Winter Meditation: सर्दियों का मौसम कई लोगों के लिए साल का सबसे चुनौतीपूर्ण समय होता है। ठंडा मौसम और छोटे दिन अक्सर अलगाव और अवसाद की भावनाओं को जन्म देते हैं। हालांकि, इन नकारात्मक भावनाओं का मुकाबला करने के कई तरीके हैं और सबसे प्रभावी तरीका है माइंडफुलनेस मेडिटेशन। इस प्रक्रिया में शांत बैठने और वर्तमान समय पर ध्यान केंद्रित करने के लिए समय निकालकर, व्यक्ति आंतरिक शांति और भावना को पैदा कर सकते हैं। सर्दियों के महीने में मेडिटेशन शारीरिक और मानसिक चुनौतियों से लड़ने में मदद करता है। माइंडफुलनेस मेडिटेशन के क्या फायदे हैं और इसका अभ्यास कैसे किया जाता है, चलिए जानते हैं।
क्या है माइंडफुलनेस मेडिटेशन

माइंडफुलनेस मेडिटेशन सदियों पुरानी प्रथा है, जिसके कई शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य लाभ हैं। मेडिटेशन के दौरान, व्यक्ति अपना ध्यान अपनी सांस या किसी विशिष्ट वस्तु पर केंद्रित करता है, जिससे दिमाग शांत हो जाता है और शरीर को आराम मिलता है। सर्दियों के महीनों में तनाव का स्तर सामान्य से अधिक होता है जिससे उभरने के लिए माइंडफुलनेस मेडिटेशन मददगार साबित हो सकता है। मेडिटेशन के दौरान डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज, विजुआलाइजेशन टेक्निक और विचारों को कंट्रोल करके तनाव को दूर करने का प्रयास किया जाता है। विंटर माइंडफुलनेस मेडिटेशन का अभ्यास करने से सकारात्मकता की भावना को बढ़ाने में भी मदद मिलती है।
माइंडफुलनेस मेडिटेशन के लाभ
सर्दियों के दिनों में माइंडफुलनेस मेडिटेशन का नियमित अभ्यास करने से कई तरह के शारीरिक और मानसिक लाभ मिलते हैं। शुरूआत में अपने मन पर काबू पाना थोड़ा मुश्किल लग सकता है लेकिन जैसे-जैसे आप इसका अभ्यास करेंगे वैसे-वैसे आपको इसे करने में मजा आने लगेगा।
– नियमित अभ्यास से कंट्रोल होगा हाई बीपी
– हड्डियों और मांसपेशियों के दर्द से मिलता है आराम
– दिमाग की नसों को शांत करने में मिलती है मदद
– हार्ट रेट को करता है बैलेंस
– मानसिक नकारात्मकता होती है दूर
– तनाव और एंग्जाइटी को कम करे
– पेट संबंधित कई समस्याओं में मिल सकता है आराम
– भावनात्मक रूप से करें व्यक्ति को मजबूत
– नींद की गुणवत्ता में होता है सुधार
सर्दियों में कैसे करें माइंडफुलनेस मेडिटेशन का अभ्यास

सर्दियों में होने वाले तनाव को कम करने के लिए बहुत सी टेक्नीक अपनाई जाती हैं लेकिन चिंता, मूड स्वींग्स और एंग्जाइटी को मैनेज करने के लिए माइंडफुलनेस मेडिटेशन की सलाह दी जाती है। माइंडफुलनेस मेडिटेशन के प्रमुख चार दिशानिर्देश हैं जिसके माध्यम से अभ्यास किया जाता है।
फोकल प्वॉइंट पर करें फोकस
मेडिटेशन की शुरूआत करने के लिए फोकल प्वॉइंट पर फोकस करें। इसके लिए किसी प्वॉइंट, ध्वनि और संकेत पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। जब हम किसी वस्तु को बदलने की कोशिश किए बिना, उसकी आलोचना किए बिना मन को एक जगह केंद्रित करते हैं तभी फोकल प्वॉइंट तक पहुंच पाते हैं।
फोकस पर लौटें
माइंडफुलनेस मेडिटेशन में निरंतर एकाग्रता की आवश्यकता नहीं होती। अभ्यास करते समय व्यक्ति का मन अनिवार्य रूप से भटकता है और जब ऐसा करते हैं तो हमें दोबारा अपना ध्यान फोकल प्वॉइंट पर फोकस करना चाहिए।
स्लो और डीप ब्रीदिंग
माइंडफुलनेस मेडिटेशन की नींव होती है सांसों या ब्रीदिंग की गति। स्लो, डीप और शांत ब्रीदिंग व्यक्ति को सकारात्मक बदलाव के लिए खोलती है। स्लो ब्रीदिंग मन और दिमाग को शांत करने में भी मदद करती है।
एक्सपेक्टेशन न रखें
जब आप ध्यान करते हैं तो अपने आप से किसी तरह की एक्सपेक्टेशन न रखें। सर्दियों के दिनों में मन अधिक उदास होता है इसलिए मेडिटेशन से आप अपने मन को कितना काबू कर पाते हैं इसकी एक्सपेक्टेशन न रखें। शांत मन और हल्की सांसों से जीवन आसान हो सकता है।
