एक बार गुरु गोरखनाथजी ने सोचा कि उन्हें साधना द्वारा जो फल प्राप्त हुआ है, क्यों न उसे किसी योग्य व्यक्ति को दान में दे दिया जाए। और वे योग्य व्यक्ति की तलाश करने लगे। जब वे वाराणसी पहुँचे, तो उन्हें एक संन्यासी दिखायी दिया, जो अपने दण्ड को गंगा में प्रवाहित कर रहा था। […]
Author Archives: डॉ. राजेन्द्र पटोरिया
समय का अंतर – अनमोल प्रेरक प्रसंग
एक गधा घने जंगल में रास्ता भूल जाने से इधर-उधर भटक रहा था। अचानक उसे गुफा दिखाई दी। वह डरते-डरते उस गुफा के पास पहुँचा तो देखा कि उसका ही एक स्वजातीय (गधा) गुफा में सहमा डरा-सा लेटा आराम की मुद्रा में था। उसे देखकर गुमे गधे का खोया साहस जाग गया और उसने गुफा […]
समालोचना – अनमोल प्रेरक प्रसंग
इटली के एक नौजवान चित्रकार ने एक बार बहुत ही सुन्दर चित्र बनाया। यह चित्र उसने जिस-जिस चित्रकार को दिखाया उसी ने पसन्द किया। नौजवान पर स्वयं उस चित्र का ऐसा प्रभाव पड़ा कि वह उसे कई घंटों तक देखता रहा, परंतु फिर भी उसकी आँखें न भरीं। उसकी यही इच्छा थी कि वह चित्र […]
परीक्षा – अनमोल प्रेरक प्रसंग
आयुर्वेद के पंडित आचार्य नागार्जुन को एक सहायक की आवश्यकता थी। कितने ही आयुर्वेद जानकार युवकों ने अपनी सेवाएँ उन्हें समर्पित करनी चाही पर आचार्य को केवल एक सहायक की आवश्यकता थी। आचार्य नागार्जुन ने केवल दो युवकों को चुना। फिर उनकी परीक्षा लेने का निश्चय किया। आचार्यश्री ने दोनों युवकों को भिन्न-भिन्न औषधी बनाकर […]
सच से झूठ बड़ा – अनमोल प्रेरक प्रसंग
देखते-देखते शहर में दंगा हो गया। हिंदू मुस्लिम के खून के प्यासे और मुस्लिम हिंदू के खून के प्यासे हो गये। दोनों गुटों के बीच होड़ मच गयी लोगों को मारने की। शहर हर तरफ से हर-हर महादेव और अल्लाह हो अकबर के नारों से गूंजने लगा। शहर का वर्षों का आपसी सौहार्द कब का […]
गाँव की धूल – अनमोल प्रेरक प्रसंग
काफी देर चलने के बाद वह एक बरगद की छांव में तौलिया बिछा कर बैठ गया। वहाँ उसे लगा कि शहर के सारे विश्रामालय और होटल बेकार हैं। पार्क में धूल- गंदगी का साम्राज्य हो गया है। वहाँ भी लोग शांति महसूस करते हैं, क्योंकि वह भी उन्हें मुश्किल से मयस्सर होता है। बरगद के […]
दृढ़ निश्चय – अनमोल प्रेरक प्रसंग
होली की सुबह मुँह अंधेरे एक बकरी अपने दोनों बच्चों को लिए सरपट जंगल की ओर भाग रही थी। सामने एक गुफा देख झट से बच्चों को साथ लिए अंदर घुस गई, मगर अगले ही क्षण थर-थर काँपने लगी क्योंकि सामने बाघ बैठा उसी को देख रहा था। बकरी सोचने लगी एक तरफ मनुष्य से […]
सर्दी की पीड़ा – अनमोल प्रेरक प्रसंग
रमण महर्षि के आश्रम में कुछ लड़के भी रहने लगे थे। उनमें से एक लड़का गोशाला में सोया करता था। उसके पास कोई बिस्तर नहीं था। महर्षि की निगाह लड़के पर पड़ी। रमण महर्षि ने दयार्द्रभाव से लड़के से पूछा- तुम रात को भी यहीं सोते हो? लड़के ने कहा- हाँ भगवान! और रात को […]
सुखफल – अनमोल प्रेरक प्रसंग
एक समय एक व्यापारी ने व्यापार के सिलसिले में परदेश जाने का निश्चय किया। जाने से पहले बारी-बारी से उसने अपने परिवार के सदस्यों से पूछा कि परदेश से वह उनके लिए क्या लाए? सबने अपनी-अपनी इच्छा बता दी। अंत में वह अपने दास के पास गया और उस पर कृपा करते हुए पूछा कि […]
भावना में परिवर्तन – अनमोल प्रेरक प्रसंग
उन दिनों बनारस नगरी में शीतल नाम के एक ज्ञानीजी रहते थे। वे शांत प्रकृति एवं नेकदिल इंसान थे। उनकी धैर्यशीलता और दयालुता के कारण कई लोग उन्हें त्याग एवं तपस्या का साक्षात देवता कहकर पुकारते थे। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी थे जो उनसे जलन रखते थे। कोई न कोई बहाना ढूँढ़कर वे हमेशा […]
