माइंडफुलनेस मेडिटेशन से हो सकता है तनाव दूर, जानें कैसे: Mindfulness Meditation
Mindfulness Meditation

Mindfulness Meditation: आज के समय में तनाव होना आम बात है फिर चाहे वह काम का दबाव हो या निजी जिम्मेदारियां हो या समाज की आपसे अपेक्षाएं हों, आपको अपने संपूर्ण कल्याण के लिए तनाव का प्रबंध करना बेहद जरूरी है। एक प्रभावी मेथड जिससे मेडिटेशन किया जा सकता है वह है माइंडफूलनेस मेडिटेशन। प्राचीन परंपराओं से चली आ रही इस विधि से तनाव को कम करने और दिमाग को शांत रखने के साथ ही फोकस को बढ़ाया जा सकता है। चलिए जानते हैं, कैसे काम करती है माइंडफूलनेस मेडिटेशन की तकनीक और कैसे स्ट्रेस हो सकता है इससे दूर।

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क्या है माइंडफूलनेस मेडिटेशन

माइंडफूलनेस मेडिटेशन मानसिक ट्रेनिंग का एक ऐसा रूप है जो जागरूकता और फोकस्ड अटेंशनकी ओर प्रोत्साहित करता है। इसमें जानबूझकर और बिना किसी निर्णय के प्रजेंट मोमेंट पर ध्यान देना शामिल है। इस विधि को बौद्ध परंपराओं के समय से किया जा रहा है। माइंडफूलनेस मेडिटेशन में आमतौर पर चुपचाप बैठना और अपनी सांस या किसी विशेष विचार पर ध्यान केंद्रित करना शामिल होता है। इस मेडिटेशन का लक्ष्य दिमाग को खाली करना नहीं, बल्कि बिना किसी लगाव या निर्णय के विचारों और भावनाओं का निरीक्षण करना है। ये प्रैक्टिस वर्तमान क्षणों के बारे में गहरी जागरूकता विकसित करने में मदद करती है, जिससे मन को अधिक संतुलित और ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है।

तनाव को दूर करने में माइंडफूलनेस मेडिटेशन के फायदे

  • साइकोलॉजिकल स्ट्रेस को करता है कम – माइंडफूलनेस मेडिटेशन के सबसे महत्वपूर्ण लाभों में साइकोलॉजिकल स्ट्रेस को कम करना है। कुछ शोधों में भी यह बात सामने आई है कि माइंडफूलनेस के नियमित अभ्यास से शरीर में स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल के लेवल को कम किया जा सकता है। साथ ही प्रजेंट मोंमेंट पर ध्यान केंद्रित करके इंसान तनाव पैदा करने वाले विचारों की सर्कल को तोड़ सकता है, जिससे संपूर्ण स्ट्रेस और एंजायटी को कम किया जा सकता है।
  • भावनाओं को कर सकता है नियंत्रित – माइंडफूलनेस मेडिटेशन इंसानों को अपनी भावनाओं को बेहतर तरीके से नियंत्रण करने की क्षमता को विकसित करने में मदद करता है। जोश में या आवेग में आकर, बिना सोचे-समझे विचारों और भावनाओं का अवलोकन करने से व्यक्ति तनाव और तर्क-वितर्क में फंस जाते हैं। ऐसे में इस मेथड से मेडिटेशन करने से आप इमोशंस को कंट्रोल कर सकते हैं।
  • फोकस और कंसंट्रेशन में होता है सुधार – तनाव की वजह से अक्सर आपका फोकस हिल जाता है। साथ ही कॉग्निटिव फंक्शन भी बाधित होता है, लेकिन माइंडफूलनेस मेडिटेशन से आप वर्तमान क्षणों में फोकस करके ना सिर्फ एकाग्र रह सकते हैं बल्कि आप अपने कामों पर बेहतर तरीके से फोकस भी कर सकते हैं।
  • शारीरिक स्वास्थ्य को देता है बढ़ावा – माइंडफूलनेस मेडिटेशन सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह शारीरिक स्वास्थ्य को भी फायदा देता है। क्रॉनिक स्ट्रेस स्ट्रेस होने से कई स्वास्थ्य समस्या बढ़ जाती हैं जिससे हार्ट डिजीज, हाई ब्लड प्रेशर और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली जैसी समस्याएं होने लगते हैं। तनाव को कम करके माइंडफूलनेस मेडिटेशन ब्लड प्रेशर को कम करने, हृदय स्वास्थ्य में सुधार करने और प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद करता है।
  • नींद को करता है बेहतर – तनाव होने से कई बार नींद की गुणवत्ता भी बिगड़ जाती है। यहां तक की नींद ना आने की समस्या, देर तक जागने की समस्या या फिर ठीक से नींद ना आना, इन सभी समस्याओं को माइंडफूलनेस मेडिटेशन से कंट्रोल किया जा सकता है।
  • होती है सेल्फ अवेयरनेस – माइंडफूलनेस मेडिटेशन के जरिए आपको खुद के बारे में गहरी समझ विकसित होती है। माइंडफूलनेस मेडिटेशन का नियमित अभ्यास करने से इंसान अपने स्ट्रेस के ट्रिगर्स को पहचानता है और उन आदतों और प्रक्रियाओं के बारे में जागरूक होता है जिससे कि उसे अक्सर तनाव होता है। यह सेल्फ अवेयरनेस ना सिर्फ तनाव को प्रतिबंधित करने में मदद करती हैं बल्कि तनाव से होने वाली समस्याओं को भी नियंत्रित किया जा सकता है। इसके अलावा माइंडफूलनेस मेडिटेशन से एक खुशहाल जीवन भी जिया जा सकता है।

कैसे करें माइंडफूलनेस मेडिटेशन

Mindfulness Meditation Tips
Mindfulness Meditation Tips

माइंडफूलनेस मेडिटेशन करना बहुत आसान है। इसके लिए आपको कोई विशेष उपकरण की जरूरत नहीं होती। आपको बस कुछ चीजों को करने की जरूरत है, जैसे-

  • एक शांत जगह खोजें – आप ऐसी जगह का चुनाव करें, जो शांत और आरामदायक हो और आपको कोई परेशान ना करें।
  • अपनी समय सीमा तय करें – शुरुआत में आप 5 से 10 मिनट के लिए यह मेडिटेशन कर सकते हैं। धीरे-धीरे सहज होने के बाद आप यह अवधि बढ़ा सकते हैं।
  • अपनी सांस पर ध्यान दें – अपनी आंखें बंद करें और गहरी सांस ले और अपनी सांस के शरीर में अंदर जाने और बाहर निकालने की प्रक्रिया पर ध्यान दें।
  • अपने विचारों का निरीक्षण करें – जब आप मेडिटेशन करेंगे तो आपके मन में बहुत सारे विचार उठाएंगे। आप उन्हें दबाने के बजाय बिना किसी निर्णय के उनका निरीक्षण करें और धीरे-धीरे आप अपना ध्यान सांस पर वापस ले आएं।
  • लगातार करें – किसी भी काम में परफेक्शन के लिए उसे लगातार करना जरूरी है। माइंडफूलनेस मेडिटेशन के लिए नियमित अभ्यास की आवश्यकता होती है। इसके पूर्ण लाभ के लिए इसे रोजाना एक ही समय पर करें।

निष्कर्ष

ये तो आप समझ ही गए होंगे कि माइंडफुल मेडिटेशन एक ऐसी विधि है जो ना सिर्फ तनाव को प्रतिबंधित करती है बल्कि इंसान की ओवरऑल हेल्थ को बढ़ाने में बहुत महत्वपूर्ण है। माइंडफुल मेडिटेशन विधि से खुद को जागरूक करने के अलावा साइकोलॉजिकल स्ट्रेस को कम किया जा सकता है। इमोशंस को कंट्रोल किया जा सकता है। मानसिक और शारीरिक दोनों तरह के स्वास्थ्य को बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा नींद संबंधी समस्याओं और कई लाइफस्टाइल संबंधी समस्याओं को भी नियंत्रित किया जा सकता है। माइंडफुल मेडिटेशन को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से ना सिर्फ आप संतुलित, फोकस और तनाव मुक्त जीवन जी सकते हैं, बल्कि खुशहाल भी रह सकते हैं। इसके साथ ही माइंडफुल मेडिटेशन सबसे अच्छी बात ये है कि माइंडफुल मेडिटेशन को करना बहुत आसान होता है। इसके लिए किसी उपकरण या विशेष चीजों की जरूरत नहीं होती। बल्कि आपको एकांत जगह चाहिए होती है। साथ ही इसे आप सिर्फ 5 से 10 मिनट से ही शुरू कर सकते हैं।