एक बार सन्त पोयेमन के पास एक व्यक्ति आया और उसने कहा, “महाशय, मेरा भाई दुष्ट प्रकृति का है। वह मुझसे हमेशा जला-भुना रहता है। मैं उसे माफ करता हूँ, मगर इसका उस पर कुछ असर नहीं होता, उल्टा मुझ पर वह और नाराज होता है, ऐसा क्यों?” पोयेमन ने उत्तर दिया, “सच-सच बताओ, तुम […]
Author Archives: डॉ. राजेन्द्र पटोरिया
वाह दीपक – अनमोल प्रेरक प्रसंग
दीपक का स्नेह समाप्त हो गया। रुई की बाती चहुं ओर धीमा-धीमा प्रकाश छोड़ रही थी। अन्तिम लौ तीव्रता से चमकी और शून्य में विलीन हो गयी। बुझते दीपक के सम्मुख एक प्रश्न था बन्धु अभी तक तो तुम मंद-मंद जल रहे थे और अब एक साथ अपनी तीव्रतम लौ से वातावरण को अलौकिक कर […]
अवसर – अनमोल प्रेरक प्रसंग
एक बड़े धार्मिक प्रवृत्ति के व्यवसायी थे। उनका वस्त्रें का कारोबार था। एक रात उनकी दुकान में चोरी हो गई। उन्होंने इसे भगवान की मर्जी मानकर सब्र कर लिया। कुछ दिन बाद उन्हें एक और व्यवसायी का संदेश मिला। उसका कहना था कि उनके यहाँ जो सामान चोरी हुआ था, उसे एक आदमी बेचने के […]
कृतज्ञता – इंद्रधनुषी प्रेरक प्रसंग
एक सज्जन थे, भाषा एवं लेखनी के बड़े धनी थे, किसी भी भाव या प्रसंग को शब्दों में कैसे पिरोना है यह उन्हें बहुत अच्छी तरह आता था, आसपास के शहरों में उनकी लेखन कला की काफी प्रसिद्धि भी थी, परन्तु आर्थिक रूप से कुछ कमजोर थे काफी मेहनत से उन्होंने एक किताब लिखी, अपने […]
सद्भावना – अनमोल प्रेरक प्रसंग
घटना उस समय की है, जब श्री लालबहादुर शास्त्री अपने अनेक साथियों के साथ जेल में थे। राजनीतिक बन्दियों के लिए धोबी का प्रबन्ध होते हुए भी ‘शास्त्री जी अपने कपड़े स्वयं ही धोते थे और अपने भोजन में से सारी अच्छी चीजें अधिकांश में दूसरे कैदियों को बाँट देते थे। साथियों ने जब उनके […]
रहस्य – इंद्रधनुषी प्रेरक प्रसंग
सरिता की आत्महत्या सबके लिए आश्चर्य का विषय था। कौन नहीं जानता था सरिता को, पूरे परिवार में वही तो एक सुशील, समझदार, मेहनती व सुन्दर थी। सबका ख्याल रखती। पति, सास, ससुर, देवर, देवरानियाँ सब उससे बहुत खुश थे। सबका काम करती, सबका ध्यान रखती। सारे मोहल्ले में उसकी प्रायः सभी लोग प्रशंसा करते […]
मानव सेवा – अनमोल प्रेरक प्रसंग
एक वयोवृद्ध संत को अपने मंदिर में पूजा पाठ के लिए एक पुजारी की आवश्यकता हुई। उन्होंने आसपास के गाँवों तक यह बात पहुँचा दी और पुजारी बनने के इच्छुक योग्य व्यक्तियों को एक निर्धारित समय पर मंदिर पहुँचने के लिए कहा। दोपहर तक उन्होंने सब लोगों से बातचीत कर ली। विद्वता के मामले में […]
मेहनत का मजा – इंद्रधनुषी प्रेरक प्रसंग
एक चिड़िया थी। एक था कौआ। दोनों में दोस्ती हो गई। एक बार दोनों ने मिल-जुलकर काम करने की सोची। दोनों ने एक खेत लिया। जब खेत बोने का समय आया तो चिड़िया बोली- ‘चलो कौआ भाई, चलकर खेत बोएँ।’ कौआ बड़ा कामचोर था। उसने बहाना बनाया। बोला- ‘चिड़िया रानी, तुम चलो, खेत बोना शुरु […]
खंबा पकड़े हुए हैं – अनमोल प्रेरक प्रसंग
भूदान आंदोलन के प्रणेता आचार्य विनोबा भावे के पास एक मदिराप्रेमी आया और हाथ जोड़कर विनती करने लगा, “क्या करूँ महात्मन! यह मदिरा मेरा पीछा ही नहीं छोड़ती। आप कोई उपाय बताएँ, जिससे मुझे इस लत से मुक्ति मिले।” विनोबा भावे ने कुछ देर सोचा और फिर बोले, “अच्छा, तुम कल आना। लेकिन बाहर से […]
दयाभाव – इंद्रधनुषी प्रेरक प्रसंग
एक नगर के नजदीक एक होटल था। जिसका मालिक लालचंद्र दयालु और सज्जन व्यक्ति था। होटल अच्छी आमदनी देता था। उस सेठ का जीवन सुख से चल रहा था। परिवार में उसके कोई नहीं था, माता-पिता का देहांत काफी समय पहले हो चुका था। उसका विवाह भी नहीं हुआ था। लालचंद्र की एक विशेषता थी […]
