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आओ, हम ही श्रीगणेश करें

“मम्मी गर्मी से मैं जला जा रहा हूं, मुझे बचा लो” मां ने रोते हुए बच्चे को सीने से लगाकर कहा,” मत रो बेटे, इस गर्मी से तो पूरा संसार ही जला जा रहा है. आदमी स्वार्थ में अंधा हो कर बेहिसाब पेड़ काट रहा है इससे प्राकृतिक संतुलन बिगड़ गया है अब ये सब कष्ट […]

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कवि सम्मेलन के अध्यक्ष की योग्यता

क्या अध्यक्षता बेवकूफ ही करते हैं- नहीं, बुद्धिमान भी करते हैं- पत्नी जी रहस्यमय ढंग से मुस्करा रही थीं, वे सामने विराजमान रंगीनी देखकर वाह-वाह करते हैं।

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ग्रहलक्ष्मी की कहानियां-पांच के सिक्के

जया, मेरी वाइफ नहीं है। लेकिन वो मेरे अब तक कुंवारे होने का कारण जरूर है। क्या कहूं, कोई मिली नहीं उसके जैसी या कहूं कि ढूंढा ही नहीं।

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बच्चों से बढ़ती इज्जत

आज मेरी बेटी को नौकरी का कॉल लेटर मिला। हमारी तो खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा। इससे पहले घर वाले उसके प्रतियोगिता परीक्षा में बैठने पर हम पति-पत्नी पर चिल्ला रहे थे कि अपनी हैसियत की पढ़ाई कराओ। हमारा स्तर अपने परिवार में सबसे नीचा था। बाकी मेरे देवर व जेठ सब इंजीनियर थे। […]

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दुख- सुख का नजरिया

एक दिन एक महिला ने एक महात्मा जी से कहा, “मैं बहुत दुखी हूं, आप मुझे सुखी बना दीजिए।” “साधु ने उससे पूछा, “तुम दुखी क्यों हो, क्या तुम्हारे पास खाने को रोटी नहीं है?” “है महाराज, मेरे पास रोटी ही क्या दाल, चावल, सब्जी और मिठाई भी है।” “तो क्या तुम्हारे पास बच्चे, घर […]

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बांसुरी की स्वरलहरियां

सूरज क्षितिज से मुलाकात के लिए चल पड़ा है। पवन भी उसके साथ है। पंछी की आवाजें कुछ मदधिम पड़ने लगी है। सांझ फैलने लगी है। बच्चे  मैदान में खेल रहे हैं। महिलाएं टोलियों में सैर कर रही हैं। इतनी सारी गतिविधियों के बीच बांसुरी की तान वातावरण में सुगंध की तरह तिर रही है। […]

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गृहलक्ष्मी की कहानियां : अपनी- अपनी सोच

रितु से मोबाइल से सम्बंधित ढेर सारी जानकारी हासिल करते हुए ना तो उन्हें किसी कमतरी का अहसास हुआ और ना ही उनका अहं आहत हुआ…

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हौसले की उड़ान 

बिहार के वैशाली जिले के उस छोटे से कस्बे में आज जश्न का माहौल है। हर कोई उमंग में डुबा हुआ है, और हो भी क्यों नए आखिर एक स्कूल मास्टर की बेटी का भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयन जो हुआ है। दीनदयाल सिंंह जी की इकलौती बेटी प्रतिभा ने अपनी अटूट मेहनत और लगन […]

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बरसाने की बारात में चौधरी – गृहलक्ष्मी कहानियां

भले ही खुद के घर में इनकी कौड़ी इज्जत ना हो पर बाहर किसी की मौत हो या शादी, ये अपना ज्ञान बघारने से बिलकुल भी नही चूकते। ऐसी चौधराहट दिखाते हैं कि घर वाले भी बाहर वाले लगने लगते हैं।

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जय हो पति देवता

आज सुबह की ही बात है कि पतिदेव नहाने के बाद अपनी शर्ट कहीं रखकर भूल गए। अब जिद भी यही कि उनको वही शर्ट पहनकर भी जानी है। काफी देर तक उनका रिकार्ड सुनने के बाद मैंने शर्ट ढूंढ़कर दे तो दी लेकिन वह पहनने लायक नहीं रह गई थी। जनाब ने तौलिया समझकर […]

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