जबकि बिस्तर आराम की जगह होती है। यहां बैठकर वैसे भी नींद के ख्याल आने लगते हैं। इसलिए हमेशा खुले माहौल में जमीन पर बैठकर मेडिटेशन सेशन कीजिए। 
सुबह का समय-
मेडिटेशन करने का समय ज्यादातर बार ऐसा समय होता है, जब आप खाली हों। इसलिए कई लोग पूरी दिनचर्या पूरी करने के बाद इसके लिए रात का समय चुनते हैं। जबकि रात में मेडिटेशन करते हुए सो जाने की संभावना ज्यादा होती है। इसके लिए हमेशा सुबह का ऊर्जा से भरा समय चुनिए। पूरा दिन भी अच्छा जाएगा और मेडिटेशन की पूरी प्रक्रिया भी अच्छे से हो जाएगी। सुबह सबसे पहला काम मेडिटेशन का ही करें। 
नींद जरूर पूरी करें-
नींद को वैसे भी प्राकृतिक दवा माना जाता है। यही वजह है कि जो लोग सुकून भरी भरपूर नींद लेते हैं, वो कई बीमारियों से खुद को दूर रख लेते हैं। मेडिटेशन के साथ भी यही फंडा अपनाइए। अपनी नींद जरूर पूरी लें ताकि मेडिटेशन के समय नींद की जरूरत ही न लगे। 
भारी खाना-
अगर सुबह ना भी मेडिटेशन कर पाएं तो याद रखें कभी भी भारी खाना खाने के बाद मेडिटेशन सेशन ना हो। 

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