एक राज्य में एक पहलवान था। राजा चाहता था कि उसका वजन कम हो। राजा की आज्ञा से उसका पहले एक समय का, फिर दोनों समय का भोजन बंद कर दिया गया। केवल दोनों समय फलाहार दिया जाता था। पर एक माह के बाद राजा के आश्चर्य का ठिकाना न रहा, जब उसने पाया कि पहलवान की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ा।
एक दरबारी ने सलाह दी कि महाराज, यदि आप इसका वजन घटाना चाहते हैं तो मैं उपाय बता सकता हूँ। राजा ने दरवारी की राय के अनुसार पहलवान को आदेश दिया कि आज से प्रतिदिन रात को ठीक दस बजे राजमहल में आकर हाजिरी देनी है, यदि एक मिनट भी देर हुई तो उसका सिर कलम कर दिया जायेगा!
राजा ने आश्चर्य पाया कि पांच दिन में ही “पहलवान” का स्वास्थ्य गिर गया। दरबारी ने कहा, “महाराज, व्यक्ति हर हाल में जिंदा रह सकता है, कम खाकर जी सकता है, पर यदि उसे कोई चिंता लग जाये, तो वह उसे चिता तक ले ही जाती है।”
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