kamchor
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एक लड़का था। बहुत ही कामचोर उसकी शादी हो गई। उसकी माँ ने उसे सबक सिखाने के लिए अपनी बहू को कहा कि वह उसे खाना परोसते समय कहे कि लो ठंडी-

बासी रोटी खा लो। बहू ने ऐसा ही कहा। लड़का बहुत बिगड़ा और उसने पूछा कि खाना तो ताजा और गर्म है, फिर ऐसा क्यों कहती हो। उसकी पत्नी ने बताया कि उसने अपनी सास के कहने पर यह बात कही थी। वह माँ से लड़ने जा पहुँचा और बोला कि वह उसकी पत्नी को क्यों उल्टी बातें सिखा रही हैः माँ ने कहा कि यह उल्टी बात नहीं है। रोटियां बासी और ठंडी ही हैं।

लड़के की कुछ समझ में नहीं आया तो माँ ने स्पष्ट किया कि अभी हम जो खाना खा रहे हैं, वह तुम्हारे स्वर्गवासी पिता द्वारा कमाए गए और बचाकर रखे गए धन से खरीदा जा रहा है। जब तुम स्वयं कमाने लग जाओगे, तभी रोटियां ताजी कहलाएंगी। लड़के की समझ में आ गया और उसने माँ से वादा किया कि वह अब काम से कभी जी नहीं चुराएगा।

ये कहानी ‘ अनमोल प्रेरक प्रसंग’ किताब से ली गई है, इसकी और कहानियां पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जाएंAnmol Prerak Prasang(अनमोल प्रेरक प्रसंग)