fifty shades freed novel in Hindi: “मि. रॉड्रिज, क्या हुआ?” मेरा स्वर कुछ खुरदुरा सा हो आया। ऐसा लगा मानो गले में आंसू घुट रहे हों। रे, प्यारे रे, मेरे डैड!
“उनकी कार का एक्सीडेंट हुआ है।”
“अच्छा… मैं आ रही हूं। मैं अभी आ रही हूं।” पूरे शरीर में भय की सिरहन सी दौड़ गई। सांस लेना भी दूभर हो रहा था।
“वे उन्हें पोर्टलैंड भेज रहे हैं।”
“वे वहां क्या कर रहे हैं?”
“ओह एना! मैं भी वहीं जा रहा हूं। मैंने कार नहीं देखी। मैंने उस पर नजर तक नहीं डाली…।” उनका स्वर भर्रा सा गया।
“मैं तुमसे वहीं मिलता हूं।”
मेरा गला जोरों से घुट रहा है। रे! नहीं, नहीं। मैंने एक गहरी सांस लेते हुए फोन रख दिया और रॉक को पुकारा। उसने दूसरी ही घंटी पर जवाब दिया।
“एना?”
“जैरी, मेरे पापा”
“एना, क्या हुआ?”
मैंने उसे संक्षेप में बताया।
“जाओ तुम्हें जरूर जाना चाहिए। उम्मीद करता हूं कि वे ठीक होंगे।”
“धन्यवाद! मैं तुम्हें बताती रहूंगी।” मैंने झट से फोन पटक दिया।
“हैना।” जैसे ही वह भीतर आई तो मैं अपना सामान बैग में ठूंस रही थी।
“मेरे पापा का एक्सीडेंट हो गया है। मुझे जाना होगा।”
“आज की सारी एपाईंटमेंट रद्द कर दो। सोमवार के लिए भी… और तुम्हें ई-बुक वाले काम को संभालना होगा। चाहो तो किसी की मदद ले लेना।”
“हां। तुम चिंता मत करो। सब ठीक हो जाएगा। यहां हम संभाल लेंगे।”
“अच्छा चलती हूं। मैं तुम्हें फोन करूंगी।” मेरे चेहरे का पीलापन छिपाए नहीं छिप रहा।
“गुडलक एना! ”
मैंने उसे एक छोटी सी मुस्कान दी और अपने-आप को संभालने की कोशिश के साथ आगे बढ़ गई। ज्यों ही मैं बाहर आई तो स्वेयर लपक कर आगे आ गया।
“मिसेज ग्रे!” वह अचानक चकरा सा गया।
“हम पोर्टलैंड जा रहे हैं, अभी…।”
“जी मैम!”
ओह! कार में बैठ कर अच्छा लगा।
“मिसेज ग्रे! क्या मैं अचानक वहां जाने की वजह जान सकता हूं।”
“मेरे डैड का एक्सीडेंट हो गया है।”
“क्या मि. ग्रे जानते हैं?”
“मैं उन्हें अभी बता दूंगी।”
मैंने अपने पति को फोन मिलाया तो उसकी पी ए का स्वर सुनाई दिया।
“मिसेज ग्रे! ”
“हां, वे कहां हैं?”
“यहीं कहीं हैं। फोन चार्ज हो रहा है।”
“क्या उसे कह सकती हो कि मुझे जल्दी से जल्दी फोन करे। कोई एमर्जेंसी है।”
“मैं देखती हूं। वे अक्सर यहां-वहां भटक जाते हैं।”
“मेरा मैसेज दे दो, प्लीज।”
“जी मिसेज ग्रे! सब ठीक है न?”
“नहीं। उन्हें फोन करने को कहो”
“जी, मैम।”
मैंने अपने घुटने मोड़ लिए और आंसू बहाने लगी।
स्वेयर ने मुझसे पोर्टलैंड में अस्पताल का पता पूछा और गाड़ी आगे बढ़ा दी।
“क्रिस्टियन!” मैंने घंटी का स्वर सुनते ही फोन उठाया।
“एना! क्या हुआ? तुम रो क्यों रो रही हो।”
“रे… उनका एक्सीडेंट…”
“शिट!”
“मैं पोर्टलैंड जा रही हूं”
“पोर्टलैंड? स्वेयर साथ है न?”
“हां, कार चला रहा है?”
“रे कहां हैं?”
“ओएचएसयू में”
“हां रॉस! …सॉरी बेबी! मैं तीन घंटे में वहां आता हूं। यहां का काम निपटाना है। मैं अपने जेट में आ जाऊंगा।”
ओह नहीं। चार्ली टैंगो ठीक हो गया है। अगर वह उसमें आया तो पिछली बार की तरह कहीं…। अच्छा! कहने को कह दिया पर सच तो यह था कि मैं उसे अपने पास चाहती थी।
“ठीक है। तुम आराम से आना। मैं नहीं चाहती कि मुझे तुम्हारी चिंता भी हो।”
“अच्छा।”
“लव यू”
“लव यू, बेबी! ”
बाय। मैं उसके काम के बारे में कुछ नहीं जानती। वह ताईवानी लोगों के साथ क्या काम कर रहा है। मुझे कुछ नहीं पता। मैं मन ही मन अपना मंत्र जपने लगी। ओह गॉड रे को ठीक कर दो! रे को ठीक कर दो!
“मिसेज ग्रे! हम पहुंच गए हैं।”
मुझे अस्पताल के बारे में जानकारी थी। एक बार नौकरी के दौरान मेरे पांव पर जब सीढ़ी गिरी थी तो मुझे वहीं लाया गया था।
स्वेयर ने मुझे बाहर आने में मदद की और कहा कि वह बाद में मेरा सामान ले आएगा।
अपने डैड के पास पहुंचने तक मैं हजार मौतें मर चुकी थी। कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूं।
रिसेप्शन पर पूछा कि रेमंड स्टील कहां थे।
पता चला कि उन्हें अभी दाखिल करवाया गया था और वे ओ आर 4 में थे।
मुझे प्रतीक्षा कक्ष में बैठने को कहा गया।
“क्या वे ठीक हैं? मैंने लड़खड़ाते सुर में पूछा।
“मैम! आपको इंतजार करना होगा। मुझे इस बारे में नहीं पता।” उसने कहा।
“थैंक्स!”
मैं डर रही हूं और डैड की असली हालत के बारे में जानना चाहती हूं पर वहां बताने वाला कोई नहीं था।
प्रतीक्षा कक्ष में मि. रॉड्रिग्ज दिखे। उनकी बांह पर पलस्तर था और गाल पर भी खरोंचें दिख रही थीं। वे पहिया कुर्सी पर हैं क्योंकि पांव पर भी पलस्तर बंधा है।
“ओह! ये क्या हुआ?” मैं उनसे लिपट कर रोने लगी।
“एना हनी! आई एम सॉरी।”
“अरे नहीं! वे माफी क्यों मांग रहे हैं।”
“नहीं पापा!” जोस ने मुझे देखा और बांहों में खींच लिया।
मैं उसकी बांहों से लग कर रोने लगी। हम बहुत देर तक यूं ही खड़े रहे और मैं अपनी दोस्त की एहसानमंद थी कि वह मेरे लिए वहां था। जब स्वेयर अंदर आया तो हम अलग हो गए और मैंने टिश्यू से अपने आंसू पोछ लिए।
मैंने स्वेयर से उनका परिचय करवाया और वह कोने में जा कर बैठ गया।
“बैठो एना।”
“क्या हुआ? क्या हमें पता है कि उनकी तबीयत कैसी है? वे क्या कर रहे हैं?”
जोस ने कहा, “मैं, डैड और रे, मछली पकड़ने के लिए एस्टोरिया गए थे। कुछ पियक्कड़ों ने हमारी गाड़ी में टक्कर दे मारी। मुझे कुछ खास चोट नहीं आई। डैड की कलाई और टखना टूट गया पर रे को ज्यादा चोट आई है। उनकी सर्जरी हो रही है।”
अरे नहीं….नहीं! रे को कितनी चोट आई होगी।
“अब वे कैसे हैं?”
“अभी हमें उनकी कोई खबर नहीं दी गई”
मैं कांपने लगी।
“एना! तुम्हें ठंड लग रही है।”
मैंने हामी भरी और जोस ने अपनी जैकेट मुझे पहना दी।
“मैम! मैं आपके लिए चाय लाता हूं।” स्वेयर बाहर चला गया।
“तुम लोग एस्टोरिया में क्यों गए?”
“वहां हम तीनों ने बहुत अच्छा वक्त बिताया।”
“तुम लोगों को भी ज्यादा चोटें आ सकती थीं। ओह गॉड! ”
“एना! तुम तो बर्फ की तरह ठंडी पड़ी हो।” ओसे ने मेरा हाथ थाम कर कहा।
दोनों बाप-बेटे ने मेरा एक-एक हाथ थाम लिया और बताया कि उस अहमक को पुलिस ने पकड़ लिया था।
तभी स्वेयर मेरे लिए चाय ले आया। वह जानता है कि मैं किस तरह चाय पीना पसंद करती हूं। ये लोग हमारी हर बात का कितना ध्यान रखते हैं।
“क्या आप लोग कुछ लेंगे?” उसने उन दोनों से पूछा और फिर अपनी सीट पर कोने में बैठ गया।
मैंने अपनी चाय पी और मन ही मन भगवान से प्रार्थना करने लगी कि मेरे डैड अच्छे हो जाएं।
मैं बेचैनी से चक्कर काटती रही। डॉक्टर के आने का इंतजार करती रही। फिर जोस ने मेरा हाथ थाम लिया। तभी दरवाजा खुला। हम सबने एक साथ देखा तो क्रिस्टियन दिखाई दिया। मेरा हाथ जोस के हाथ में देखते ही उसका चेहरा स्याह हो गया।
“क्रिस्टियन!” मैं सीधा उसके पास जा पहुंची और उसके शरीर से सट गई। उसकी गंध और स्पर्श से मुझे राहत मिली। मुझे अच्छा लगा कि अब वह मेरे साथ था। दिल को सहारा सा मिल गया।
“कोई खबर?”
मैंने गर्दन हिलाई।
मैंने जोस के पापा से परिचय करवाया और बताया कि उन दोनों का भी एक्सीडेंट हुआ था।
“क्या आप दोनों यहां बैठने की हालत में हैं।”
“हां, हमें कहीं और चैन नहीं आएगा।” जोस के पापा ने कहा।
क्रिस्टियन ने मेरा हाथ थामा और कुर्सी पर बैठ गया।
“क्या तुमने कुछ खाया?”
“नहीं?”
“तुम्हें ठंड लग रही है।”
“हां? ”
उसने जोस की जैकेट तो देखी पर कुछ कहा नहीं।
तभी एक डॉक्टर भीतर आया। वह डरा हुआ दिखा।
“रे स्टील।” क्रिस्टियन ने अपनी बाजू मेरी कमर में डाल ली।
“मैं उनकी बेटी हूं एना”
“मिस स्टील”
“मिसेज ग्रे!”
“माफ कीजिए। मैं डॉ. क्रो हूं। आपके डैड ठीक हैं पर अभी हालत संतोषजनक नहीं कह सकते।”
“मतलब?” मेरे पांव लड़खड़ा से गए।
“उन्हें कई अंदरूनी चोटें आई हैं। हमने उन्हें ठीक भी किया पर ऑपरेशन के दौरान ही उन्हें हार्ट अटैक आ गया क्योंकि खून बहुत बह गया था। हमने किसी तरह सब संभाला पर अभी हालत ठीक नहीं है। सिर में लगी चोट के कारण दिमाग में भी सूजन है। हमने उन्हें सुलाने की दवा दी है और उस सूजन को देख रहे हैं।”
“दिमाग में सूजन, अरे नहीं…”
“हमें इन मामलों में इंतजार करना होता है।”
“क्या वे ठीक तो हो जाएंगे।”
“मि. ग्रे! अभी कुछ कह नहीं सकते। हो सकता है कि वह पूरी तरह से ठीक हो जाएं पर ये भगवान के हाथों में है।”
“आप उन्हें कोमा में कब तक रखेंगे? करीब 72 से 96 घंटों तक…”
“क्या मैं उन्हें देख सकती हूं।”
“करीब आधे घंटे बाद, हम उन्हें आईसीयू में भेज रहे हैं।”
डॉक्टर के जाने के बाद जोस ने कहा कि उसे और पापा को घर जाना चाहिए और वे शाम को आ जाएंगे क्योंकि पापा को भी आराम चाहिए।
“बेशक।” मैंने जवाब दिया।
“क्या तुम लोग पोर्टलैंड में ही ठहरे हो?” क्रिस्टियन ने पूछा।
“जी।” जोस ने जवाब दिया।
जोस टैक्सी के लिए कहने ही वाला था कि क्रिस्टियन ने स्वेयर को इशारा कर दिया कि वह उन्हें छोड़ आए।
वे लोग बारी-बारी से गले मिले और रॉड्रिग्ज मेरे कान में बोले
“एना! रे मजबूत काठी का आदमी है। उसे कुछ नहीं होगा।”
मैंने जैकेट वापस करते हुए धन्यवाद दिया।
उन लोगों के जाने के बाद मैं और क्रिस्टियन अकेले रह गए। उसने मेरे गाल सहलाए
“तुम्हारा चेहरा पीला पड़ गया है। यहां आ कर बैठो।”
उसने मुझे गोद में खींच लिया और बाल सहलाने लगा।
“चार्ली टैंगो का सफर कैसा रहा?”
“बढ़िया!”
“तुम्हारा काम कैसा रहा”
“हां मुझे ताइवानी लोगों के साथ शिपयॉर्ड की डील करनी थी। ये हमारे हक में रही।”
“बहुत अच्छे।”
“कुछ ही देर बाद हम रे को देखने चल दिए।
डैडी..
वे इतने बड़े पलंग में कितने छोटे से दिख रहे हैं। कई तरह के पाइपों व उपकरणों से घिरे रे को देख मेरे आंसू निकल गए। उनके पांव पर पलस्तर है।
उनके मुंह पर वेंटीलेटर लगा था। कमरे में बीप… बीप… का सुर सुनाई दे रहा था।
ओह डैडी
वे अपनी बेहोशी में भी कितने शांत दिख रहे हैं।
नर्स ने मुझे बताया कि मैं उन्हें छू सकती थी। उनके पास बैठ सकती थी। वे गहरी बेहोशी में थे पर मैं उनकी बांह पर सिर रख कर रोती रही। मेरे पति ने सहारा दे कर चुप करवाया। वह किसी काम से बाहर गया तो मैं रे के पास बैठ गई और उन्हें अपने जीवन की यादगार घटनाओं के बारे में बताने लगी। मैं नहीं जानती कि वे कुछ सुन रहे हैं या नहीं पर मुझे इतना पता है कि वे बेहतर महसूस करेंगे।
क्रिस्टियन ने मुझे आश्वासन दिया कि उसने हमारे नंबर नर्सों को दे दिए हैं। रे कोमा में हैं। अगर उनकी हालत में जरा सा भी बदलाव आया तो वे हमें सूचित कर देंगे। तब तक हमें किसी होटल में चल कर कुछ खाना चाहिए और आराम करना चाहिए।
मेरे पति का रवैया देखने लायक है। वह इस मुश्किल की घड़ी में मुझे अपना पूरा साथ दे रहा है। किसी छोटे बच्चे की तरह मेरी देख रेख कर रहा है। उसने टेलर से कह कर रात को बदलने वाले कपड़े भी मंगा लिए हैं।
मैं बहुत घबराई हुई हूं। उसे मेरा यह रूप पसंद नहीं है।
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वह बोला, “तुम तो कितनी बहादुर हो। आज तुम ही हिम्मत हार कर दिखा रही हो। हौंसला रखो। सब ठीक हो जाएगा।”
मैं कुछ समझ नहीं पा रही। मैं सदमे में हूं और अजीब सा महसूस कर रही हूं। उसने मुझे अपनी बांहों में भर लिया।
“बेबी! वे ठीक हैं। उनके सभी अंग सही तरह से काम कर रहे हैं। बस हमें धैर्य रखना है। वे ठीक हो जाएंगे।” वह मुझे बाथरूम की ओर ले गया और कपड़े उतार दिए।
मैं बहुत ही प्यार से अपने पति की बांहों में हूं। गर्म पानी से भरे टब में हम दोनों मग्न हो कर लेटे हैं। चारों ओर कमल के फूलों की खुशबू है और मैं रिलैक्स महसूस कर रही हूं।
“तुम लीला के साथ नहाए तो नहीं थे, जब तुमने उसे नहलाया था?”
अचानक ही उसके कंधों में जकड़न आ गई।
उसने हैरानी से कहा, “नहीं तो”
मैंने भी यही सोचा था।
“ठीक है।”
उसने मेरा मुंह अपनी ओर घुमा कर पूछा
“तुम ऐसा क्यों पूछ रही हो”
“बस यूं ही।”
“तुम उसे कब तक मदद दोगे?”
जब तक वह अपने पैरों पर खड़ी नहीं हो जाती। क्यों?”
“क्या ऐसी और भी हैं?”
“और?”
“तुम्हारी मदद पाने वाली एक्स?”
“हां, पहले एक थी। पर अब नहीं है”
“ओह”
“वह डॉक्टर बनना चाहती थी। अब वह किसी के साथ है।”
“किसी सेक्स मालिक के साथ?”
“हां”
“लीला ने कहा था कि तुमने उसकी दो पेंटिंग ली हैं।”
“हां। वैसे मुझे परवाह नहीं है। मेरे लिए बहुत रंगीन हैं। शायद इलियट ले ले क्योंकि उसे कला की समझ नहीं है।”
मैं हंसते हुए उसे सहलाने लगी
“ओह! ये ठीक है।”
“वह मेरी सबसे पक्की सहेली से शादी कर रहा है।”
“तब तो मुझे अपना मुंह बंद ही रखना चाहिए।”
नहा कर बहुत आराम मिला। मैंने पलंग पर पड़े बैग देखे। इतने कपड़े? एक में मेरे लिए जींस और टोपी वाली टीशर्ट थी।
टेलर ने पूरे सप्ताह के कपड़े ले लिए और उसे मेरी पसंद पता है। मुझे याद आ गया, जब मैं हीथमैन में थी तो वही मेरे लिए सबसे पहले कपड़े खरीद कर लाया था।
“क्लेटन में मुझे तंग करने के लिए जाने के सिवा क्या तुमने कभी कोई खरीदारी भी की है?”
“मैं और तंग कर रहा था”
“जी हां! ”
“जहां तक मुझे याद है तुम वहां उस पॉल से तंग थीं।”
“तुम्हारे चाहने वालों में से एक…”
“चलो कपड़े पहनो। कहीं ठंड न लग जाए।”
“तैयार।” मैंने कहा।
वह काली जींस व ग्रे स्वेटर में है। मुझे नई पोशाक में देख कर बोला।
“तुम कितनी छोटी दिख रही हो और कल तुम एक साल बड़ी हो जाओगी।”
“मैं जन्मदिन नहीं मनाना चाहती। रे को देखने चलें?”
“हां पर पहले कुछ खा लो। तुमने खाने को हाथ तक नहीं लगाया।”
“क्रिस्टियन प्लीज! पहले रे को गुडनाईट कर दें। फिर शायद मैं कुछ खा सकूंगी।”
हम आईसीयू में गए तो जोस जा रहा था। वह अकेला आया था।
“डैड कहां हैं?”
“वे घर पर हैं। दवाओं के नशे में हैं। वे आना चाहते थे पर बड़ी मुश्किल से सुला कर आया हूं।” उसने कहा।
“ओह बर्थडे गर्ल कल मिलते हैं।” वह जाने से पहले गले मिला।
क्रिस्टियन को भी बाय कहा और चला गया।
हम अंदर गए तो ग्रेस से मुलाकात हुई। ग्रेस किसी दूसरी महिला से बात कर रही हैं। वे भी एक डॉक्टर हैं और उन्होंने मुझे तसल्ली दी कि मेरे डैड बहुत जल्द ही अच्छे हो जाएंगे। उनकी तबीयत में सुधार हो रहा है।
ग्रेस ने प्यार से गलबांही दे कर भरोसा दिलाया कि मेरे डैड जल्दी अच्छे हो जाएंगे। मुझे उनसे मिल कर अच्छा लगा। वे सब मुझे डैड के पास छोड़ कर चले गए और मैं उनके पास बैठ गई।
बाद में क्रिस्टियन से पता चला कि उसने अपनी मॉम को सुबह फोन किया था और वे मेरे डैड को देखने आना चाहती थीं। सुन कर अच्छा लगा। ऐसा लगा कि परिवार का सहारा मिल गया हो।
रात को हम लेटने लगे तो क्रिस्टियन ने मुझसे वादा लिया कि मैं सुबह कुछ न कुछ अवश्य खाऊंगी।
“क्रिस्टियन! मेरे पास आने के लिए धन्यवाद! ”
“मैं तुम्हारे पास नहीं आता तो कहां जाता। एना! तुम तो मेरे लिए सब कुछ हो।” वह बोला
मैं लजा गई। बेशक उसके साथ होने से मेरा तनाव कितना छंट गया। उसे तो सब कुछ संभालना आता है।
हम दोनों लेट कर हीथमैन में बिताई पहली रात की बातें करते रहे और उसने मुझे बताया कि वह उस रात कैसे मुझे घंटों ताकता रहा था। मैंने बड़े ही सुकून से अपने पति की बांह को अपना तकिया बनाया और गहरी नींद में सो गई। आज का दिन वाकई भावात्मक रूप से बहुत थकाने वाला रहा था।
