स्वामी रामतीर्थ बच्चों को पढ़ाया करते थे। उन्होंने ब्लैक-बोर्ड पर एक रेखा खींचकर विद्यार्थियों से कहा, “तुममें से कोई ऐसा विद्यार्थी है जो इस रेखा को बिना स्पर्श किए ही छोटा कर दे?” सभी विद्यार्थी सोच में पड़ गए। अंततः एक विद्यार्थी उठा और ब्लैक-बोर्ड के निकट जाकर उस रेखा के आगे समानान्तर एक और […]
Author Archives: डॉ. राजेन्द्र पटोरिया
शास्त्री जी की सादगी – इंद्रधनुषी प्रेरक प्रसंग
पंडित रामनाथ शहर के बाहर अपनी पत्नी के साथ रहते थे। एक बार जब वे विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए जा रहे थे तो पत्नी ने उनसे सवाल किया कि आज खाना कैसे बनेगा क्योंकि घर में केवल एक मुट्टी भर चावल भर है। पंडितजी ने पत्नी की ओर एक नजर देखा, फिर बिना कोई […]
कामचोर – अनमोल प्रेरक प्रसंग
एक लड़का था। बहुत ही कामचोर उसकी शादी हो गई। उसकी माँ ने उसे सबक सिखाने के लिए अपनी बहू को कहा कि वह उसे खाना परोसते समय कहे कि लो ठंडी- बासी रोटी खा लो। बहू ने ऐसा ही कहा। लड़का बहुत बिगड़ा और उसने पूछा कि खाना तो ताजा और गर्म है, फिर […]
संस्कार – इंद्रधनुषी प्रेरक प्रसंग
अमित के बाबूजी का इलाज एक निजी अस्पताल में हुआ। उसने कम्पनी में मेडिकल बिल उठाने के लिए आवेदन किया। बिल के साथ एक शपथ पत्र अमित ने लगाया जिसमें उसने लिखा- “मैं अमित कुमार पुत्र हरीश कुमार जन्म से ही मैं अपने पिता हरीशकुमार जी के साथ रह रहा हूँ।” कम्पनी ने उक्त शपथ […]
चिन्ता – अनमोल प्रेरक प्रसंग
एक राज्य में एक पहलवान था। राजा चाहता था कि उसका वजन कम हो। राजा की आज्ञा से उसका पहले एक समय का, फिर दोनों समय का भोजन बंद कर दिया गया। केवल दोनों समय फलाहार दिया जाता था। पर एक माह के बाद राजा के आश्चर्य का ठिकाना न रहा, जब उसने पाया कि […]
क्षमाशीलता – इंद्रधनुषी प्रेरक प्रसंग
काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना के कुछ ही समय बाद की बात है। कभी-कभी अध्यापक उद्दंड छात्रें को उनकी गलतियों के लिए आर्थिक दंड दे दिया करते थे। मगर छात्र दंड माफ कराने मदन मोहन मालवीयजी के पास पहुँच जाते और महामना माफ भी कर देते थे। यह बात शिक्षकों को अच्छी नहीं लगती थी। […]
अलविदा – अनमोल प्रेरक प्रसंग
एक हरा-भरा वृक्ष था। उसमें बहुत-से छोटे-बड़े हरे पत्ते थे तो कुछ पीले पत्ते भी थे। एक दिन जोरों से आंधी चली। सारे पीले पत्ते जमीन पर आ गिरे। उनको जमीन पर गिरा देखकर हरे पत्ते खिलखिलाकर हंस पड़े, ‘हम लोगों पर बहुत अपना बड़प्पन झाड़ा करते थे, अब जमीन की धूल-मिट्टी में मिल गये, […]
धर्म – इंद्रधनुषी प्रेरक प्रसंग
वाराणसी में गंगा के किनारे एक गुरु जी रहते थे। उनके अनेक शिष्य थे। इस तरह आखिर वह दिन आया जब शिक्षा पूरी होने के बाद गुरु देव उन्हें अपना आशीर्वाद देकर विदा करने वाले थे। सुबह गंगा में स्नान करने के बाद गुरु देव और सभी शिष्य पूजा करने बैठ गए। सभी ध्यान कर […]
उदारता – अनमोल प्रेरक प्रसंग
लाला संतराम रेशम का कारोबार करते थे। रेशम साफ करने में जो कचरा निकलता उसे जमा कर वह छोटे दुकानदारों को बेच दिया करते थे। एक बूढ़ा दुकानदार लालाजी का काफी समय से ग्राहक था। लालाजी उसकी ईमानदारी की काफी प्रशंसा करते थे एवं उससे काफी प्रसन्न थे। एक दिन किसी ने बताया कि बूढ़ा […]
चापलूस और आलोचक – इंद्रधनुषी प्रेरक प्रसंग
अमेरिका के राष्ट्रपति ने अपने कार्यकाल में रक्षा मंत्रलय का कार्यभार एक ऐसे व्यक्ति को सौंपा जो उनका कटु आलोचक था। वह व्यक्ति लिंकन के विरुद्ध कुछ न कुछ गलत बोला करता था। जब यह बात लिंकन के दोस्त को पता चली तो उन्होंने कहा, “क्या आप नहीं जानते कि जिसे आपने रक्षा मंत्रलय का […]
