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पीला गुलाब

मैं दिल ही दिल उससे नफरत करती हूं, मैं नहीं चाहती कि वह अच्छे नंबरों से पास हो एवं सबकी प्रशंसा की पात्र बने, इसीलिए मैंने उसका नाम भी एक साधारण से स्कूल में लिखवाया है, जबकि मेरी बेटी कान्वेंट में पढ़ रही है।

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सपनों की उड़ान – गृहलक्ष्मी कहानियां

बचपन से एक सपना था, आईआईटी में एडमिशन लेने का, एक विश्वास कि- हां! कुछ करना है। इस विश्वास ने कब जुनून का रूप ले लिया, इसका मुझे खुद भी पता नहीं चला।

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नम्मो की शादी – गृहलक्ष्मी कहानियां

जब भी मैं नम्रता की कहानी सुनाना चाहता हूं, कलेजा मुंह को आ जाता है यह भी समझ नहीं आता कि कहां से शुरू करूं पता नहीं वह ऊपर वाला ऐसी निष्ठुर कहानियां रचता कैसे है। क्या पत्थर का दिल है उसका ! आज मैंने मन कड़ा करके यह निश्चय कर लिया है कि आपको नम्मो की कथा सुनाकर ही रहूंगा।

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गृहलक्ष्मी की कहानियां : अंतर्द्वंद

आज सुबह से ही विभा का दिल बहुत बेचैन था। रह रह कर उसे कुछ अनजाना सा भय सता रहा था। जैसे तैसे करके उसने अपना सारा काम निपटाया और छुट्टी का समय होते ही घर के लिए निकलने की तैयारी करने लगी।

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